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Daily-static-mcqs 15 May 2024
Q1:
क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा एवं सबसे छोटा राज्य कौन-सा है?
A: उत्तर प्रदेश, सिक्किम
B: राजस्थान, गोवा
C: उत्तर प्रदेश, गोवा
D: मध्य प्रदेश, त्रिपुरा
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है, जबकि सबसे छोटा राज्य गोवा है। जनसंख्या के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है, जबकि सबसे छोटा सिक्किम गोवा है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
Q2:
मेघालय के पठार के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह प्रायद्वीपीय पठार का ही विस्तार है। 2. इस पठार पर खनिज पदार्थों के निक्षेप नहीं मिलते। 3. इस पठार पर अवस्थित चेरापुंजी नग्न चट्टानों से ढँका स्थल है और यहाँ वनस्पति लगभग नहीं के बराबर है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
भारत के उत्तर-पूर्व का पठार, प्रायद्वीपीय पठार का ही एक विस्तारित भाग है। यह माना जाता है कि हिमालय की उत्पत्ति के समय इंडियन प्लेट के उत्तर-पूर्व दिशा में खिसकने के कारण राजमहल पहाड़ियों और मेघालय के पठार के बीच भ्रंश घाटी बनने से यह अलग हो गया था। बाद में यह नदी द्वारा जमा किये जलोढ़ द्वारा पाट दिया गया। आज मेघालय और कार्बी ऐंगलोंग पठार (असम), इसी कारण से मुख्य प्रायद्वीपीय पठार से अलग-थलग हैं। अतः कथन 1 सही है।
छोटानागपुर के पठार की तरह मेघालय का पठार भी कोयला, लोहा, सिलीमेनाइट, चूने के पत्थर और यूरेनियम जैसे खजिन पदार्थों का भंडार है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
उत्तर-पूर्वी पठारी क्षेत्र में अधिकतर वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानूसन से होती है। परिणामस्वरूप, मेघालय का पठार एक अति अपरदित भूतल है। चेरापूंजी नग्न चट्टानों से ढँका स्थल है और यहाँ वनस्पति लगभग नहीं के बराबर है। नोकरेक मेघालय पठार की सर्वोच्च चोटी है। अतः कथन 3 सही है।
Q3:
मृदा के वर्गीकरण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. 16वीं शताब्दी में मृदा का वर्गीकरण उनकी सहज विशेषताओं तथा बाह्य लक्षणों, जैसे- गठन, रंग, भूमि का ढाल और मिट्टी में नमी की मात्रा के आधार पर किया गया था। 2. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में मृदा का वर्गीकरण उनकी प्रकृति और गुणों के आधार पर किया गया। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
प्राचीन काल में मृदा को दो मुख्य वर्गों में बाँटा जाता था- उर्वर, जो उपजाऊ थी और ऊसर, जो अनुर्वर थी। 16वीं शताब्दी में मृदा का वर्गीकरण उनकी सहज विशेषताओं तथा बाह्य लक्षणों, जैसे- गठन, रंग, भूमि का ढाल और मिट्टी में नमी की मात्रा के आधार पर किया गया था। गठन के आधार पर मृदाओं के मुख्य प्रकार थे- बलुई. मृण्मय, पांशु तथा दुमट इत्यादि। रंग के आधार पर वे लाल, पीली, काली इत्यादि थीं। अतः कथन 1 सही है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अनेक संस्थानों द्वारा मृदा के वैज्ञानिक सर्वेक्षण किए गए। वर्ष 1956 में स्थापित भारत के मृदा सर्वेक्षण विभाग ने दामोदर घाटी जैसे कुछ चुने हुए क्षेत्रों में मृदाओं के व्यापक अध्यापन किए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आई.सी.ए.आर.) के तत्त्वाधान में राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो ने भारत की मृदाओं पर बहुत-से अध्ययन किए। अतः कथन 2 सही है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. उड्गमंडलम् जिसे ऊटी के नाम से जाना जाता है, अन्नामलाई पर्वतमाला में स्थित एक महत्त्वपूर्ण हिल स्टेशन है। 2. पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट की अपेक्षा ऊँचे हैं। 3. पश्चिमी घाट का विस्तार सतत् है, जबकि पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है। 4. पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर जिंधगाड़ा (Jindhagada) है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
उड्गमंडलम् या ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक पर्वतीय शहर है जो नीलगिरी पहाड़ियों पर अवस्थित है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
पश्चिमी घाट पूर्वी घाट की अपेक्षा ऊँचे हैं। पूर्वी घाट की 600 मीटर की औसत ऊँचाई की तुलना में पश्चिमी घाट की ऊँचाई 900 से 1600 मीटर तक है। पश्चिमी घाट का विस्तार सतत् है जबकि पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है। ये अनियमित हैं एवं बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने इनको काट दिया है। पश्चिमी घाट में पर्वतीय वर्षा होती है। यह वर्षा घाट के पश्चिमी ढाल पर आर्द्र हवा से टकराकर ऊपर उठने के कारण होती है। अतः कथन 2 सही तथा कथन 3 सही है।
पूर्वी घाट के दक्षिण-पश्चिम में शेवराय तथा जावेदी की पहाड़ियाँ स्थित हैं। पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर जिंधगाड़ा (1690 m) है तथा महेन्द्रगिरी इस घाट की एक अन्य महत्त्वपूर्ण चोटी है। इस घाट का काफी अपरदन हो चुका है। अतः कथन 4 सही है।
Q5:
भारतीय मरुस्थल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह अरावली पहाड़ियों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। 2. इस क्षेत्र की भूगर्भिक चट्टान संरचना प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार है। 3. लूनी नदी इस क्षेत्र की एक महत्त्वपूर्ण नदी है। उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
विशाल भारतीय मरुस्थल अरावली पहाड़ियों के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ पर वार्षिक वर्षा 150 मिलीमीटर से कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप यह एक शुष्क और वनस्पति रहित क्षेत्र है। इन्हीं गुणों के कारण इसे ‘मरुस्थली’ कहा जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
यद्यपि इस क्षेत्र की भूगर्भिक चट्टान संरचना प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार है, तथापि अत्यंत शुष्क दशाओं के कारण इसकी धरातलीय आकृतियाँ भौतिक अपक्षय और पवन क्रिया द्वारा निर्मित हैं। अतः कथन 2 सही है।
यहाँ की अधिकतर नदियाँ अल्पकालिक है। मरुस्थल के दक्षिण भाग में बहने वाली लूनी नदी यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण नदी है जो कि अरावली पहाड़ियों से निकलती है। अतः कथन 3 सही है।