होम > Daily-static-mcqs
Daily-static-mcqs 24 May 2024
Q1:
परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. परंपरागत ऊर्जा स्रोत प्रकृति में सीमित मात्रा में मौजूद होते हैं और इनका निर्माण प्राकृतिक रूप से धीमी गति से होता है। 2. जीवाश्म ईंधन, जैसे कोयला, तेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के कुछ उदाहरण हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
परंपरागत ऊर्जा स्रोत प्रकृति में सीमित मात्रा में मौजूद होते हैं और इनका निर्माण प्राकृतिक रूप से धीमी गति से होता है। उदाहरण के लिए, जीवाश्म ईंधन लाखों वर्षों में सड़ने वाले पौधों और जानवरों से बनते हैं। अतः कथन 1 सही है।
जीवाश्म ईंधन, जैसे कोयला, तेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के कुछ उदाहरण हैं। ये सभी ईंधन कार्बन आधारित होते हैं और इन्हें जलाने पर ऊर्जा निकलती है। अतः कथन 2 सही है।
Q2:
ड्राई सेल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह एक तरह की इलेक्ट्रिक बैटरी है, जो लेक्लांश सेल पर आधारित होती है। 2. इस सेल के बीच में एक ग्रेफ़ाइट की छड़ लगी होती है, जो कैथोड की तरह काम करती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
ड्राई सेल एक प्राथमिक या द्वितीयक कोशिका जिसमें इलेक्ट्रोलाइट्स के प्रवाह को किसी तरह रोका जाता है। यह एक तरह की इलेक्ट्रिक बैटरी है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर पोर्टेबल और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। ड्राई सेल, लेक्लांश सेल पर आधारित होती है और इसमें पेस्ट के रूप में कम नमी वाले स्थिर इलेक्ट्रोलाइट होते हैं। अतः कथन 1 सही है।
ये इलेक्ट्रोलाइट्स इलेक्ट्रोकेमिकल सेल में होते हैं और उन्हें स्वतंत्र रूप से बहने से रोकते हैं। इस वजह से ड्राई सेल काफ़ी पोर्टेबल होती हैं। ड्राई सेल, Zn (जिंक) धातु के गोलाकार सिलेंडर से बनी होती है जो एनोड के रूप में काम करती है। इस सेल के बीच में एक ग्रेफ़ाइट की छड़ लगी होती है जो कैथोड की तरह काम करती है। इस सेल को चारों तरफ़ से इंसुलेटेड बनाने के लिए मोटे कागज़ का कवर लगाया जाता है। अतः कथन 2 सही है।
Q3:
कोल बेड मीथेन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह कोयला भंडारों में गहरे दबे कोयला बेड में पाया जाता है। 2. इसको "स्वीट गैस" कहा जाता है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड नहीं होता है। 3. इसको गैर-परम्परागत साधनों द्वारा उत्पादित किया जाता है तथा इसका उत्पादन परम्परागत प्राकृतिक गैस से भिन्न होता है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
कोल बेड मीथेन (CBM) को 'कोल सीम गैस' (CSG-Coal Seam Gas) भी कहा जाता है। कोल बेड मीथेन कोयला भंडारों में काफी गहराई में पायी जाती है अर्थात् यह काफी गहराई में स्थित कोल बेड (Coal Bed) में उपस्थित होती है। अतः कथन 1 सही है।
हाल के दशकों में यह अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा का स्त्रोत बन गया है। आस्ट्रेलिया के पास इसका प्रचुर भण्डार है, जहाँ इसे कोल सीम गैस के नाम से जाना जाता है। इसे 'स्वीट गैस' (Sweet Gas) भी कहते हैं, क्योंकि इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड का अभाव होता है। अतः कथन 2 सही है।
इस गैस की उपस्थिति भूमिगत कोयला खदानों में होती है, जहाँ यह अत्यधिक गंभीर सुरक्षा जोखिमों के साथ उपस्थित होता है। कोल बेड मीथेन एक विशिष्ट सैण्डस्टोन या अन्य परम्परागत गैस भण्डार से बिल्कुल भिन्न है। वस्तुतः मीथेन अधिशोषण (Adsorption) प्रक्रिया के द्वारा कोयले के भीतर ही संचित रहता है। इसे गैर-परम्परागत साधनों द्वारा उत्पादित किया जाता है और इसलिए जब इसे परम्परागत प्राकृतिक गैस की भाँति विक्रय या उपयोग में लाया जाता है, तो इसका उत्पादन बिल्कुल अलग होता है। अतः कथन 3 सही है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: कथन-1 : मैक्रो शैवाल में जैव ईंधन की उच्च क्षमता है, लेकिन महंगी कृषि इसे एक चुनौतीपूर्ण विकल्प बनाती है। कथन-II: माइक्रो शैवाल में जैव ईंधन की कम मात्रा होती है, लेकिन उनकी खेती सस्ती और सुलभ है। उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
A: कथन-I और कथन- II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है
B: कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
C: कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
शैवाल जैव ईंधन, ऊर्जा-समृद्ध तेलों का एक विकल्प है। इसे शैवाल ईंधन या शैवाल तेल भी कहा जाता है। जब इसे समुद्री शैवाल (मैक्रोएल्गे) से बनाया जाता है, तो इसे समुद्री शैवाल ईंधन या समुद्री शैवाल तेल के नाम से जाना जाता है। सामान्यतः दो प्रकार के शैवालों को जैव ईंधन को उत्पादित करने में उपयोग किया जाता है-
मैक्रो शैवाल (Macro Algal)- इनमें जैव ईंधन की तो अधिक मात्रा प्राप्त की जा सकती है, परंतु इनकी कृषि काफी महँगी होती है।
माइक्रो शैवाल (Micro Algal)- इनमें जैव ईंधन की मात्रा तो कम प्राप्त होती है पर इनकी खेती करना काफी सस्ता व सुलभ है।
यहाँ कथन-I एवं कथन-II दोनों सही है लेकिन कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है। अतः विकल्प (b) सही है।
Q5:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. लैंडफिल गैस में मीथेन होता है, जो एक प्रबल ग्रीनहाउस गैस है। 2. मीथेन गैस को कैप्चर करके जलाने से उसका ग्रीनहाउस प्रभाव कम हो जाता है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
लैंडफिल गैस में कार्बनिक अपशिष्ट मीथेन का उत्पादन करने में सक्षम है। मीथेन CO₂ की तुलना में 21 गुना ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है। हालांकि अगर मीथेन को कैप्चर (Capture) कर लिया जाता है और जला दिया जाता है, तो ग्रीनहाउस प्रभाव बहुत कम हो जाता है। लैंडफिल में डूबे पाइपों के माध्यम से मीथेन को वैक्यूम द्वारा एकत्र किया सकता है। अशुद्धियों को दूर करने के बाद, लैंडफिल गैस को सम्पीड़ित किया जाता है और टरबाइन के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, मीथेन गैस को औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी से भाप बनाने तथा घरेलू उपयोग के लिए प्राकृतिक गैस के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही है।