(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) भारत के अलग-अलग हिस्से में नए साल को कैसे मनाते हैं? (How do you Celebrate New Year in Different Parts of India?)
नया साल एक उत्सव की तरह पूरी दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तिथियों और विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भी अलग-अलग होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में आपसी भिन्नता है। भारत जैसे विशाल और खूबसूरत देश में भी यह भिन्नता मौजूद है. इसके अलग-अलग हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। अक्सर यह तिथियां मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है।
डीएनएस में आज हम नव वर्ष से जुड़े इन्हीं कुछ त्योहारों के बारे में जानेंगे
वैशाखी - वैशाखी का पावन त्यौहार हर साल अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्यत: पंजाब और हरियाणा में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। बैशाखी के दिन से ही देश के कई हिस्सों में फसलों की कटाई शुरु होती है। सिखों के नववर्ष के रूप में मनाया जाने वाला यह त्यौहार इस साल 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। बैशाखी के दिन ही सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविन्द सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी।
विषु - यह केरल का प्राचीन त्योहार है। केरलावासियों के लिए नववर्ष का यह पहला दिन मलयालम महीने मेष की पहली तिथि को मनाया जाता है। विषु के दिन की प्रमुख विशेषता "विषुक्कणी" है। 'विषुक्कणी' उस झाँकी-दर्शन को कहते हैं, जिसका दर्शन विषु के दिन प्रात:काल सबसे पहले किया जाता है।
पुथांडु - जिसे पुथुरूषम भी कहा जाता है, तमिल नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। सौर चक्र पर आधारित तमिल कैलेंडर के पहले महीने का नाम चिधिराई है और इसी महीने का पहला दिन पुथांडु के रूप में मनाया जाता है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के 14 अप्रैल या उसके आस-पास मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा - यह त्योहार इस साल 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। ये गोवा, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। साथ ही नवरात्र पर्व की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। गुड़ी पड़वा को फसल दिवस के रूप में मनाते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था।
उगादी - यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे समवत्सरदी युगादी के नाम से भी जाना जाता है। यह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में नववर्ष के रुप में मनाया जाता है। चैत्र माह के पहले दिन पड़ने वाले इस त्यौहार को दक्षिण भारत में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, क्योंकि वसंत आगमन के साथ ही किसानों के लिए यह पर्व नयी फसल के आगमन का भी अवसर होता है।
बोहाग बिहू - यह भारत के असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे 'रोंगाली बिहू' या हतबिहू भी कहते हैं। यह असमी नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। आमतौर पर यह त्यौहार 13 अप्रैल को पड़ता है जो फसल कटाई के समय को दर्शाता है।
पोइला बोइशाख - हर साल चैत्र का महीना खत्म होते ही बंगाली नववर्ष मनाया जाता है, जिसे पोइला बोइशाख के नाम से जाना जाता है। इस साल बंगाली नववर्ष 15 अप्रैल 2021 से शुरू होने जा रहा है। ये वैशाख माह का पहला दिन होता है। इस दौरान बंगाली लोग एक दूसरे को नए साल की बधाई देते हैं।