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Daily-static-mcqs 29 Jun 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment & Ecology) 29 Jun 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment & Ecology)

Q1:

इंडियन राइनो विजन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इसका लक्ष्य वर्ष 2020 तक असम के सात संरक्षित क्षेत्रों में जंगली गैंडों की संख्या को 3000 तक पहुँचाना था।

2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबीतोरा वन्यजीव अभ्यारण्य, दोनों में एक सींग वाले गैंडे की लगभग 75% आबादी मौजूद है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

इंडियन राइनो विजन (IRV) 2020 असम सरकार, इंटरनेशनल राइनो फाउण्डेशन, WWF, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल और यूएस फिश एण्ड वाइल्ड लाइफ सर्विस के बीच एक भागीदारी है जिसका लक्ष्य वर्ष 2020 तक असम के सात संरक्षित क्षेत्रों में जंगली गैंडों की संख्या को 3000 तक पहुँचाना था। अतः कथन 1 सही है।


एक सींग वाला विशाल भारतीय गैंडा एक लोकप्रिय चिड़ियाघर जंतु है और विश्व के 66 चिड़ियाघरों में लगभग 175 भारतीय गैंडे जीवित रूप में मौजूद हैं। इनकी संख्या 1990 के दशक में मात्र 200 तक रह गई थी और इन्हें संकटग्रस्त प्रजाति घोषित किया गया था। भारत के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबीतोरा वन्यजीव अभ्यारण्य, दोनों में एक सींग वाले गैंडे की 75% आबादी मौजूद है। अतः कथन 2 सही है।


Q2:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य

2.  कतर्निया घाट वन्यजीव अभ्यारण्य

3.  कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

उपर्युक्त में से कितने कथन भारत में पाए जाने वाले घड़ियाल की प्रजननक्षम जनसंख्या के हैं

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

मगरमच्छ की एक प्रजाति घड़ियाल गंभीर रूप से संकटग्रस्त (IUCN) है तथा इसे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम (1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किया गया है। इस प्रजाति के लगभग 1300 जंतु वन्य जीवन में बचे हैं, जिनमें से मात्र 200 ही प्रजननकर्ता वयस्क हैं। इनकी शेष बची हुई आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा भारत के केवल चार स्थानों-सोन, कतर्निया घाट, गिरवा और चम्बल नदियों के किनारों पर ही केन्द्रित है। भारत में इनकी प्रजननक्षम जनसंख्या राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य, कतर्निया घाट वन्यजीव अभ्यारण्य और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ही मौजूद है। घड़ियाल प्रजाति बहाली योजना प्रजाति की समग्र जनसंख्या के निर्धारण का सुझाव देती है। वन और पर्यावरण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में घड़ियालों के संरक्षण हेतु एक त्रिस्तरीय विकेन्द्रीकृत समन्वय कार्यतंत्र स्थापित किया है। अतः विकल्प (c) सही है।


Q3:

भूमध्य सागरीय वन बायोम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. विस्तार दोनों गोलाद्धों में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में 50-60° अक्षांश के मध्य है।

2. मुख्य विशेषता शुष्क ग्रीष्म तथा आर्द्र शीतकाल है।

3. यहाँ की जलवायु का विकास पृथ्वी की वायुदाब पेटियों एवं पवन पेटियों में सूर्य के उत्तरायण एवं दक्षिणायण के साथ विस्थापन से होता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

भूमध्य सागरीय बायोम का विस्तार दोनों गोलाद्धों में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में 30-40° अक्षांश के मध्य है। इसका क्षेत्रीय विस्तार भूमध्य सागर के किनारे स्थित यूरोपीय भाग, उत्तर अमेरिका का दक्षिण कैलिफोर्निया, उत्तर-पश्चिम एवं उत्तरी तटीय अफ्रीका का भूमध्य सागरीय भाग, दक्षिण अमेरिका का मध्य चीली, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिण-पश्चिम भाग में केपटाउन प्रदेश तथा दक्षिण आस्ट्रेलिया में पर्थ तथा विक्टोरिया के प्रदेश में है। अतः कथन 1 सही नहीं है।


इस प्रदेश की जलवायु की मुख्य विशेषता शुष्क ग्रीष्म तथा आर्द्र शीतकाल है। ग्रीष्मकाल में औसत ताप 20°-27° सेंटीग्रेट तथा शीतकाल में 5°-10° सेंटीग्रेट रहता है। यहाँ वार्षिक तापान्तर15°-17°C होता है। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 35-70 सेमी० होता है। वर्षा शीतकाल में सागरीय पछुवा पवनों तथा शीतोष्ण चक्रवातों से होता है। अतः कथन 2 सही है।


