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Daily-static-mcqs 19 Jul 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Tech) 19 Jul 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Tech)

Q1:

जैव-प्रौद्योगिकी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह छोटे जन्तुओं, जीवाणुओं तथा पादपों की सहायता से वस्तुओं के उत्पादन की एक प्रक्रिया है।

2. इस तकनीक को व्यापक महत्व क्लोनिंग की सफलता से मिला।

3. यह जीव विज्ञान का वह प्रभाग है, जिसमें जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग पदार्थों के उत्पादन के लिए किया जाता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

जैव-प्रौद्योगिकी के अंतर्गत वे सभी क्षेत्र आते हैं, जो सजीवों तथा उनसे प्राप्त पदार्थों के कृषि तथा उद्योग में उपयोग के लिए विकसित किये गये हैं, यथा-जैव उर्वरक, जैविक गैस, ऊतक संवर्द्धन, जीन अभियांत्रिकी, भ्रूण प्रतिरोपण, परखनली शिशु, आदि जैव तकनीकी में हुआ विकास लगभग 20 वर्षों में जीव विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान, जीन अभियांत्रिकी तथा रासायनिक अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विभिन्न खोजों का परिणाम है। छोटे जन्तुओं, जीवाणुओं तथा पादपों की सहायता से वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रिया जैव-प्रौद्योगिकी कहलाती है। अतः कथन 1 सही है।


क्लोनिंग की सफलता ने इस तकनीक को व्यापक महत्व प्रदान किया है। जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रदूषण नियंत्रण, जीवाणुओं के माध्यम से विषाक्त अपवर्ज्य पदार्थों का विघटन, नवीन ईंधन, आदि का उत्पादन संभव है। अतः कथन 2 सही है।


जैव-तकनीक जीव विज्ञान का वह प्रभाग है, जिसमें जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग उन पदार्थों के उत्पादन के लिए किया जाता है, जिनका इस्तेमाल उद्योगों, कृषि तथा औषधियों में होता है, अर्थात् यह कहा जा सकता है कि सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव-रसायन तथा जैव रासायनिक अभियांत्रिकी का पूर्ण प्रयोग करते हुए सूक्ष्म जीवों और ऊतक संवर्द्धन से मानव कल्याण से संबंधित विभिन्न तकनीकी का प्रयोग करना ही जैव-तकनीकी है। अतः कथन 3 सही है।


                            

Q2:

कोशिका संलयन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इस तकनीक का विकास मिलस्टोन कोहलर एवं जेमे द्वारा किया गया था।

2. इस तकनीक का उपयोग करके जीवाणु, विषाणु अन्य सूक्ष्म जीवों से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कोशिका संलयन तकनीक का विकास वर्ष 1975 में डॉ. मिलस्टोन कोहलर एवं जेमे द्वारा किया गया। बाहरी बहुआणविक पदार्थ, जो सामान्यतः एक प्रोटीन होती है तथा किसी जीव में प्रवेश करके प्रति जैविक की उत्पत्ति को प्रोत्साहित करती है, प्रतिजन कहलाता है। अतः कथन 1 सही है।


इस प्रतिजन के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप ग्राही जीव, प्रति जैविक पदार्थ पैदा करता है। इस विधि के उपयोग से जीवाणु, विषाणु अन्य सूक्ष्म जीवों से पैदा होने वाली बीमारियों के उपचार में काफी सफलता प्राप्त की जा सकती है। अतः कथन 2 सही है।


                            

Q3:

ऊतक संवर्द्धन के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इस तकनीक का इस्तेमाल पौधों की वृद्धि, रोग-निरोधक रसायन-प्रतिरोधी क्षमता को उपयुक्तता प्रदान करने के लिए किया जाता है।

2.  कृषि कार्य में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

ऊतक संवर्द्धन एक ऐसी प्रौद्योगिकीय प्रविधि है, जिसमें पौधों अथवा जंतुओं की कोशिकाओं, ऊतकों अथवा अंगों को अलग कर उन्हें नियंत्रित ताप, दबाव अन्य अनुकूल परिस्थितियों में विशेष पात्रों में विकसित किया जाता है। यह तकनीक पौधों की वृद्धि, रोग-निरोधक रसायन-प्रतिरोधी क्षमता को उपयुक्तता प्रदान करने के लिए किया जाता है। अतः कथन 1 सही है।


कृषि कार्य के लिए ऊतक संवर्द्धन (Tissue culture) बहुत ही ज्यादा उपयोगी है। इस तकनीक से पौधों में वांछित गुणों का प्रत्यारोपण ऊतक स्थानांतरण द्वारा किया जा सकता है। इस प्रकार के प्रयोग सब्जियों, फलों एवं फूलों की किस्मों में सुधार के लिए किए जा रहे हैं। अतः कथन 2 सही है।


                            

Q4:

जैव-तकनीक सूचना प्रणाली के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

कथन-I : जैव सूचना विज्ञान द्वारा जीव विज्ञान शिक्षण में नवीनता लाने के लिए 52 जैव सूचना विज्ञान सुविधाएं स्थापित की गईं।

कथन-II: ये सुविधाएं जीव विज्ञान और जैव-प्रौद्योगिकी में शिक्षण क्षमता बढ़ाने में जैव सूचना विज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगी।

 

उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

A: कथन-I और कथन- II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है

B: कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है

C: कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है

D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

जैव-सूचना विभाग का जैव-तकनीक सूचना प्रणाली कार्यक्रम अब देशव्यापी नेटवर्क में बदल गया है। यह नेटवर्क जैव सूचना विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और इस क्षेत्र में मानव संसाधन विकसित करके जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान में सहयोग कर रहा है। जैव सूचना विज्ञान द्वारा जीव विज्ञान शिक्षण में नवीनता लाने के लिए 52 जैव सूचना विज्ञान सुविधाएं स्थापित की गईं। ये सुविधाएं जीव विज्ञान और जैव-प्रौद्योगिकी में शिक्षण क्षमता बढ़ाने में जैव सूचना विज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगी। यहाँ कथन 1 और 2 दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है। अतः विकल्प (a) सही है।


                            

Q5:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. पेटेंट अधिनियम 1970 के अंतर्गत खाद्य, रसायन एवं औषधियों के क्षेत्र में प्रक्रिया पेटेंट प्रदान किया गया था।

2. भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 रॉयल्टी भुगतान पर उच्च सीमा आरोपित नहीं करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

भारत में वर्ष 1970 में पेटेंट अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत खाद्य, रसायन एवं औषधियों के क्षेत्र में प्रक्रिया पेटेंट प्रदान किया गया था। साथ ही अधिनियम के अंतर्गत भारत में केवल 14 वर्षों के लिए ही प्रक्रिया उत्पाद पेटेंट प्रदान किया जाता था एवं खाद्य, रसायन औषधि क्षेत्र में 5-7 वर्ष के लिए ही प्रक्रिया पेटेंट प्रदान किया जाता था। अतः कथन 1 सही है।


भारतीय पेटेंट व्यवस्था में अनिवार्य लाइसेंस जारी करने की प्रभावी व्यवस्था करने के साथ-साथ जनहित में पेटेंट वापस लेने का भी प्रावधान करता है। भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 रॉयल्टी भुगतान पर उच्च सीमा आरोपित करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।