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Daily-static-mcqs 26 Jun 2024
Q1:
भारत की जलवायु के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. भारत के तटीय प्रदेशों में विषम जलवायु पायी जाती है। 2. भारत के आंतरिक भागों में समकारी जलवायु पायी जाती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
लंबी तटीय रेखा के कारण भारत के विस्तृत तटीय प्रदेशों में समकारी जलवायु पायी जाती है। भारत के अंदरूनी भाग समुद्र के समकारी प्रभाव से वंचित रह जाते हैं। ऐसे क्षेत्रों में विषम जलवायु पायी जाती है। यही कारण है कि मुंबई तथा कोंकण तट के निवासी तापमान की विषमता और ऋतु परिवर्तन का अनुभव नहीं कर पाते। अतः कथन 1 सही नहीं है।
दिल्ली, कानपुर और अमृतसर जैसे आंतरिक भागों में मौसमी परिवर्तन पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। इन क्षेत्रों में तापमान की विषमता अधिक होती है, जिससे लोगों को गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठंड का सामना करना पड़ता है। ऋतु परिवर्तन जल्दी-जल्दी होता है, जिससे लोगों को कपड़े और अन्य आवश्यकताओं में परिवर्तन करना पड़ता है। मौसम के कारण कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रभाव पड़ता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
Q2:
जेट प्रवाह के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह एक प्रकार की पवन है। 2. इसका निर्माण पृथ्वी के घूर्णन के कारण कोरिओलिस बल के कारण होता है। 3. इसकी चार शाखाएँ होती हैं। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
जेट प्रवाह एक प्रकार की पवन है जो 9 से 13 किमी की ऊँचाई पर समस्त मध्य एवं पश्चिमी एशिया पश्चिम से पूर्व बहने वाली पछुआ पवनों के प्रभावाधीन होता है। ये धरातल के निकट या वायुमंडल की निचली सतहों में चलती हैं। निचले वायुमंडल के क्षोभमंडल पर धरातल से लगभग तीन किलोमीटर ऊपर बिल्कुल भिन्न प्रकार का वायु संचरण होता है। अतः कथन 1 सही है।
जेट प्रवाह का निर्माण पृथ्वी के घूर्णन के कारण कोरिओलिस बल के कारण होता है। कोरिओलिस बल पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न बल है जो किसी गतिमान वस्तु को अपने अक्ष के लंबवत दिशा में बल देता है। अतः कथन 2 सही है।
ये पवनें तिब्बत के पठार के सामानांतर हिमालय के उत्तर में एशिया महाद्वीप पर चलती हैं। इन्हें जेट प्रवाह कहा जाता है। तिब्बत उच्चभूमि इन जेट प्रवाहों के मार्ग में अवरोधक का काम करती है, जिसके परिणामस्वरूप जेट प्रवाह दो भागों में बँट जाता है। इसकी एक शाखा तिब्बत के पठार के उत्तर में बहती है। जेट प्रवाह की दक्षिणी शाखा हिमालय के दक्षिण में पूर्व की ओर बहती है। इस दक्षिणी शाखा की औसत स्थिति फरवरी में लगभग 25° उत्तरी अक्षांश रेखा के ऊपर होती है तथा इसका दाब स्तर 200 से 300 मिलीबार होता है। ऐसा माना जाता है कि जेट प्रवाह की यही दक्षिणी शाखा भारत में जाड़े के मौसम पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
Q3:
बराक निम्नलिखित में से कहाँ की एक मुख्य नदी है?
A: मणिपुर और मिज़ोरम
B: पश्चिम बंगाल और झारखंड
C: झारखंड और बिहार
D: उत्तर प्रदेश और बिहार
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
हिमालय पर्वत के पूर्वी पहाड़ियाँ और पर्वत भाग में पहाड़ियों की दिशा उत्तर से दक्षिण है। ये पहाड़ियाँ विभिन्न स्थानीय नामों से जानी जाती है। उत्तर में ये पटकाई बूम, नागा पहाड़ियाँ, मणिपुर पहाड़ियाँ और दक्षिण में मिज़ो या लुसाई पहाड़ियों के नाम से जानी जाती हैं। यह एक नीची पहाड़ियों का क्षेत्र है जहाँ अनेक जनजातियाँ 'झूम' या स्थानांतरी खेती करती है। यहाँ ज़्यादातर पहाड़ियाँ, छोटे-बड़े नदी-नालों द्वारा अलग होती हैं। बराक मणिपुर और मिज़ोरम की एक मुख्य नदी है। मणिपुर घाटी के मध्य एक झील स्थित है जिसे 'लोकताक' झील कहा जाता है और यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. मानसून पवनों के चलने के लिए स्थल और समुद्र का विभेदी तापन सबसे महत्वपूर्ण है। 2. दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवनें भूमध्यरेखा को 30° पूर्वी तथा 60° पूर्वी देशांतर रेखाओं के बीच पार करती हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
19वीं सदी के अंत में, यह व्याख्या की गई थी कि गर्मी के महीनों में स्थल और समुद्र का विभेदी तापन ही मानसून पवनों के उपमहाद्वीप की ओर चलने के लिए मंच तैयार करता है। अप्रैल और मई के महीनों में, जब सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता है, तो हिंद महासागर के उत्तर में स्थित विशाल भूखंड अत्यधिक गर्म हो जाता है, इसके परिणामस्वरूप उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग पर एक गहन न्यून दाब क्षेत्र विकसित हो जाता है, क्योंकि भूखंड के दक्षिण में हिंद महासागर अपेक्षतया धीरे-धीरे गर्म होता है, निम्न वायुदाब केंद्र विषुवत रेखा के उस पार से दक्षिण-पूर्वी सन्मार्गी पवनों को आकर्षित कर लेता है। अतः कथन 1 सही है।
इन दशाओं में अंत: उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र उत्तर की ओर स्थानांतरित हो जाता है। इस प्रकार दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवनों को दक्षिण-पूर्वी सन्मार्गी पवनों के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है, जो भूमध्य रेखा को पार करके भारतीय उपमहाद्वीप की ओर विक्षेपित हो जाती हैं। ये पवनें भूमध्यरेखा को 40° पूर्वी तथा 60° पूर्वी देशांतर रेखाओं के बीच पार करती हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
Q5:
कश्मीर हिमालय की झीलों के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: 1. डल झील मीठे पानी की झील 2. वुलर झील खारे पानी की झील 3. पाँगाँग सो झील खारे पानी की झील 4. सोमुरीरी झील मीठे पानी की झील उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
कश्मीर हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण मीठे पानी की झीलें (अलवणजल की झीलें) जैसे- डल झील और वुलर झील तथा खारे पानी की झीलें (लवणजल की झीलें) पाँगाँग सो और सोमुरीरी झील हैं। अतः युग्म 1, और 3 सही सुमेलित है।