पाठ्यक्रम:प्रश्नपत्र - II: सामान्य अध्ययन - I (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास और भूगोल और समाज)
1. शहरीकरण - समस्याएँ एवं समाधान
जनगणना 2011 से प्रासंगिक डेटा
कुल शहरी जनसंख्या |
377 मिलियन
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2001-2011 के दौरान शहरी जनसंख्या की वृद्धि दर |
2.76% प्रति वर्ष |
2001-11 में शहरी जनसंख्या में वृद्धि |
31.8 प्रतिशत |
शहरी जनसंख्या का प्रतिशत |
31.1%
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सर्वाधिक शहरीकृत राज्य |
गोवा (62%), मिजोरम, तमिलनाडु
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सबसे कम शहरीकृत राज्य |
हिमाचल प्रदेश (10%), बिहार, असम और उड़ीसा |
2030 तक अनुमान
- संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, 2030 तक विश्व की शहरी आबादी में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 13 प्रतिशत हो जाएगी।
- 2030 तक, भारत की शहरी आबादी 590 मिलियन तक पहुंचने वाली है, जो भारत की वर्तमान शहरी आबादी में लगभग 300 मिलियन अधिक है ।
- स्मार्ट शहरों को समावेशी बनाना, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लक्ष्य 11 के अनुरूप भी है।
तथ्य
- भारत की लगभग 43 % शहरी आबादी, ऐसे शहरों में रहती है जहां आबादी 10 लाख या उससे अधिक आबादी है।
- शहरी भारतीयों का बड़ा हिस्सा अर्थात लगभग 50% ( 181 मिलियन ) जनसंख्या ऐसे शहरों में रहती है जहां आबादी आधे मिलियन (5 लाख) से कम है ।
- भारत की लगभग 17.4% शहरी आबादी मलिन बस्तियों में रहती है।
- जनगणना 2011 के अनुसार 2.9% शहरी घर जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं।
- शहरी ताप द्वीप प्रभाव के कारण दिल्ली, 4-12°C अधिक गर्म है।
- शहरी क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 70% योगदान करते हैं लेकिन भूमि आधार का केवल 4% हिस्सा रखते हैं
- दस लाख से अधिक लोगों वाले भारतीय शहरी समूहों की संख्या अकेले एक दशक में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 53 (2011 की जनगणना) हो गई है।
रिपोर्ट:
- Hidden Urbanisation by World Bank : 2015 की विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी फैलाव देश की कुल आबादी का 55.3 प्रतिशत है और आधिकारिक जनगणना के आंकड़े इसे केवल 31 प्रतिशत बताते हैं- अर्थात यह हिडन अर्बनाईज़ेशन को प्रदर्शित करता है ।
- यूएन रिपोर्ट :- यह अनुमान है कि 2028 के आसपास दिल्ली विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन जाएगी ।
योजनाएं :-
- "2022 तक सभी के लिए आवास" - प्रधानमंत्री आवास योजना
- PMAY में 2022 तक 20 मिलियन शहरी इकाइयों के निर्माण की परिकल्पना की गई है
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत निर्मित 17% घर खराब पुनर्वास योजना और निर्बल बुनियादी ढांचे के कारण 2017 में खाली कर दिए गए थे।
शहरों में बच्चे :
- 3.6 करोड़ से अधिक बच्चे (0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग में) शहरी क्षेत्रों में रहते हैं । इनमें से लगभग 81 लाख (22.5%) झुग्गियों में रहते हैं।
- सेव द चिल्ड्रन की हालिया रिपोर्ट, 'लाइफ ऑन द स्ट्रीट' के अनुसार, 20 लाख से अधिक बच्चे ,भारत की सड़कों पर पाए हैं।
सार्वजनिक परिवहन
- बुनियादी ढांचा निवेश प्रति कार यात्रा हेतु 31.6 रुपये थी जबकि बस उपयोगकर्ता के लिए यह प्रतियात्रा मात्र 0.90 रुपये थी ।
- पिछले साल प्रकाशित एक केपीएमजी अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि प्रति बस सवारियों के वर्तमान स्तर पर, 2031 तक सार्वजनिक साधनों द्वारा सभी शहरी परिवहन यात्राओं का 50% हासिल करने के लिए अतिरिक्त 6 लाख बसों की आवश्यकता है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करके भारत 2030 में साझा इलेक्ट्रिक गतिशीलता पर स्विच करके 64 प्रतिशत ऊर्जा बचा सकता है।
शहरी शासन
- शहरी प्रशासन (भारत की शहर-प्रणालियों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआईसीएस), 2017 रिपोर्ट)
- सर्वेक्षण में पुणे (स्कोर 5.1) शीर्ष पर है जबकि बेंगलुरु (3) सूची में सबसे निचले स्थान पर है। तुलनात्मक रूप से, जोहान्सबर्ग, लंदन और न्यूयॉर्क के वैश्विक बेंचमार्क ने क्रमशः 7.6, 8.8 और 8.8 स्कोर किया है, जबकि भारतीय शहरों ने मुश्किल से 5.1 (सर्वोच्च) को छुआ है।
- 23 शहरों में से केवल 9 के पास नागरिक चार्टर था।
- 23 में से 19 शहर अपने कामकाज के बारे में बुनियादी डेटा भी योग्य प्रारूप में जारी नहीं करते हैं।
- आधुनिक, समकालीन शहरी नियोजन ढांचे की कमी के कारण भारत को हर साल अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3% खर्च करना पड़ सकता है।
भारतीय शहर की ऋण पात्रता
- क्रिसिल जैसी एजेंसियों ने ऐसे 94 शहरों की रेटिंग की है जो स्मार्ट सिटी मिशन और अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में सम्मिलित हैं । 94 में से, 55 शहरों को निवेश ग्रेड रेटिंग (बीबीबी- अथवा अधिक ) मिली, जबकि अन्य 39 को बीबीबी- से कम रेटिंग दी गई।
- तेरहवें वित्त आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि नगरपालिका कर और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात केवल 0.5 प्रतिशत है, जबकि केंद्रीय कर और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 12 प्रतिशत है।