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Daily-static-mcqs 10 Apr 2024
Q1:
अंग्रेजों ने भारत के वनों का दोहन किया- 1. वनों को साफ करके 2. वनों को काटकर 3. वनों को जलाकर उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
अंग्रेज, भारत में वनों की आर्थिक महत्ता को समझते थे और इसीलिए उन्होंने इनका बड़े पैमाने पर दोहन करना शुरू किया। इससे वनों की संरचना भी बदलती चली गई। गढ़वाल और कुमाऊँ में पाए जाने वाले ओक के स्थान पर चीड़ के पेड़ उगाए गए, जो रेल पटरी बिछाने के लिए आवश्यक थे। चाय, कॉफी और रबड़ के बागान लगाने के लिए भी वनों को साफ किया गया। लकड़ी ऊष्मा रोधक होती है, इसलिए अंग्रेजों ने इसका प्रयोग इमारत निर्माण में भी भरपूर मात्रा में किया। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
Q2:
सुंदरवन डेल्टा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह विश्व का सबसे बड़ा एवं धीमी गति से वृद्धि करने वाला डेल्टा है। 2. यहाँ रॉयल बंगाल टाईगर भी पाये जाते है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के द्वारा बनाए गए डेल्टा को सुंदरवन डेल्टा के नाम से जाना जाता है, जो पश्चिम बंगाल में स्थित है। सुंदरवन डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा एवं तेजी से वृद्धि करने वाला डेल्टा है। सुंदरवन डेल्टा का नाम वहाँ पाये जाने वाले सुंदरी पादप से लिया गया है। यहाँ रॉयल बंगाल टाईगर भी पाये जाते है। अतः कथन 1 सही नहीं तथा कथन 2 सही है।
Q3:
लाल लैटेराइट मृदाएँ पाई जाती हैं- 1. प्रायद्वीपीय पठार के ऊँचे क्षेत्रों में 2. कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा और असम के पहाड़ी क्षेत्रों में उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में काजू जैसे वृक्षों वाली फसलों की खेती के लिए लाल लैटेराइट मृदाएँ अधिक उपयुक्त हैं। मकान बनाने के लिए लैटेराइट मृदाओं का प्रयोग ईंटें बनाने में किया जाता है। इन मृदाओं का विकास मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय पठार के ऊँचे क्षेत्रों में हुआ है। लैटराइट मृदाएँ सामान्यतः कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा और असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही है।
Q4:
भूमंडलीय तापन को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? 1. जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम करना 2. वनों की कटाई को कम करना 3. ऊर्जा दक्षता में सुधार करना उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
भूमंडलीय तापन को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें, जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम करना, वनों की कटाई को कम करना ऊर्जा दक्षता में सुधार करना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाना, जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (IPCC) की सिफारिशों का पालन करना इत्यादि शामिल हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
Q5:
नदी द्रोणी तथा जल-संभर के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. नदी द्रोणी का आकार छोटा होता है, जबकि जल-संभर का आकार बड़ा होता है। 2. ये एकता के परिचायक है । उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
एक नदी एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को 'अपवाह द्रोणी' कहते हैं। एक अपवाह द्रोणी को दूसरे से अलग करने वाली सीमा को 'जल विभाजक' या 'जल-संभर' कहते हैं। बड़ी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को नदी द्रोणी जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को 'जल-संभर' ही कहा जाता है। नदी द्रोणी का आकार बड़ा होता है, जबकि जल-संभर का आकार छोटा होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
नदी द्रोणी एवं जल-संभर एकता के परिचायक हैं। इनके एक भाग में परिवर्तन का प्रभाव अन्य भागों व पूर्ण क्षेत्र में देखा जा सकता है। इसीलिए इन्हें सूक्ष्म, मध्यम व बृहत नियोजन इकाइयों व क्षेत्रों के रूप में लिया जा सकता है। अतः कथन 2 सही है।