(Global मुद्दे) G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit in Buenos Aires, Argentina)
एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)
अतिथि (Guest): नीरज श्रीवास्तव (पूर्व राजदूत), स्मिता शर्मा (डिप्लोमेटिक एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार 'द ट्रिब्यून')
सन्दर्भ:
पिछले 2 दिसम्बर को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में G -20 देशों का शिखर सम्मलेन हुआ जिसमें यूरोपियन यूनियन समेत 19 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया।यह शिखर सम्मेलन बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के समर्थन और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार की मांग के साथ संपन्न हुआ।जी20 ने अपने अंतिम घोषणापत्र में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश विकास, उत्पादकता, नवाचार, रोजगार सृजन और विकास के महत्वपूर्ण इंजन हैं।" हालाँकि वर्तमान में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली अपने उद्देश्यों से दूर हो रही है और इसमें सुधार की जरूरत है इसलिए कामकाज में सुधार के लिए डब्ल्यूटीओ के आवश्यक सुधार का समर्थन किया गया और घोषणापत्र में कहा गया कि अगले शिखर सम्मेलन में इस दिशा में प्रगति की समीक्षा की जाएगी।जलवायु के संदर्भ में जी-20 देशों के नेताओं ने घोषणापत्र में कहा, "की हम पेरिस समझौते की पुष्टि करते हैं और यह कि पेरिस समझौता अपरिवर्तनीय है और हम इसके पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।" जलवायु परिवर्तन के बारे में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरीसियो मैक्री ने कहा, "हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हममें से प्रत्येक को अक्षय ऊर्जा को मजबूत समर्थन देकर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना जारी रखना है और इस क्षेत्र में अर्जेटीना काफी काम कर रहा है।" इस बैठक में शामिल सभी देशों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था, आतंकवाद, खाद्य सुरक्षा तथा विश्व व्यापार संगठन में सुधार के साथ-साथ श्रम बाजारों के भविष्य और लिंग समानता जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की।
हर साल आयोजित होने वाली इस बैठक में दुनिया के सबसे मज़बूत अर्थवयस्था वाले देश शिरकत करते हैं। जिनका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर लगभग 85 फीसदी तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कुल 75 फीसदी तक का नियंत्रण है।
लम्बे वक़्त से G -20 देशों का हिस्सा रहा भारत भी G -20 देशों के साथ विश्व व्यापार संगठन,अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन,विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष,जैसी कई और महत्त्वपूर्ण संस्थाओं के सहयोग में काम करता है। जिसमें आर्थिक और सामाजिक हित शामिल हैं।
भारत ने इस सम्मलेन में जीवन में वैश्विक अर्थ्वय्स्था, टिकाऊ विकास, जलवायु परिवर्तन और भगौड़ा आर्थिक अपराध नियंत्रण जैसे कानूनों के साथ लोगों के जीवन में सुधार लाने तथा वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए GST, जनधन, मुद्रा, और स्टार्टअप जैसी योजनाओं का भी ज़िक्र किया।
G 20 - शिखर सम्मलेन में आये लगभग सभी देशों से भारत ने कई द्विपक्षीय की । द्विपक्षीय मुलाक़ात में भारत ने निवेश, कृषि, और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सहयोग के साथ साथ मुक्त व्यापार पर ज़ोर दिया। इसके अलावा भारत ने जापान अमेरिका तथा चीन और रूस जैसे सामरिक और आर्थिक दृस्टि से महत्त्वपूर्ण देशों के साथ हुई त्रिपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लिया।
भारत की जापान और अमेरिका से हुई त्रिपक्षीय बैठक एक ओर जहां हिंद प्रशांत की व्यापारिक गतिविधियों को मज़बूत करेगी तो वहीं रूस और चीन के साथ हुई बातचीत एशिया में भारत की बढ़ती भूमिका में और सामंजस्य लाएगी। जिसके ज़रिये रीज़नल और ग्लोबल स्टेबिलिटी के साथ आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा मिलने की उमीद रहेगी। जापान और अमेरिका के साथ हुई भारत की त्रिपक्षीय बैठक संपर्क, सतत विकास, आतंकवाद और समुद्री तथा साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के लिए भी महत्वपूर्ण होगी।
दुनिया की लगभग 66 % आबादी वाले G-20 देशों में चल रहे कुछ विवाद भी इस सम्मलेन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहे। इन समस्याओं में अमेरिका द्वारा चीन पर ज़ारी ट्रेड वार,रूस और यूक्रेन का हालिया विवाद, और ब्रिटेन के ब्रेक्सिट जैसे कई मुद्दे G -20 पर हावी रहे।