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Daily-static-mcqs 13 Jul 2024
Q1:
रासायनिक कारकों द्वारा जनित रोग के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (रासायनिक कारक) (रोग) पारा रक्ताल्पता सीसा हड्डी का कैंसर कैडमियम हाइपरटेंशन रेडियोएक्टिव स्ट्रोंशियम-90 मिनिमेटा उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
सतही जल के क्षेत्रों झील एवं नहर, नदी तट पर स्थित अनेक कारखाने अपना कचरा नदियों में बहा देते हैं। इस कचरे में अनेक विषैले रसायन मिले रहते हैं, जिसके फलस्वरूप यह मनुष्यों में रोग फैलाते हैं। भूमिगत जल भी इससे प्रदूषित होती है। जब यह रसायन मानव शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तब कई रोग उत्पन्न करते हैं।
पारा जब पानी में घुल जाता है तब इसे जलीय पौधे शोषित कर लेते हैं और यह शाकाहारी मछलियों (Herbivorous fishes) में प्रवेश कर जाता है। इन मछलियों को अन्य मांसाहारी मछलियाँ खा जाती है। अंततः मनुष्य द्वारा मानव शरीर में प्रवेश के उपरांत पारा युग्मक निर्माण में गुणसूत्रों का दमन करता है तथा आनुवंशिक परिवर्तन लाता है। इससे एक रोग जिसे मिनियामाता या मिनिमेटा (Miniamata) कहते हैं, उत्पन्न हो जाता है। इस रोग के लक्षण मंदबुद्धि (Mental retardation), देखने में अस्पष्टता (Impaired vision) तथा मांसपेशियों का शिथिल होना है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
सीसा से उपापचय (Metabolism) उत्पन्न होता है तथा इंजाइम नष्ट हो जाते हैं। इसके फलस्वरूप जन्मजात विकृति, रक्ताल्पता, भूख नष्ट होना तथा मसूड़ों के पास नीली रेखाएँ बन जाना आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
कैडमियम यकृत तथा गुरदे में जमा हो जाता है जिससे हाइपरटेंशन तथा गुर्दे खराब (Renal damage) होते हैं। अतः युग्म 3 सही सुमेलित है।
रेडियोएक्टिव स्ट्रोंशियम-90 (Radioactive strontium-90) कैल्शियम को घटाता है तथा हड्डियों में प्रवेश करके हड्डी का कैंसर उत्पन्न करता है। आयोडीन-131 की क्रिया से सोडियम तथा पोटेशियम घटता है, जिससे आनुवांशिक (Genetic) तथा अन्य क्रियात्मक परिवर्तन होते हैं। अतः युग्म 4 सही सुमेलित नहीं है।
पानी में घुले नाइट्रेट अमाशय में पहुँचकर हीमोग्लोबिन से क्रिया करते हैं तथा उसकी ऑक्सीजन वाहन शक्ति को क्षीण करते हैं। पेयजल में नाइट्रेट की अधिकता से ब्लू बेबी सिन्ड्रोम उत्पन्न होता है। अकार्बनिक नाइट्रेट तथा फॉस्फेट झीलों तथा जलाशयों में उत्पन्न पौधों में अत्यधिक वृद्धि करते हैं।
Q2:
पेट्रोलियम कोक या पेटकोक के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. पेट्रोलियम कोक तेल संयंत्रों का बचा हुआ तलछर होता है। 2. भारत विश्व का सबसे बड़ा पेटकोक उपभोक्ता देश है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
पेट्रोलियम कोक या पेटकाक एक अंतिम कार्बन समृद्धि ठोस पदार्थ है, जो तेल शोधन संयंत्रों से उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। यह वास्तव में तेल संयंत्रों का बचा हुआ तलछर होता है। इसमें अधिक मात्रा में वैश्विक तापन का जिम्मेदार पदार्थ कार्बन हृदय व फेफड़ों के लिए हानिकारक सल्फर मौजूद होता है। अतः कथन 1 सही है।
पेटकोक में 90 प्रतिशत कार्बन होता है तथा यह कोयले की प्रति इकाई ऊर्जा की तुलना में अत्यधिक कार्बन डाईऑक्साईड (लगभग 5-10 प्रतिशत अधिक) उत्सर्जन करता है। यह उच्च ऊष्मीयता, न्यूनतम लागत तथा न्यूनतम रख रखाव लागत पदार्थ है। भारत विश्व का सबसे बड़ा पेटकोक उपभोक्ता देश है। यह कई राज्यों- आंध्र प्रदेश, तेलगांना, गुजरात तथा कर्नाटक आदि में एक मान्यता प्राप्त ईंधन भी है। अतः कथन 2 सही है।
Q3:
जलभृत या एक्वाफर की सबसे ऊपरी परत को क्या कहते हैं?
