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Daily-static-mcqs 13 Aug 2024
Q1:
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए एक उम्मीदवार को कितने प्रस्तावक और अनुमोदक की आवश्यकता होती है?
A: 10 प्रस्तावक और 10 अनुमोदक
B: 25 प्रस्तावक और 25 अनुमोदक
C: 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक
D: 100 प्रस्तावक और 100 अनुमोदक
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए व्यक्ति की निम्न अर्हताओं को पूर्ण करना आवश्यक है:
1. वह भारत का नागरिक हो।
2. वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
3. वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।
4. वह संघ सरकार में अथवा किसी राज्य सरकार में अथवा किसी स्थानीय प्राधिकरण में अथवा किसी सार्वजनिक प्राधिकरण में लाभ के पद पर न हो। एक वर्तमान राष्ट्रपति अथवा उप-राष्ट्रपति किसी राज्य का राज्यपाल और संघ अथवा राज्य का मंत्री किसी लाभ के पद पर नहीं माना जाता। इस प्रकार वह राष्ट्रपति पद के लिए अर्हक उम्मीदवार होता है।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नामांकन के लिए उम्मीदवार के कम से कम 50 प्रस्तावक व 50 अनुमोदक होने चाहिये। प्रत्येक उम्मीदवार भारतीय रिजर्व बैंक में 15000 रु. जमानत राशि के रूप में जमा करेगा। यदि उम्मीदवार कुल डाले गए मतों का 1/6 भाग प्राप्त करने में असमर्थ रहता है तो यह राशि जब्त हो जाती है। वर्ष 1997 से पूर्व प्रस्तावकों व अनुमोदकों की संख्या दस-दस थी तथा जमानत राशि 2,500 थी। वर्ष 1997 में इसे बढ़ा दिया गया ताकि उन उम्मीदवारों को हतोत्साहित किया जा सके, जो गंभीरता से चुनाव नहीं लड़ते हैं। अतः विकल्प (c) सही है।
Q2:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. वर्ष 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम ने 'आंतरिक गड़बड़ी' शब्द को 'सशस्त्र विद्रोह' शब्द से बदल दिया। 2. राष्ट्रपति केवल मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर ही राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है। 3. वर्ष 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा को न्यायिक समीक्षा से बाहर रखा। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
प्रारंभ में संविधान ने राष्ट्रीय आपातकाल के तीसरे आधार के रूप में 'आंतरिक गड़बड़ी' का प्रयोग किया था किंतु यह शब्द बहुत ही अस्पष्ट तथा विस्तृत अनुमान वाला था। अतः 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम द्वारा आंतरिक गड़बड़ी शब्द को 'सशस्त्र विद्रोह' शब्द से विस्थापित कर दिया गया। अतः कथन 1 सही है।
अतः अब आंतरिक गड़बड़ी के आधार पर आपातकाल की घोषणा करना संभव नहीं है, जैसा कि वर्ष 1975 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किया था। किंतु राष्ट्रपति, राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा केवल मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश' प्राप्त होने पर ही कर सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि आपातकाल की घोषणा केवल मंत्रिमंडल की सहमति से ही हो सकती है न कि मात्र प्रधानमंत्री की सलाह से। अतः कथन 2 सही है।
वर्ष 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बिना मंत्रिमंडल की सलाह के राष्ट्रपति को आपातकाल की घोषणा करने की सलाह दी और आपातकाल लागू करने के बाद मंत्रिमंडल को इस उद्घोषणा के बारे में बताया। 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम ने प्रधानमंत्री के इस संदर्भ में, अकेले बात करने और निर्णय लेने की संभावना को समाप्त करने के लिए इस सुरक्षा का परिचय दिया है। वर्ष 1975 के 38वें संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा न्यायिक समीक्षा की परिधि से बाहर रखा था किंतु इस प्रावधान को 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम द्वारा समाप्त कर दिया गया। इसके अतिरिक्त मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा को अथवा इस आधार पर कि घोषणा हो कि वह पूरी तरह बाह्य प्रभाव तथा असंबद्ध तथ्यों पर या विवेक शून्य या हठधर्मिता के आधार पर की गयी हो तो अदालत में चुनौती दी जा सकती है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
