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Daily-static-mcqs 09 Sep 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. एलोरा के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण कृष्ण प्रथम ने कराया था। 2. बराबर की शैलकृत गुफाएं सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा मूलतः आजीवकों के लिए बनवाई गई थीं। उपर्युक्त कथनों में से कौन सा से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
एलोरा का कैलाश मंदिर शैलकृत स्थापत्य का आश्चर्य माना जाता है। द्रविड़ शैली के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम ने करवाया था। अतः कथन 1 सही है।
बराबर की शैलकृत गुफाएं सम्राट अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 12वें वर्ष आजीविकों को प्रदान की थीं। इन गुफाओं में 'कर्ण चौपण', 'विश्वझोपड़ी' और 'सुदामा गुफा' प्रमुख हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
Q2:
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
A: विमलमति की रचना 'भागवृत्ति' आयुर्वेद ग्रंथ है।
B: आनन्दवर्मन का 'ध्वन्यालोक' काव्यशास्त्र पर लिखित ग्रंथ है।
C: भास्कराचार्य की 'लीलावती' गणित पर लिखित ग्रंथ है।
D: उपर्युक्त सभी
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
विमलादित्य की रचना 'भागवृत्ति' एक व्याकरण ग्रंथ है। आनन्दवर्मन का 'ध्वन्यालोक' काव्यशास्त्र पर लिखित एक ग्रंथ है। जिसमें अलकार, रीति, ध्वनि, वक्रोक्ति एवं रस पर प्रकाश डाला गया है। जबकि भाष्कराचार्य की 'लीलावती' में मणित के विभिन्न सिद्धांतों का उल्लेख सूत्र रूप में हुआ है। अतः विकल्प (a) सही है।
Q3:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यजुर्वेद का पुरोहित उद्घगाता कहा जाता था। 2. गायत्री मंत्र देबी अदिति को समार्पित है। 3. ऋग्वेद का सप्तम मण्डल वशिष्ठ ऋषि की समर्पित है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 2 और 3
C: केवल 3
D: 1, 2 और 3
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
वैदिक काल में प्रत्येक वेद के अलग-अलग पुरोहित होते थे। जैसे ऋग्वेद का होता, यजुर्वेद का अध्वर्यु, अथर्ववेद का ब्रह्म, सामवेद का उद्घगाता था। अतः कथन 1 सही नहीं है।
ऋग्वेद का तृतीय मण्डल विश्वामित्र द्वारा रचित हैं, जिसमें गायत्री मंत्र का उल्लेख है। गायत्री मंत्र देवी सविता को समार्पित है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
ऋग्वेद का सातवाँ मण्डल वशिष्ठ ऋषि को समार्पित है। इसी मण्डल में दशराज युद्ध का वर्णन है, जो परूष्णी नदी के तट पर हुआ था। अतः कथन 3 सही है।
Q4:
उत्तर वैदिक कालीन धार्मिक जीवन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. प्रजापति में दो पूर्ववर्ती देव विश्वकर्मा और हिरण्यगर्भ समाहित हो गए। 2. उत्तर वैदिक काल में पूषन अब शुद्रों के देवता हो गए। 3. रुद्र पशुओं के देवता थे। उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
उत्तर वैदिक काल में सृजन के देवता प्रजापति को सर्वोच्च स्थान मिला। उनमें दो पूर्ववर्ती देव विश्वकर्मा और हिरण्यगर्भ समाहित हो गए। रूद्र और विष्णु दो अन्य प्रमुख देवता इस काल के माने गए। रूद्र पशुओं के देवता थे जबकि विष्णु को लोग पालक व रक्षक मानते थे। इस काल में वरूण को जल का देवता माना जाता था जबकि पूषन अब शुद्रों के देवता हो गए। अतः कथन 1, 2 और 3 सही है।
Q5:
मौर्योत्तर कला से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. गांधार शैली में मूतियों का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है। 2. मथुरा शैली में मूर्तियों का निर्माण काले स्लेटी पत्थर से हुआ है। उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
कनिष्क के समय में भारत में दो नवीन कला शैलियों का जन्म हुआ, जिसे गान्धार शैली एवं मथुरा कला शैली कहा जाता है। गांधार शैली में बुद्ध एवं बोधिसत्व की मूर्तियों का निर्माण काले स्लेटी पत्थर से किया गया, जबकि मथुरा कला शैली में मूर्तियों का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही नहीं है।