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Daily-static-mcqs 06 Mar 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. उड्गमंडलम् जिसे ऊटी के नाम से जाना जाता है, अन्नामलाई पर्वतमाला में स्थित एक महत्त्वपूर्ण हिल स्टेशन है। 2. पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट की अपेक्षा ऊँचे हैं। 3. पश्चिमी घाट का विस्तार सतत् है, जबकि पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है। 4. पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर जिंधगाड़ा (Jindhagada) है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
उड्गमंडलम् या ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक पर्वतीय शहर है जो नीलगिरी पहाड़ियों पर अवस्थित है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
पश्चिमी घाट पूर्वी घाट की अपेक्षा ऊँचे हैं। पूर्वी घाट की 600 मीटर की औसत ऊँचाई की तुलना में पश्चिमी घाट की ऊँचाई 900 से 1600 मीटर तक है। पश्चिमी घाट का विस्तार सतत् है जबकि पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है। ये अनियमित हैं एवं बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने इनको काट दिया है। पश्चिमी घाट में पर्वतीय वर्षा होती है। यह वर्षा घाट के पश्चिमी ढाल पर आर्द्र हवा से टकराकर ऊपर उठने के कारण होती है। अतः कथन 2 और 3 सही हैं।
पूर्वी घाट के दक्षिण-पश्चिम में शेवराय तथा जावेदी की पहाड़ियाँ स्थित हैं। पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर जिंधगाड़ा (1690 m) है तथा महेन्द्रगिरी इस घाट की एक अन्य महत्त्वपूर्ण चोटी है। इस घाट का काफी अपरदन हो चुका है। अतः कथन 4 सही है।
Q2:
भारतीय मरुस्थल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह अरावली पहाड़ियों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। 2. इस क्षेत्र की भूगर्भिक चट्टान संरचना प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार है। 3. लूनी नदी इस क्षेत्र की एक महत्त्वपूर्ण नदी है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
विशाल भारतीय मरुस्थल अरावली पहाड़ियों के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ पर वार्षिक वर्षा 150 मिलीमीटर से कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप यह एक शुष्क और वनस्पति रहित क्षेत्र है। इन्हीं गुणों के कारण इसे ‘मरुस्थली’ कहा जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
यद्यपि इस क्षेत्र की भूगर्भिक चट्टान संरचना प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार है, तथापि अत्यंत शुष्क दशाओं के कारण इसकी धरातलीय आकृतियाँ भौतिक अपक्षय और पवन क्रिया द्वारा निर्मित हैं। अतः कथन 2 सही है।
यहाँ की अधिकतर नदियाँ अल्पकालिक है। मरुस्थल के दक्षिण भाग में बहने वाली लूनी नदी यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण नदी है जो कि अरावली पहाड़ियों से निकलती है। अतः कथन 3 सही है।
Q3:
पश्चिमी घाट के स्थानीय नाम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. महाराष्ट्र सहयाद्रि 2. कर्नाटक अन्नामलाई 3. केरल कार्डामम (इलायची) 4. तमिलनाडु नीलगिरी उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक युग्म
B: केवल दो युग्म
C: सभी तीन युग्म
D: सभी चार युग्म
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
मुख्य उच्चावच लक्षणों के अनुसार प्रायद्वीपीय पठार को तीन भागों में बाँटा जा सकता है- दक्कन का पठार, मध्य उच्च भू-भाग, उत्तरी-पूर्वी पठार। दक्कन के पठार के पश्चिम में पश्चिमी घाट, पूर्व में पूर्वी घाट और उत्तर में सतपुड़ा, मैकाल और महादेव पहाड़ियाँ हैं। पश्चिमी घाट को स्थानीय तौर पर अनेक नाम दिये गए हैं, जैसे-महाराष्ट्र में सहयाद्रि, कर्नाटक और तमिलनाडु में नीलगिरी तथा केरल में अन्नामलाई और इलायची (कार्डामम) पहाड़ियाँ। अतः युग्म 1, 3 और 4 सही सुमेलित है ।
Q4:
प्रायद्वीपीय पठार के मध्य उच्च भू-भाग से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए: 1. अपने भूगर्भीय इतिहास में यह क्षेत्र कायांतरित प्रक्रियाओं से गुज़र चुका है। 2. मध्य उच्च भू-भाग का पूर्वी विस्तार राजमहल पहाड़ियों तक है। 3. पश्चिम में अरावली पर्वत इसकी सीमा बनाता है जो ब्लाक पर्वत का उत्कृष्ट उदाहरण है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
मुख्य उच्चावच लक्षणों के अनुसार प्रायद्वीपीय पठार को तीन भागों में बाँटा जाता है-दक्कन का पठार, मध्य उच्च भू-भाग, उत्तर-पूर्वी पठार। नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है, उसे मध्य उच्च भू-भाग के नाम से जाना जाता है। अपने भूगर्भीय इतिहास में यह क्षेत्र कायांतरित प्रक्रियाओं से गुज़र चुका है और कायांतरित चट्टानों जैसे-संगमरमर, स्लेट और नाइस की उपस्थिति इसका प्रमाण है। मध्य उच्च भू-भाग का पूर्वी विस्तार राजमहल की पहाड़ियों तक है, जिसके दक्षिण में स्थित छोटानागपुर पठार खजिन पदार्थों का भंडार है। अतः कथन 1 और 2 सही है।
पश्चिम में अरावली पर्वत मध्य उच्च भू-भाग की सीमा बनाता है, यह अवशिष्ट पर्वत के उत्कृष्ट उदाहरण है, जो कि काफी हद तक अपरदित है और इसकी श्रृंखला टूटी हुई है। प्रायद्वीपीय पठार के इस भाग का विस्तार जैसलमेर तक है जहाँ यह अनुदैर्ध्य रेल के डिब्बों और चापाकार (बरखान) रेतीले डिब्बों से ढँका है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
Q5:
प्रायद्वीपीय पठार के अनेक हिस्से भू-उत्थान व निमज्जन, भ्रंश तथा विभंश निर्माण प्रक्रिया के अनेक पुनरावर्ती दौर से गुज़रे हैं। इसका प्रमाण हैः 1. रिफ्ट घाटियाँ 2. टॉर 3. ब्लॉक पर्वत उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
भारत का प्रायद्वीपीय भाग इंडो-आस्ट्रेलिया प्लेट का हिस्सा होने के कारण यह ऊर्ध्वाधर हलचलों व खंड भ्रंशों से प्रभावित है। प्रायद्वीपीय पठार भू-उत्थान व निमज्जन, भ्रंश तथा विभंश निर्माण प्रक्रिया के अनेक पुनरावर्ती दौर से गुज़रे हैं। नर्मदा, तापी और महानदी की रिफ्ट घाटियाँ और सतपुड़ा ब्लॉक पर्वत इसके उदाहरण हैं। टॉर धरातलीय सतह पर चट्टानों के अपरदन के फलस्वरूप बनने वाली स्थलाकृति है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।