(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (Kaleshwaram Lift Irrigation Project)
मुख्य बिंदु:
- हाल ही में इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना मानी जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट परियोजना बनकर तैयार हो गयी जिसका उद्घाटन तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के सीएम ने 21 जून को किया।
- गोदावरी नदी पर बनी कालेश्वरम लिफ्ट परियोजना अपने रिकॉर्ड समय में बनने वाली दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं में शामिल हो गयी है।
- ऐसे में कालेश्वरम लिफ्ट परियोजना के बारे में जानना बेहद खास हो जाता है। तो आईए DNS के आज के इस अंक में हम बात करेंगे कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना की।
कालेश्वरम लिफ्ट परियोजना से संबंधित तथ्यः
- यह परियोजना मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEII) और भेल के सहयोग से 82000 करोड़ रुपये की लागत से मात्र तीन साल में तैयार हुई है।
- इस परियोजना में 20 पंप हाउसों के माध्यम से एक दिन में 3 TMC पानी लिफ्ट करने की योजना है जिसके लिए 120 मशीनें जिसमें हर एक मशीन में एक पंप और एक मोटर स्थापित की गयी है।
- इस परियोजना में 22 पंप हाउस शामिल है जिसमें 17 पंप हाउसों का निर्माण MEII द्वारा ही किया जा रहा है।
- इस परियोजना में प्रतिदिन 3 TMC पानी पंप करने के लिए 7152 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी, जिसमें पहले चरण में 4992 मेगावाट बिजली का प्रयोग 2 TMC पानी पंप करने के लिए किया जा रहा है।
- फिलहाल प्रथम चरण में लिंग-1 के तौर पर मेदिगड्डा, अभाराम, सुंडिला पंप हाउसों को पानी पंप करने के लिए आंशिक रूप से तैयार किया जाता रहा है।
- लिंक-2 में दुनिया का सबसे बड़ा भूमिगत पंप हाउस भी प्रतिदिन 2 TMC पानी लिफ्ट करने के लिए तैयार है।
परियोजना के लाभः
- तेलंगाना में गोदावरी सहित कई नदियां है फिर भी नदियों के जल का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा था, किसान लगातार सूखे का सामना करते हुए आत्महत्या की राह चुन रहे थे।
- इस संकट से निपटने के लिए गोदावरी नदी के पानी को लिफ्ट करने की एक योजना बनायी गयी।
- इस परियोजना के माध्यम से तेलंगाना के 13 जिलों को 18 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई के अलावा राज्य के पेयजल संकट को भी दूर किया जाएगा।
- साथ ही महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के कई जिलों में भी जलसंकट जैसी गंभीर समस्या को दूर किया जा सकता है।
लिफ्ट परियोजनाओं से संबंधित अन्य तथ्य हैः
- वर्तमान में अमेरिका का कोलोराडो लिफ्ट योजना तथा मिश्र का मानव निर्मित नदी पर बनी योजना दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट योजना मानी जाती है।
- इन योजनाओं की क्षमता अश्वशक्ति में है और इन्हें पूरा करने में लगभग तीन दशक का समय लगा था।
- वर्ष 2000 में तेलगु राज्यों में बड़े पैमाने पर लिफ्ट परियोजनाएँ शुरू की गयी जिनमें- हंड्री-नीला, देवडुला, कलवाकुर्थी, पद्रिसेमा, पुरूषोत्तमपुरम इत्यादि शामिल हैं।
- अब तक भारी मशीनरी का प्रयोग केवल कलवाकुर्थी लिफ्ट परियोजना के लिए ही किया जाता है लेकिन इसकी अधिकतम क्षमता 40 मेगावाट तक ही है।
- मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने इससे पहले भी पट्टिसेमा परियोजना को रिकार्ड तोड़ समय में पूरा किया था जिसके लिए MEIL का नाम ‘‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’’ में दर्ज किया गया।
- बताते चले इस कंपनी ने 2012 में हैंड्री- नीवा लिफ्ट परियोजना पूरी की और तब से अब तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।
- भारत में कई विशिष्ट लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं MEIL द्वारा ही संपादित की जाती है साथ ही यह एक रखाव की जिम्मेदारी भी निभाता है।