A: वाटर-लेबल
B: भूजल
C: भौम जल
D: पर्पटी
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
पृथ्वी की सतह के भीतर स्थित उस संरचना को जलभृत या एक्वाफर कहते हैं जिसमें मुलायम चट्टानों और छोटे-छोटे पत्थरों के बीच में भारी मात्रा में जल भरा रहता है। एक्वाफर की सबसे ऊपरी परत को वाटर-लेबल कहते हैं। सामान्यतः स्वच्छ भूजल एक्वाफर में ही पाया जाता है। अतः विकल्प (a) सही है।
Q4:
वाहनों में उत्सर्जित कार्बन मोऑक्साइड को कार्बन डाइऑक्साइडमें परिवर्तित करने वाली उत्प्रेरक की सिरेमिक डिस्क किससे स्तरित होती है?
A: स्वर्ण
B: चांदी
C: पैलेडियम
D: तांबा
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
वाहनों में उत्सर्जित कार्बन मोऑक्साइड को कार्बन डाइऑक्साइडमें परिवर्तित करने वाली उत्प्रेरक की सिरेमिक डिस्क पैलेडियम से स्तरित होती है?
Q5:
निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: मिथाइल आइसोसाइनेट दाँत सल्फर डाइ ऑक्साइड भोपाल गैस त्रासदी फ्लोराइड प्रदूषण अम्ल वर्षा ओजोन रिक्तता चर्म कैंसर उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC- C₂H₃NO) एक अस्थिर, रंगहीन तरल है। इसका इस्तेमाल कीटनाशकों, पॉलीयुरेथेन फ़ोम और प्लास्टिक बनाने में किया जाता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल रबड़ और चिपकाने वाले पदार्थ बनाने में भी किया जाता है। यह तीव्र जोखिम से मनुष्यों के लिए बेहद जहरीला है। इसका तरल और वाष्प, सांस लेने, निगलने, या आंखों या त्वचा के संपर्क में आने पर जहरीला होता है। 3 दिसंबर, 1984 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनियन कार्बाइड (अब डॉव केमिकल्स) के कीटनाशक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव के कारण भोपाल गैस त्रासदी हुई थी। अतः युग्म 1 सही नहीं सुमेलित है।
सल्फ़र डाइऑक्साइड (SO2) एक अकार्बनिक यौगिक है। यह एक भारी, रंगहीन, जहरीली गैस होती है। अम्ल वर्षा का प्रमुख कारण कोल पावर प्लांट्स से उत्सर्जित सल्फर डाई आक्साइड है। अतः युग्म 2 सही नहीं सुमेलित है।
फ्लोराइड एक व्यापक, गैर-बायोडिग्रेडेबल और अपेक्षाकृत लगातार प्रदूषक है। प्रदूषण, पर्यावरण और इंसानों के लिए हानिकारक है। फ्लोराइड के कारण फ्लोरोसिस नाम का रोग होता है। इसमें दांत धब्बेदार और हड्डियां विकृत हो जाती हैं। अतः युग्म 3 सही नहीं सुमेलित है।
ओजोन रिक्तीकरण समताप मंडल में और उपरी क्षोभ मंडल (tropospheric) के ताप में काफी कमी प्रेक्षित करता है। यह समताप मंडल की गरमी का स्रोत है। ओजोन के द्वारा यूवी विकिरण के अवशोषण, इसलिए ओजोन में कमी ताप को कम करती है। इससे त्वचा रोग, चर्म कैंसर, सनबर्न, मोतियाबिंद, जल्दी बूढ़ा होना और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अतः युग्म 4 सही सुमेलित है।