यहाँ विविध प्रजातियाँ तथा जीव-जन्तु पाए जाते हैं। ग्रीष्म काल में यह प्रदेश शुष्क स्थलीय व्यापारिक पवनों के प्रभाव में जाता है, अतः वर्षा नहीं होती। इस प्रदेश की जलवायु का विकास पृथ्वी की वायुदाब पेटियों एवं पवन पेटियों में सूर्य के उत्तरायण एवं दक्षिणायण के साथ विस्थापन से होता है। मध्य अक्षांशों में महाद्वीपों के पश्चिमी भाग पर लगभग 30°-40° अक्षांश के मध्य शीतकालीन वर्षा प्रदेश में कॉर्क, अंजीर, ओक, जैतून, चेस्टनट एवं पाइन के सदाबहार वृक्ष तथा चैपराल और मैक्विस जैसी झाड़ियाँ पाई जाती हैं। यहाँ नींबू, संतरा जैसे साइट्स फलों के वृक्ष भी मिलते हैं। अतः कथन 3 सही है।


Q4:

नेक्टन समुदाय के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इस समूह के अधिकांश जन्तु रीढ़ वाले होते हैं।

2. सील, हवेल, डालफिन, सूंइस, मानातीस नेक्टन समुदाय के प्रमुख स्तनधारी जीव हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

सागरीय जल में विभिन्न गहराइयों में स्वयं तैरने वाले बड़े जन्तु समुदाय नेक्टन समूह के अन्तर्गत आते हैं। इस समूह के अधिकांश जन्तु रीढ़ वाले होते हैं। इनमें सर्वप्रमुख मछलियाँ हैं जो प्रत्येक प्रकार के सागरीय बायोम में पाए जाते हैं। अतः कथन 1 सही है।


रीढ़विहीन वर्ग में तेज तैरने वाले स्क्विडस प्रमुख हैं यह मांसाहारी होती है लेकिन बड़ी मछलियों के लिए यह आहार भी है। नेक्टन समूह में स्तनधारी तैराक वर्ग की जन्तुओं की भी कई श्रेणियाँ हैं। प्रथम वर्ग में वे जन्तु आते हैं जो वर्ष के कुछ समय तक स्थल में रहते हैं तथा अधिक समय तक सागर में रहते हैं। सील इनमें ही आते हैं। सील प्रजनन का कार्य स्थल पर करती हैं परन्तु खाद्य के लिए सागर में आती हैं। दूसरे वर्ग में खूले सागर में रहने वाले जीव ही आते हैं जैसे हवेल। दांत वाले ह्वेल परभक्षी होते हैं और ये छोटे आकार के स्पर्म ह्वेल से लेकर कातिल ह्वेल से दैत्याकार तक होती है। डालफिन तथा सूंइस भी इसी वर्ग में आते हैं। नीली हवेल, हम्प बैक्ड ह्वेल अन्य प्रमुख हैं। स्तनधारी सागरीय जीवों में सागर गाय जैसे मानातीस उष्ण कटिबंधीय सागरों में रहती हैं। तैराक सागरीय पक्षियों के ग्वानों, बुबीस तथा करमोरैण्ट्स प्रमुख हैं। यह परभक्षी होते हैं तथा मुख्यतः पेरु तथा चीली तट पर रहते हैं। अतः कथन 2 सही है।


Q5:

बेन्थस समुदाय के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इनका निवास क्षेत्र तटीय समुद्री क्षेत्रों से लेकर खुले महासागरों तक है।

2. इस समूह की प्रजातियों में कोई विविधता नहीं पाई जाती है

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

बेन्थस जीव समुदाय के अन्तर्गत तटीय सागरीय भाग से लेकर खुले सागरों में जल के नीचे स्थित तटस्थ या नितल में रहने वाले पादपों तथा जन्तुओं को रखा जाता है। अतः कथन 1 सही है।


बेंथस समूह की प्रजातियों में अत्यधिक विविधता पाई जाती है। इनकी कुल प्रजातियाँ सागरीय जन्तुओं की समस्त प्रजातियों का 16 प्रतिशत है। इनमें अधिकांश प्रकाशित मण्डल  के नितल में पाए जाते है। अतः कथन 2 सही नहीं है।


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