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Daily-static-mcqs 25 Jun 2024
Q1:
सीबीआई की स्थापना की अनुशंसा किस आयोग ने की थी?
A: वी.पी. सिंह आयोग
B: संथानम् आयोग
C: शाह आयोग
D: योजना आयोग
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई) वर्ष 1963 में गृह मंत्रालय के एक संकल्प के द्वारा हुई थी। बाद में इसे कार्मिक मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया और उसकी स्थिति वहाँ एक सम्बल कार्यालय के रूप में रही। बाद में स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट (जो कि निगरानी के मामले देखता था) का भी सी.बी.आई में विलय कर दिया गया। इसकी स्थापना की अनुशंसा भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए गठित संथानम् आयोग (1962-64) ने की थी। सी.बी. आई. कोई वैधानिक संस्था नहीं है। अतः विकल्प (b) सही है।
Q2:
संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (जेएसपीएससी) का गठन किसके द्वारा किया जाता है?
A: राज्यपाल
B: राष्ट्रपति
C: संसद
D: प्रधानमंत्री
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
लोक सेवा आयोग के क्षेत्र में केंद्र राज्य संबंध निम्नवत हैं:
(i) राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति यद्यपि राज्यपाल द्वारा की जाती है लेकिन उन्हें सिर्फ राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
(ii) संसद, संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (जेएसपीएससी) का गठन संबंधित विधानमंडलों के अनुरोध पर कर सकती है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
(iii) राज्यपाल के अनुरोध एवं राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) राज्य की आवश्यकतानुसार कार्य कर सकता है।
(iv) संघ लोक सेवा आयोग योजनाओं के क्रियान्वयन, संयुक्त भर्ती आदि पर राज्यों की सहायता (दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर) करता है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Q3:
अनुच्छेद 23 के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए: 1. पुरुष, महिला एवं बच्चों की खरीद-बिक्री 2. महिलाओं और बच्चों का अनैतिक दुर्व्यापार 3. देवदासी 4. दास उपर्युक्त में से 'मानव दुर्व्यापार' शब्द में से कौन-सा शामिल है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
अनुच्छेद 23 मानव दुर्व्यापार, बेगार (बलात् श्रम) और इसी प्रकार के अन्य बलात् श्रम के प्रकारों पर भी प्रतिबंध लगाता है। इस व्यवस्था के अंतर्गत कोई भी उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय होगा। यह अधिकार नागरिक एवं गैर-नागरिक दोनों के लिए उपलब्ध होगा। यह किसी व्यक्ति को न केवल राज्य के खिलाफ बल्कि व्यक्तियों के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है।
'मानव दुर्व्यापार' शब्द में शामिल हैं- (i) पुरुष, महिला एवं बच्चों की वस्तु के समान खरीद-बिक्री, (ii) महिलाओं और बच्चों का अनैतिक दुर्व्यापार, इसमें वेश्यावृत्ति भी शामिल है, (iii) देवदासी और (iv) दास। इस तरह के कृत्यों पर दंडित करने के लिए संसद ने अनैतिक दुर्व्यापार (निवारण) अधिनियम 13, 1956 बनाया है। अतः विकल्प (d) सही है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: कथन-I: अनुच्छेद 21क में घोषणा की गई है कि राज्य 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगा। कथन-II: यह व्यवस्था 86 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत की गयी है। उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
A: कथन-1 और कथन- II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-1 की सही व्याख्या है
B: कथन-1 और कथन 11 दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-1 की सही व्याख्या नहीं है
C: कथन-1 सही है किन्तु कथन-II गलत है
D: कथन-1 गलत है किन्तु कथन-II सही है
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
अनुच्छेद 21A में घोषणा की गई है कि राज्य 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगा। इसका निर्धारण राज्य करेगा। इस प्रकार यह व्यवस्था केवल आवश्यक शिक्षा के एक मूल अधिकार के अंतर्गत है न कि उच्च या व्यावसायिक शिक्षा के संदर्भ में। यह व्यवस्था 86 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत की गयी है। यह संशोधन देश में 'सर्वशिक्षा' के लक्ष्य में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। सरकार ने यह कदम नागरिकों के अधिकार के मामले में द्वितीय क्रांति की तरह उठाया है। इस संशोधन के पहले भी संविधान में भाग 4 के अनुच्छेद 45 में बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था थी तथापि निदेशक सिद्धांत होने के कारण यह न्यायालय द्वारा जरूरी नहीं ठहराया जा सकता था। अब उसमें कानूनी प्रावधान की व्यवस्था है। अतः विकल्प (b) सही है।
Q5:
अनुच्छेद 23 के तहत, 'बलात् श्रम' का अर्थ है?
A: किसी व्यक्ति को बिना उसकी सहमति के काम पर लगाना
B: किसी व्यक्ति को केवल शारीरिक बल के द्वारा काम पर लगाना
C: किसी व्यक्ति को केवल कानूनी बल के द्वारा काम पर लगाना
D: किसी व्यक्ति को आर्थिक दबाव के द्वारा काम पर लगाना
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
बेगार का अभिप्राय है-बिना परिश्रमिक के काम कराना। यह एक विशिष्ट भारतीय व्यवस्था थी, जिसके तहत क्षेत्रीय जमींदार कभी-कभी अपने नौकरों या उधार लेने वालों से बिना कोई भुगतान किए कार्य कराते थे। अनुच्छेद 23 बेगार के अलावा बलात् श्रम के अन्य प्रकारों, यथा बंधुआ मजदूरी पर भी रोक लगाता है। बलात् श्रम का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध उससे कार्य लेना। बलात् श्रम में केवल शारीरिक अथवा कानूनी बलात् स्थिति ही शामिल नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक परिस्थितियों से उत्पन्न बाध्यता, यथा-न्यूनतम मजदूरी से कम पर काम कराना आदि भी शामिल है। इस संबंध में बंधुआ मजदूरी व्यवस्था (निरसन) अधिनियम, 1976, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, ठेका श्रमिक अधिनियम 1970, और समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 बनाए गए। अतः विकल्प (a) सही है।