(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस (Indigenous Light Combat Aircraft Tejas)
मुख्य बिंदु:
बीते 13 सितम्बर को...भारत ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का सफल परीक्षण किया..इस परीक्षण से...भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में...शामिल हो गया जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम...जेट विमान का डिजाईन तैयार कर सकते हैं..इस परीक्षण की विशेष बात ये रही...कि इसे विमानवाहक पोत पर अरेस्टेड लैंडिंग के तहत उतारा गया..गौरतलब है कि...अरेस्टेड लैंडिंग के अंतर्गत..रनवे की सीमित और निश्चित लम्बाई पर..इन हल्के विमानों को...अपनी रफ़्तार कम करते हुए...लैंड करना पड़ता है...
आज के DNS में हम आपको तेजस विमान के विषय में बताएँगे...साथ ही इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी चर्चा करेंगे...
जैसा कि हमने आपको बताया कि तेजस एक हल्का लड़ाकू विमान है..यह हल्के लड़ाकू विमान का नौसैनिक संस्करण है...इसे DRDO,एयरोनौटिक डेवलपमेंट एजेंसी,हिंदुस्तान एयरोनौटिक डेवलपमेंट का एयरक्राफ्ट रिसर्च एवं डिजाईन सेंटर और CSIR ने साथ मिलकर तैयार किया है..
तेजस पूर्णत: स्वदेश निर्मित है...जिसमें एक सीट और एक इंजन होता है..साथ ही यह अकेले अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम होता है...इस विमान कार्यक्रम का आधिकारिक नाम तेजस...4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया...गौरतलब है कि यह पुराने पड़ चुके मिग-21 विमान का स्थान लेगी...
वर्ष 1980 में दो...उद्देश्यों की पूर्ती हेतु...इस विमान कार्यक्रम की नीवं रखी गई... पहला पुराने पड़ते जा रहे मिग-21 विमान की खत्म होती उपयोगिता...और भारत के घरेलू एयरोस्पेस उद्योग की चौतरफा उन्नति करने हेतु..
आपको बता दें कि...1947 में स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद...भारतीय
नेताओं ने विमानन और अन्य सामरिक उद्योगों में...आत्मनिर्भरता कायम करने का एक
महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया।
एयरोस्पेस की "आत्मनिर्भरता" की पहल का महत्व...केवल एक विमान के निर्माण का ही नहीं
है...बल्कि स्थानीय उद्योग को स्टेट ऑफ ऑर्ट उत्पादों के निर्माण के काबिल बनाना...और
वैश्विक बाजार में वाणिज्यिक पहचान से लैस करना है।
एलसीए कार्यक्रम...यानि लाईट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का उद्देश्य...आधुनिक उड्डयन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में...भारत के स्वदेशी एयरोस्पेस क्षमताओं को...और विस्तृत एवं समुन्नत करना है।
कि तेजस की खासियत क्या है?
वायुसेना का सबसे ताकतवर... एयर क्राफ्ट तेजस... पलक झपकते आसमान की बुलदियों को छू सकता है..साथ ही कम ऊंचाई पर जाकर दुश्मनों पर निशाना साध सकता है..200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से... और पचास हज़ार फीट की ऊंचाई तक...उड़ान भर सकता है...यह 9,5000 किलो के वजन को ले जाने में सक्षम है... और डर्बी एवं अस्त्र मिसाइल से भी लैस हो सकता है..इसके अलावा यह लेजर गाइडेड बम से हमला करने में भी सक्षम है..
इसकी संरचना की बात करें तो यह एकल इंजन,डेल्टा विंग का स्वरुप लिए विविध भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है... जिसकी लम्बाई 13.20 मीटर और भार 5680 किलोग्राम होता है..इसकी सुपरसोनिक रफ़्तार 1.8 मेक...और रेंज 3000 किलोमीटर है..
आपको बता दें कि...इसका हल्का और तीक्ष्ण स्वरुप इसे तेज़ रफ़्तार का बनाता है और साथ ही...किसी भी भगौलिक परिस्थिति जैसे-पर्वतीय भू-स्थिति,रेगिस्तानी इलाका या समुद्री क्षेत्र में... भारत के सामने आने वाली हर चुनौतियों का... माकूल जवाब देने में सक्षम बनाती है..
तेजस के संबंध में एक महत्वपूर्ण शब्दावली अरेस्टेड लैंडिंग का प्रयोग किया जा रहा है...आइए समझते हैं कि अरेस्टेड लैंडिंग क्या होती है...
अरेस्टेड लैंडिंग के लिए.... विमानों के पीछे के हिस्से में... स्टील वायर से जोड़कर... एक हुक लगाया जाता है... लैंडिंग के दौरान पायलट को... यह हुक युद्धपोत या शिप में लगे... स्टील के मजबूत केबल्स में... फंसाना होता है.. जैसे ही प्लेन... रफ्तार कम करते हुए डेक पर उतरता है... हुक तारों में पकड़कर.. उसे थोड़ी दूरी पर रोक लेता है।
यह जानना जरुरी है कि... नौसेना में शामिल होने के लिए... विमानों के हल्का होने के साथ ही... उसे अरेस्टेड लैंडिंग में भी सक्षम होना चाहिए।
आपको बता दें कि... युद्धपोत एक निश्चित भार ही उठा सकता है... इसलिए विमानों का हल्का होना जरूरी है।
साथ ही साथ युद्धपोत पर बने... रनवे की लंबाई निश्चित होती है। ऐसे में विमानों को लैंडिंग के दौरान... रफ्तार कम करते हुए रनवे पर... जल्दी रुकना पड़ता है। इस विशेष परिस्थिति में... इन विमानों की अरेस्टेड लैंडिंग अपरिहार्य हो जाती है। गौरतलब है कि..तेजस यह मुकाम पाने वाला देश का पहला एयरक्राफ्ट बन गया।
अरस्टेड लैंडिंग के साथ... इस परीक्षण में सफलता प्राप्त करने वाला... भारत छठा देश बन गया है।
इससे पहले अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन द्वारा निर्मित कुछ विमानों में ही... अरेस्टेड लैंडिंग की तकनीक रही है। तेजस की अरेस्टेड लैंडिंग सफल होने के साथ ही... विमान को नौसेना में शामिल किए जाने का एक चरण पूरा हो गया है...अब इसकी अगली परीक्षा आईएनएस विक्रमादित्य पर होगी...यहां तेजस को एक बार फिर अरेस्टेड लैंडिंग करके दिखाना होगा।