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Daily-static-mcqs 01 May 2024
Q1:
हिमालय और अतिरिक्त-प्रायद्वीपीय पर्वतमालाओं में किन भू-आकृतियों का निर्माण होता है? 1. वलन 2. गॉर्ज, 3. V-आकार घाटियाँ 4. क्षिप्रिकाएँ व जल-प्रपात उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
कठोर एवं स्थिर प्रायद्वीपीय खंड के विपरीत हिमालय और अतिरिक्त-प्रायद्वीपीय पर्वतमालाओं की भूवैज्ञानिक संरचना तरूण, दुर्बल और लचीली है। ये पर्वत वर्तमान समय में भी बहिर्जनिक तथा अंतर्जनित बलों की अंतर्क्रियाओं से प्रभावित हैं। इसके परिणामस्वरूप इनमें वलन, भ्रंश और क्षेप (thrust) बनते हैं। इन पर्वतों की उत्पत्ति विवर्तनिक हलचलों से जुड़ी हैं। तेज बहाव वाली नदियों से अपरदित ये पर्वत अभी भी युवा अवस्था में हैं। गॉर्ज, V-आकार घाटियाँ, क्षिप्रिकाएँ व जल-प्रपात इत्यादि इसका प्रमाण हैं। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
Q2:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. उत्तरी भारत का मैदान जलोढ़ निक्षेप बना है। 2. उत्तरी भारत के मैदान को उत्तर से दक्षिण भाभर, तराई और हिमालय तीन भागों में बांटा गया है। 3. भाभर एक पतली पट्टी है जो शिवालिक गिरिपाद के उत्तर में फैली हुई है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
उत्तरी भारत का मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा बहाकर लाए गए जलोढ़ निक्षेप से बना है। इस मैदान की पूर्व से पश्चिम लंबाई लगभग 3200 किलो मीटर है। इसकी औसत चौड़ाई 150 से 300 किलोमीटर है। जलोढ़ निक्षेप की अधिकतम गहराई 1000 से 2000 मीटर है। अतः कथन 1 सही है।
उत्तर से दक्षिण दिशा में इन मैदानों को तीन भांगों में बाँट सकते हैं; भाभर, तराई और जलोढ़ मैदान। जलोढ़ मैदान को आगे दो भागों में बाँटा जाता है- खादर और बाँगर। अतः कथन 2 सही नहीं है।
भाभर 8 से 10 किलोमीटर चौड़ाई की पतली पट्टी है जो शिवालिक गिरिपाद के समानांतर फैली हुई है। उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे- बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं। भाभर के दक्षिण में तराई क्षेत्र है जिसकी चौड़ाई 10 से 20 किलोमीटर है। भाभर क्षेत्र में लुप्त नदियाँ इस प्रदेश में धरातल पर निकल कर प्रकट होती हैं और क्योंकि इनकी निश्चित वाहिकाएँ नहीं होती, ये क्षेत्र अनूप बन जाता है, जिसे तराई कहते हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है।
Q3:
अरब सागर के द्वीपों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. सभी द्वीप समूह प्रवाल निक्षेप से बने हैं। 2. इन द्वीपों में लक्षद्वीप सबसे बड़ा है। 3. द्वीपों को 11 डिग्री चैनल एवं 13 डिग्री चैनल द्वारा दो भागों में बांटा गया है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
अरब सागर के द्वीपों में लक्षद्वीप और मिनिकॉय शामिल हैं। ये द्वीप 80° उत्तर से 12° उत्तर और 71° पूर्व से 74° पूर्व के बीच बिखरे हुए हैं। ये केरल तट से 280 किलोमीटर से 480 किलोमीटर दूर स्थित है। पूरा द्वीप समूह प्रवाल निक्षेप से बना है। अतः कथन 1 सही है।
यहाँ 36 द्वीप हैं और इनमें से 11 पर मानव आवास है। मिनिकॉय सबसे बड़ा द्वीप है जिसका क्षेत्रफल 453 वर्ग किलोमीटर है। पूरा द्वीप समूह 11 डिग्री चैनल द्वारा दो भागों में बाँटा गया है, उत्तर में अमीनी द्वीप और दक्षिण में कनानोरे द्वीप । इस द्वीप समूह पर तूफ़ान निर्मित पुलिन हैं जिस पर अबद्ध गुटिकाएँ, शिंगिल, गोलाश्मिकाऐं तथा गोलाश्म पूर्वी समुद्र तट पर पाए जाते हैं। अतः कथन 2 और 3 दोनों सही नहीं है।
Q4:
मिज़ोरम को 'मोलेसिस बेसिन' भी कहा जाता है- 1. क्योंकि यह मृदुल और असंगठित चट्टानों से बना है। 2. क्योंकि यह एक बड़ा बेसिन है। 3. क्योंकि यह एक झील वाला क्षेत्र है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
मिज़ोरम जिसे 'मोलेसिस बेसिन' भी कहा जाता है मृदुल और असंगठित चट्टानों से बना है। नागालैंड में बहने वाली ज़्यादातर नदियाँ बह्मपुत्र नदी की सहायक नदियाँ हैं। मिजोरम और मणिपुर की दो नदियाँ बराक नदी की सहायक नदियाँ हैं, जो मेघना नदी की एक सहायक नदी है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
Q5:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊँची चोटी सहयाद्रि है। 2. पूर्वी और पश्चिमी घाट आपस में महेंद्रगिरी की पहाड़ियों पर मिलते हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
दक्कन का पठार के पश्चिम में पश्चिमी घाट, पूर्व में पूर्वी घाट और उत्तर में सतपुड़ा, मैकाल और महादेव पहाड़ियाँ हैं। - पश्चिमी घाट को स्थानीय तौर पर अनेक नाम दिए गए हैं, जैसे- महाराष्ट्र में सहयाद्रि, कर्नाटक और तमिलनाडु में नीलगिरि और केरल में अनामलाई और इलायची (कार्डामम) पहाड़ियाँ। पूर्वी घाट की तुलना में पश्चिमी घाट ऊँचे और अविरत हैं। इनकी औसत ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है, जो कि उत्तर से दक्षिण की तरफ बढ़ती चली जाती है। प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊँची चोटी अनाईमुडी (2695 मीटर) है, जो पश्चिमी घाट की अनामलाई पहाड़ियों में स्थित है। दूसरी सबसे ऊँची चोटी डोडाबेटा है और यह नीलगिरी पहाड़ियों में है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
ज्यादातर प्रायद्वीपीय नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से है। पूर्वी घाट अविरत नहीं है और महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों द्वारा अपरदित हैं। यहाँ की कुछ मुख्य श्रेणियाँ जावादी पहाड़ियाँ, पालकोण्डा श्रेणी, नल्लामाला पहाड़ियाँ और महेंद्रगिरि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी और पश्चिमी घाट नीलगिरी पहाड़ियों में आपस में मिलते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।