Q3:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. 1975 के 38वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुसार, अनुच्छेद 356 के प्रयोग में राष्ट्रपति की संतुष्टि को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। 2. 1978 के 44वें संविधान संशोधन ने राष्ट्रपति की संतुष्टि को न्यायिक समीक्षा से परे रखा। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
वर्ष 1975 के 38वें संविधान संशोधन अधिनियम में यह उपबंध कर दिया गया है कि अनुच्छेद 356 के प्रयोग में राष्ट्रपति को संतुष्ट किया जायेगा तथा इसे किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। लेकिन 1978 के 44वें संविधान संशोधन से इस उपबंध को समाप्त कर दिया गया कि राष्ट्रपति की संतुष्टि, न्याधिक समीक्षा से परे नहीं है। अतः कथन 1 सही है तथा कथन 2 सही नहीं है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. वह विधेयक पर अपनी स्वीकृति दे सकता है। 2. वह विधेयक पर अपनी स्वीकृति को सुरक्षित रख सकता है। 3. वह धन विधेयक को संसद के पुनर्विचार हेतु लौटा सकता है। उपर्युक्त में से कितने कथन राष्ट्रपति की वीटो शक्ति के बारे में सही है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
संसद द्वारा पारित कोई विधेयक तभी अधिनियम बनता है जब राष्ट्रपति उसे अपनी सहमति देता है। जब ऐसा विधेयक राष्ट्रपति की सहमति के लिए प्रस्तुत होता है तो उसके पास तीन विकल्प होते हैं (संविधान के अनुच्छेद 111 के अंतर्गत): वह विधेयक पर अपनी स्वीकृति दे सकता है; अथवा 2. विधेयक पर अपनी स्वीकृति को सुरक्षित रख सकता है; अथवा 3. वह विधेयक (यदि विधेयक धन विधेयक नहीं है) को संसद के पुनर्विचार हेतु लौटा सकता है।
हालांकि यदि संसद इस विधेयक को पुनः बिना किसी संशोधन के अथवा संशोधन करके, राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत करे तो राष्ट्रपति को अपनी स्वीकृति देनी ही होगी। इस प्रकार, राष्ट्रपति के पास संसद द्वारा पारित विधेयकों के संबंध में वीटो शक्ति होती है, 10 अर्थात वह विधेयक को अपनी स्वीकृति के लिए सुरक्षित रख सकता है। राष्ट्रपति को ये शक्ति देने के दो कारण हैं- (अ) संसद को जल्दबाजी और सही ढंग से विचारित न किए गए विधान बनाने से रोकना, और; (ब) किसी असंवैधानिक विधान को रोकने के लिए।
अतः कथन 1 और 2 सही है, जबकि कथन 3 सही नहीं है।
Q5:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलवाई जाती है। 2. उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा शपथ दिलवाई जा सकती है। 3. उपराष्ट्रपति को स्वयं शपथ दिलवाने का अधिकार होता है। 4. उपराष्ट्रपति को शपथ दिलवाने का कार्य उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा किया जाता है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 69 के अनुसार, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलवाई जाती है। यदि राष्ट्रपति किसी कारण से शपथ नहीं दिलवा पाते हैं, तो वे किसी अन्य व्यक्ति को यह कार्य सौंप सकते हैं। अतः कथन 1 और 2 सही है।
उपराष्ट्रपति को स्वयं शपथ दिलवाने का अधिकार नहीं होता है। उपराष्ट्रपति को शपथ दिलवाने का कार्य उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नहीं किया जाता है। अतः कथन 3 और 4 सही नहीं है।