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Daily-static-mcqs 13 May 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. नागर शैली मे निर्मित मंदिरो मे रेखा देउल शैली का प्रयोग किया गया है। 2. ओड़िशा शैली के मंदिरो मे पंचायतन शैली का प्रयोग किया गया है। 3. ओड़िशा शैली के मंदिर परकोटे से घिरे होते थे। उपर्युक्त कथनो मे से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
नागर शैली मे निर्मित मंदिरो में पंचायतन शैली का प्रयोग किया गया है। जिसके तहत मुख्य मंदिर के सापेक्ष क्रूस आकार में अन्य मंदिरो का निर्माण किया जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
ओड़िशा शैली के मंदिरो मे रेखा देउल शैली का प्रयोग किया गया है। जो एक सपाट छत होती थी। अतः कथन 2 सही नहीं है।
ओड़िशा शैली के मंदिर परकोटे से घिरे होते थे। अतः कथन 3 सही है।
Q2:
'धर्म' तथा 'ऋत' भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के एक केंद्रीय विचार को चित्रित करते हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. धर्म व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं तथा दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्तव्यों की संकल्पना था। 2. ऋत मूलभूत नैतिक विधान था, जो सृष्टि और उसमें अंत-र्निहित सारे तत्वों के क्रियाकलापों को संचालित करता था। उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
'वरुण' देवता को वैदिक सभ्यता में नैतिक व्यवस्था का प्रधान माना जाता था। इसी कारण उन्हें 'ऋतस्यगोपा' भी कहा जाता था। दोनों कथन भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के संदर्भ में सही हैं। अतः सही उत्तर विकल्प (c) होगा।
Q3:
गायत्री मंत्र से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. गायत्री मंत्र की रचना ऋषि विश्वामित्र ने की थी। 2. इसका वर्णन ऋग्वेद के चतुर्थ अध्याय में है। 3. यह मंत्र देवी अदिति को समर्पित है। उपर्युक्त कथनो मे से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
'गायत्री मंत्र' ऋग्वेद में उल्लिखित है। इसके रचनाकार विश्वामित्र हैं। यह सविता को समर्पित है। यह मंत्र ऋग्वेद के तृतीय मंडल में वर्णित है। अतः कथन 1 सही है जबकि कथन 2 और 3 सही नहीं है।
Q4:
लिंगायत परंपरा से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. इसकी स्थापना तेलगु कवि वासव ने की थी। 2. लिंगायत परंपरा जाति व्यवस्था को नकारता है। 3. लिंगायत परंपरा वेदो की सत्ता में विश्वास करता है। उपर्युक्त कथनो मे से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
लिंगायत संप्रदाय की स्थापना 12 वी सदी मे कन्नड कवि वासव ने की थी। इनकी उपासना पद्धति लिंग के रूप में शिव पर केन्द्रित होती है। लिंगायत वेदो की सत्ता और जाति व्यस्था का विरोध करते हैं। इसे वीर शैव के नाम से भी जाना जाता है। अतः विकल्प (a) सही है।
Q5:
शैव संप्रदाय से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. कश्मीरी शैव संप्रदाय की स्थापना माधव ने की थी। 2. प्रत्यभिज्ञा दर्शन पाशुपत शैववाद से संबन्धित है। 3. स्पंदकारिका की रचना वसुगुप्त ने कश्मीरी शैव संप्रदाय के सिद्धांतों की व्याख्या के लिए किया था। 4. नाथ पंथ धुनी नामक पवित्र अग्नि को निरंतर जीवंत रखते है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
कश्मीरी शैव संप्रदाय की स्थापना वसुगुप्त ने 8 वी सदी में की थी। वसुगुप्त ने स्पंदकारिका की रचना कश्मीरी शैव संप्रदाय के सिद्धांतों की व्याख्या करने के लिए की थी। प्रत्यभिज्ञा दर्शन कश्मीरी शैव धर्म से निकाला एक अद्वैतवादी संप्रदाय है। नाथ संप्रदाय की स्थापना मत्सयेन्द्र नाथ ने की थी, गोरखनाथ इस संप्रदाय के सबसे प्रमुख गुरु थे। नाथ पंथ मे धुनी नामक पवित्र अग्नि को निरंतर जीवंत रखते थे। अतः विकल्प (b) सही है