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Daily-static-mcqs 17 May 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: कथन-I: मैग्नेटो हाइड्रोडायनेमिक्स ऊर्जा उत्पादन का सिद्धांत तापीय ऊर्जा को सीधे विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने पर आधारित है। कथन-II: मैग्नेटो हाइड्रोडायनेमिक्स प्रणाली में बिना गतिज पार्ट के एक इकाई में जेनरेटर लगाया जाता है। उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
A: कथन-I और कथन- II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है
B: कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
C: कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है
उत्तर: b
स्पष्टीकरण:
मैग्नेटो हाइड्रोडायनेमिक्स (एम.एच.डी) ऊर्जा उत्पादन का सिद्धांत तापीय ऊर्जा को सीधे विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने पर आधारित है। अभी यह सिद्धांत प्रायोगिक दौर में ही है। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, चीन, नीदरलैण्ड, आस्ट्रेलिया, पोलैण्ड और फिनलैण्ड में इस तकनीक पर गहन अनुसंधान चल रहे हैं। अतः कथन I सही है।
इस तकनीक के द्वारा चुम्बकीय सतह पर चालक तरल के बहाव द्वारा ताप ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए अत्यधिक उच्च ताप (2800 केल्विन) की आवश्यकता होती है। मैग्नेटो हाइड्रोडायनेमिक्स प्रणाली में बिना गतिज पार्ट के एक इकाई में जेनरेटर लगाया जाता है। भारत में कोयला आधारित मैग्नेटो हाइड्रोडायनेमिक्स अनुसंधान परियोजना तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में 5 मेगावॉट ताप ऊर्जा के स्तर के स्थापित संयंत्र में चलायी जा रही है। अतः कथन II सही है।
यहाँ कथन और दोनों सही है लेकिन कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है। अतः विकल्प (b) सही है।
Q2:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. भारत का पहला परमाणु विद्युत संयंत्र, तारापुर परमाणु विद्युत गृह, संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से स्थापित किया गया था। 2. रावतभाटा परमाणु विद्युतगृह परियोजना, जो कि भारत का दूसरा परमाणु विद्युत संयंत्र है, आरंभ में कनाडा के सहयोग से शुरू की गई थी। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: d
स्पष्टीकरण:
परमाणु विद्युत उत्पादन के कार्यान्वयन की दृष्टि से परमाणु विद्युत बोर्ड के स्थान पर वर्ष 1987 में भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड की स्थापना की गई। यह निगम देश के सभी परमाणु विद्युत संस्थानों के प्रारूप, निर्माण कार्य एवं उत्पादन के प्रति उत्तरदायी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से स्थापित तारापुर परमाणु विद्युत गृह, भारत का पहला परमाणु विद्युत संयंत्र है। इस संयंत्र के अंतर्गत 160 मेगावॉट की क्षमता वाली बॉयलिंग वाटर रिएक्टर की दो इकाइयां कार्यरत हैं। इस विद्युतगृह के लिए आवश्यक ईंधन की आपूर्ति अंतिम समय तक संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा की जाएगी। तारापुर परमाणु विद्युत संयंत्र से भारत के दो पश्चिमी राज्यों-महाराष्ट्र एवं गुजरात में विद्युत की आपूर्ति की जाती है। अतः कथन 1 सही है।
रावतभाटा परमाणु विद्युतगृह, जो राजस्थान में स्थित है, वर्ष 1970 में स्थापित किया गया था और यह भारत का दूसरा परमाणु विद्युत संयंत्र है। आरंभ में, इस परियोजना को कनाडा के सहयोग से शुरू किया गया था, लेकिन बाद में इसे स्वदेशी तकनीक से पूरा किया गया। अतः कथन 2 सही है।
Q3:
मिसाइल किस प्रकार के प्रणोदन तंत्र द्वारा प्रणोदित होती हैं?
A: प्रोपेलर
B: टरबाइन इंजन
C: रैमजेट
D: रॉकेट या जेट इंजन
उत्तर: d
स्पष्टीकरण:
प्रणोदन प्रणाली एक मशीन है जो किसी वस्तु को आगे धकेलने के लिए जोर पैदा करती है। प्रणोदन शब्द दो लैटिन शब्दों से मिलकर बना है: प्रो, जिसका मतलब है पहले या आगे और पेलेरे, जिसका मतलब है चलाना। प्रणोदन का मतलब है किसी वस्तु को आगे बढ़ाने की क्रिया। प्रणोदन तंत्र मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं- प्रोपेलर (Propeller), टरबाइन (या जेट) इंजन, रैमजेट (Ramjet) तथा रॉकेट। मिसाइल रॉकेट या जेट इंजन द्वारा प्रणोदित होती है। अतः विकल्प (d) सही है।
Q4:
निर्देशन तंत्र (Guidance System) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह मिसाइलों को इच्छित उड़ान मार्ग पर बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाता है। 2. यह ऊंचाई नियंत्रण तंत्र का उपयोग करके कार्य करता है। 3. यह ऑटो-पायलट की तरह कार्य करता है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: c
स्पष्टीकरण:
मिसाइल एक पायलटरहित, स्वचालित (Self-Propelled) तथा लक्ष्य-निर्देशित हथियार तंत्र है, जिसका प्रयोग शत्रु के ठिकाने या लक्ष्य को नष्ट करने के उद्देश्य से भार (Payload) को एक निश्चित बिंदु तक वहन करने के लिये किया जाता है। मिसाइल में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख तकनीकें/क्रियाविधियाँ निम्नलिखित हैं-प्रणोदन तंत्र, निर्देशन तंत्र तथा एयर फ्रेम, विंग्स, फिन्स सहित एयरोडायनामिक विशेषताएँ। मिसाइल को इच्छित उड़ान मार्ग पर बनाए रखने का कार्य निर्देशन तंत्र का होता है। यह तंत्र ऊँचाई नियंत्रण तंत्र (Altitude Control Mechanism) का प्रयोग कर इस कार्य को पूर्ण करता है। निर्देशन तंत्र ऑटो-पायलट (Auto-Pilot) की तरह कार्य करता है। अतः तीनों कथन सही है।
Q5:
वाटर-वेव लेजर के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह प्रकाश एवं जल तरंगों की अंतक्रिया के माध्यम से लेजर लाइट बीम का उत्सर्जन करती है। 2. इसका प्रयोग सूक्ष्म संवेदकों में किया जा सकेगा। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: c
स्पष्टीकरण:
विश्व के प्रथम वाटर-वेव लेजर का निर्माण इजराइल के वैज्ञानिकों ने किया है। यह प्रकाश एवं जल तरंगों की अंतक्रिया के माध्यम से लेजर लाइट बीम का उत्सर्जन करती है। शोधकर्ताओं ने एक उपकरण (Device) का निर्माण किया है, जिसमें एक आप्टिकल फाइबर से प्रकाश को जल की छोटी बूंद पर डाला जाता है। अतः कथन 1 सही है।
बूंद के अंदर प्रकाश तरंगें तथा जल तरंगें एक-दूसरे से होकर गुजरती हैं तथा ऊर्जा का उत्सर्जन वाटर-वेव लेज़र के रूप में करती हैं। इसका प्रयोग 'लैब ऑन-ए-चिप' उपकरणों (Lab-on-a-chip- Devices) में कोशिका विज्ञान के अध्ययन, नई दवाओं के उपचारों का परीक्षण आदि करने में हो सकेगा। साथ ही इसका प्रयोग सूक्ष्म संवेदकों (Tiny Sensors) में किया जा सकेगा। अतः कथन 2 सही है।