यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली करेंट अफेयर्स MCQ क्विज़
Daily Static MCQs Quiz for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, MPPSC. BPSC, RPSC & All State PSC Exams
विषय (Subject): इतिहास (History)(25 December 2023)
1. सहायक संधि प्रणाली के संबंध मे निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. देशी शासक को अपने राज्य किन सुरक्षा के लिए एक अङ्ग्रेज़ी सेना रखना पड़ता था, जिसका खर्च कंपनी वहन करती थी।
2. देशी राज्यो मे एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखना पड़ता था।
3. देशी राज्य अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से कंपनी पर निर्भर हो गए।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
Answer: (B)
व्याख्या: सहायक संधि प्रणाली, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय रियासतों के बीच हुई एक संधि थी। इसे लॉर्ड वेलेजली ने वर्ष 1798 से 1805 के बीच बनाया था। इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की इच्छाओं का अधीनस्थ बनाया गया था। सहायक संधि पर हस्ताक्षर करने वाले भारतीय राज्यों ने अपनी संप्रभुता अंग्रेज़ों के हाथों खो दी।
सहायक संधि की शर्तें:
- युद्धों में शामिल होने या संधियों में शामिल होने की उम्मीद नहीं की जाती थी।
- अपने दल को बनाए रखने के लिए सब्सिडी का भुगतान करना चाहिए।
- रेजिडेंट को देशी शासक के दरबार में रखा जाता था।
- सहायक संधि प्रणाली के तहत, यदि कोई भारतीय शासक अंग्रेज़ों के साथ सहायक संधि करता है, तो उसे अपने क्षेत्र में ब्रिटिश सेना रखना स्वीकार करना होगा और उसे ब्रिटिश सेना के खर्च का भी वहन करना होगा।
2. भारत मे हस्तशिल्प पतन के कारणो से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. देशी रजवाड़ो का पतन
2. इंग्लैंड मे भारतीय सामानो पर अत्यधिक कर
3. 1813 के चार्टर से मुक्त व्यापार की शुरुआत
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
Answer: (C)
व्याख्या: भारत मे हस्तशिल्प पतन के कारण:
- देशी रजवाड़ो का पतन जो इन उद्योगो के सबसे बड़े खरीदार थे।
- इंग्लैंड मे भारतीय सामानो पर अत्यधिक कर लगाया जाता था, जिसके कारण यहा के सामान महंगे दर पर मिलते थे।
- वर्ष 1813 के चार्टर से मुक्त व्यापार की शुरुआत के कारण अंग्रेज़ व्यापारियों का भारत मे बड़े पैमाने पर आगमन हुआ,जो भारत मे बने सामानो को खरीदने के लिए नहीं बल्कि इंग्लैंड मे बने सामानो को बेचने आए थे।
अतः उपर्युक्त तीनों कारणो ने भारत मे हस्तशिल्प के पतन मे योगदान दिया।
3. निम्नलिखित में से कौन, भारत में उपनिवेशवाद का/के आर्थिक आलोचक था/थे?
1. दादाभाई नौरोजी
2. जी. सुब्रमण्य अय्यर
3. आर.सी. दत्त
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
Answer: (D)
व्याख्या: 1870 से 1905 के बीच बहुत्त से भारतीय बुद्धिजीवियों ने ब्रिटिश शासन के आर्थिक पहलू को विश्लेषित किया। इनमें तीन लोगों का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण रहा वे थे-
1. दादाभाई नौरोजी,
2. महादेव गोविंद रानाडे और
3. आई.सी.एस. अधिकारी रमेश चंद्र दत्ता इन्होंने भारत का आर्थिक इतिहास लिखा।
इन तीनों के अतिरिक्त जी.वी. जोशी, जी. सुब्रमण्य अय्यर, गोपालकृष्ण गोखले. पृथ्वीसचंद्र राय समेत अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने तत्कालीन अर्थव्यवस्था के हर पहलू का गहराई से विश्लेषण किया। ये लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि भारत के आर्थिक विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा उपनिवेशवाद ही है।
4. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
1. स्ट्रेची आयोग | लार्ड लिटन |
2. लायल कमीशन | एल्गिन |
3. मैकडोनाल्ड कमीशन | कर्जन |
4. प्रथम औद्योगिक आयोग | चेम्सफोर्ड |
उपर्युक्त मे से कितने युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
Answer: (A)
व्याख्या: स्ट्रेची आयोग का गठन अकाल से संबंधित सुझाव देने के लिए लार्ड लिटन ने किया था। जबकि लायल कमीशन का गठन लार्ड एल्गिन ने अकाल से संबंधित सुझाव देने के लिये किया गया। जबकि मैकडोनाल्ड कमीशन का गठन लार्ड कर्जन ने किया था। प्रथम औद्योगिक आयोग का गठन लार्ड हार्डिग द्वितीय ने वर्ष 1921 में किया था। अतः युग्म 1, 2 और 3 सही सुमेलित है, जबकि युग्म 4 सही सुमेलित नहीं है।
5. निम्नलिखित में से किससे/किनसे भारत में अंग्रेजी शिक्षा की नींव पड़ी?
1. 1813 का चार्टर एक्ट
2. जनरल कमेटी ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन, 1823
3. प्राच्यविद् एवं आंग्लविद् विवाद
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Answer: (D)
व्याख्या: ईस्ट इंडिया कंपनी ने ओरिएंटल शिक्षा की प्रचलित प्रणाली को हतोत्साहित किया तथा पश्चिमी शिक्षा और अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा दिया। 1813 के चार्टर अधिनियम में भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए प्रतिवर्ष एक लाख रुपये खर्च करने के प्रावधान को अपनाया गया। वर्ष 1823 में जनरल कमेटी ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन का गठन किया गया, जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा के लिए एक लाख रुपये देने (Grant) की थी। समिति में 10 यूरोपीय सदस्य शामिल थे, इसके बाद गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम केवेंडिश बेंटिक (1828-1835) के शासनकाल में 7 मार्च, 1835 को लॉर्ड मैकाले के प्रस्ताव को स्वीकृत कर भारत में अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का माध्यम मान लिया गया। भारत में आंग्ल (Anglicist) शिक्षा के समर्थकों का नेतृत्व मुनरो एवं एल्फिंस्टन, जबकि एच.टी. प्रिंसेप प्राच्य (Orientalist) शिक्षा के समर्थकों के नेतृत्वकर्ता थे।