होम > Papers

Papers / 02 Mar 2024

UPPSC/UPPCS Mains General Hindi Exam Question Paper - 2018

image

Exam Name : UPPSC/UPPCS 2018

Subject : General Hindi

Medium : Hindi

Exam Date : 18th October 2019

Time Allowed : तीन घंटे

Maximum Marks : 150

नोटः

(i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(ii) प्रत्येक प्रश्न के अंक के अंत में अंकित हैं।
(iii) पत्र, प्रार्थना-पत्र या किसी अन्य प्रश्न के उत्तर के साथ अपना अथवा अन्य का नाम, पता एवं अनुक्रमांक न लिखें। आवश्यक होने पर क, ख, ग लिख सकते हैं।

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढि़ए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूँ। जो वाग्जाल मनुष्य को दुर्गति, हीनता और परमुखापेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्दीप्त न बना सके, जो उसके हृदय को परदुःखकातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है, मैं अनुभव करता हूँ कि हम लोग एक कठिन समय के भीतर से गुजर रहे हैं। आज नाना भाँति के संकीर्ण स्वार्थों ने मनुष्य को कुछ ऐसा अंधा बना दिया है कि जाति-धर्म-निर्विशेष मनुष्य के हित की बात सोचना असंभव हो गया। ऐसा लग रहा है कि किसी विकट दुर्भाग्य के इंगित पर (दलगत स्वार्थ-प्रेम ने मनुष्यता को दबोच लिया है। दुनिया छोटे-छोटे संकीर्ण स्वार्थों के आधार पर अनेक दलों में विभक्त हो गई है। अपने दल के बाहर का आदमी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। उसके रोने-गाने तक पर असदुद्देश्य का आरोप किया जाता है। उसके तप और सत्यनिष्ठा का मजाक उड़ाया जाता है।

(क) प्रस्तुत गद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
(ख) साहित्य के लक्ष्य के विषय में उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर विचार कीजिए
(ग) प्रस्तुत गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिएः

परिवर्तन से हम बच नहीं सकते। परिवर्तन से बचना अगति और दुर्गति को आमंत्रित करना है। यद्यपि स्थिरता में किसी अंश में सुरक्षा है, तथापि बिना जोखिम लिए आगे नहीं बढ़ा जाता है। नियमों की स्थिरता जो विज्ञान में है और स्फूर्तिमय जीवन की गतिशीलता जो साहित्य में है, दोनों के बीच का हमें संतुलित मार्ग खोजना है। जीवन के संतुलनों में नए और पुराने का संतुलन भी विशेष महत्व रखता है। संसार की गतिशीलता के साथ हमकों भी गतिशील होना पड़ेगा, किंतु आँखें खोलकर। नवीन के लिए हम अपने मंनमंदिर का द्वार सदा खुला रखेंए पूर्वाग्रहों से काम न लें। उसके पक्ष और विपक्ष की युक्तियों को न्याय की तुला पर तौलें। एक सीमा के भीतर नए प्रयोगों को भी अपने में स्थान दें, किंतु केवल नवीनता के प्रमाण-पत्र मात्र से संतुष्ट न हो जाएं। जिस तर्कबुद्धि को हम प्राचीन प्रथाओं के उन्मूलन में लगाते हैं उसी निर्मम तर्क को नवीन के परीक्षण में भी लगावें किंतु नवीन को भूत की भाँति भय का कारण न बनावें।

(क) प्रस्तुत गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए
(ख) प्राचीन और नवीन में संतुलन क्यों आवश्यक है? विचार कीजिए।
(ग) प्रस्तुत गद्यांश का संक्षेपण कीजिए।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(क) ‘अधिसूचना’ को परिभाषित करते हुए मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों की सेवानिवृत्ति वय बढ़ाने के संदर्भ में एक अधिसूचना का प्रारूप तैयार कीजिए।
(ख) स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की ओर से सचिव, स्वास्थ्य मंत्रलय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजने के लिए अर्ध सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जिसमें उत्तर प्रदेश में कुपोषण से जूझते बच्चों के इलाज के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रलय से पूर्व में माँगी गई सहायता को यथाशीघ्र स्वीकृत करने के लिए आग्रह किया गया हो।

4. निम्नलिखित उपसर्गों/प्रत्ययों से एक-एक शब्द की रचना कीजिएः

  • अधि, परि, भर, अठ, नि, खुश, इक, आइन, आई, अक्कड़

5. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखितः

  • आवरण, कृतज्ञ, अज्ञ, नैसर्गिक, अधम, आहूत, सकर्मक, मान, घात, वैतनिक

6. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिएः

  1. यह आँखों से देखी घटना है।
  2. सौ रूपया सधन्यवाद प्राप्त हुआ।
  3. गीता ने सीता से पूछा कि सीता कहाँ चली गई थी?
  4. दक्षिण का अधिकांश भाग पठार है।
  5. मैंने बोला कि कल मत आना।

(ख) निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी का संशोधन कीजिएः

  • शिक्षणेत्तर, उपरोक्त, सौहार्द्र, पूज्यनीय, सौजन्यता

7. निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखितः

  1. आकाश को चूमने वाला।
  2. सन्ध्या और रात के बीच का समय।
  3. हमेशा रहने वाला।
  4. सौ में सौ।
  5. जो बात वर्णन से परे हो।

8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिएः

  1. नक्कारखाने में तूती की आवाज
  2. मक्खी मारना
  3. तिल का ताड़ बनाना
  4. सिर आँखों पर बैठाना
  5. हवा का रंग देखना
  6. ढाक के तीन पात
  7. गुरू कीजे जान के, पानी पीजे छान के
  8. कर खेती परदेस को जाए, वाको जनम अकारथ जाए।
  9. फूहड़ चालें, नौ घर हालें
  10. अपनी करनी पार उतरनी।

<< Go Back to Main Page