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Daily-static-mcqs 03 Aug 2024
Q1:
प्रकाश संश्लेषण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. इस प्रक्रिया में पौधे सूर्य से उर्जा प्राप्त करते है। 2. पौधों के हरित वर्णक में मौजूद मैग्नीशियम पौधों को सूर्य से प्राप्त प्रकाश को उर्जा में बदलनें की क्षमता प्रदान करती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
प्रकाश संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधे सूर्य के प्रकाश का प्रयोग करते हुए कार्बन डाईऑक्साइड और इस को संयोजित करके ऑक्सीजन, कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोज) और अन्य पोषक तत्वों का उत्पादन करते हैं। पौधे सूर्य से ऊर्जा लेते हैं, पत्तियों के द्वारा वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं और जड़ों के द्वारा मिट्टी से पानी लेते हैं। अतः कथन 1 सही है।
प्रकाश संश्लेषण को पौधे में मौजूद हरित वर्णक (क्लोरोफिल) द्वारा समर्थन प्रदान होता है। क्लोरोफिल में मैग्नीशियम होता है जो कि पौधे को यह क्षमता देता है कि वह प्रकाश को ऊर्जा में बदल सके। इस प्रक्रिया को निम्न रूप में वर्णित किया जा सकता है।
कार्बन डाईऑक्साइड + जल + सौर ऊर्जा → कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन
अतः कथन 2 सही है।
Q2:
प्रकाश संश्लेषण के महत्त्व के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. प्रकाश संश्लेषण के लिए जरुरी तत्व प्रकाश और पोषक दोनों गहरे महासागर में आसानी से उपलब्ध होते हैं। 2. रासायनिक संश्लेषण की प्रक्रिया जलतापीय छिद्रों के आस-पास घटित होती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
प्रकाश संश्लेषण सभी जीवों के लिए जीवन और ऊर्जा का आधारभूत स्रोत है। इसमें उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन इंसानों और जानवरों के लिए जीवनदायी होती है। प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश और पोषक तत्वो की जरूरत होती है और ये दोनों गहरे महासागर में दुर्लभ होते हैं। इस प्रकार यह प्रक्रिया महासागर की केवल ऊपरी परतो (सतह से लगभग 75 मीटर की गहराई तक) में ही हो पाती है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
महासागरों की गहराई में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँचता है इसलिए यहाँ एक अन्य प्रक्रिया घटित होती है जिसे रासायनिक संश्लेषण कहा जाता है। यह प्रक्रिया जलतापीय छिद्रों के आस-पास घटित होती है और इसमें ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा के स्थान पर रसायनों का प्रयोग होता है। इस प्रक्रिया में हरे सल्फर जीवाणुओं द्वारा हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन डाईऑक्साइड और ऑक्सीजन को संयोजित करके ग्लूकोज और सल्फर यौगिकों का उत्पादन किया जाता है। अतः कथन 2 सही है।
Q3:
निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: 1. प्राथमिक उपभोक्ता हरे पौधों से भोजन प्राप्त करते हैं 2. द्वितीयक उपभोक्ता प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते है 3. तृतीयक उपभोक्ता द्वितीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक युग्म
B: केवल दो युग्म
C: सभी तीन युग्म
D: कोई भी युग्म नहीं
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
प्रथम स्तर पर उत्पादकों को जीवों द्वारा खाया जाता है, जो कि प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। उदहारण के तौर पर खरगोश, बकरी इत्यादि जो पौधे खाते हैं, प्राथमिक उपभोक्ताओं को शाकाहारी भी कहा जाता है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है।
अगले स्तर पर द्वितीयक उपभोक्ता होते हैं जो कि प्राथमिक उपभोक्ताओं को अपना आहार बनाते हैं। उदाहरण के लिए, शेर जो कि हिरन को खाते हैं। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है।
तीसरे स्तर पर तृतीयक उपभोक्ता होते हैं जो द्वितीयक उपभोक्ताओं को भोजन के रूप में प्रयुक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, बाज तृतीयक उपभोक्ता हैं जो साँप को खाते हैं। तृतीयक उपभोक्ताओं को अन्य उपभोक्ताओं द्वारा खाया जा सकता है और श्रृंखला आगे बढ़ती रहती है। अतः युग्म 3 सही सुमेलित है।
Q4:
निम्नलिखित पर विचार कीजिए: 1. मक्खियाँ 2. कॉकरोच 3. केंकड़े 4. जेलीफिश उपर्युक्त में से कौन-से जीव अपरदाहारी कहलाते हैं?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
एक अपरदाहारी अपरद या कूड़े को खाता है, जिसमें जैविक कचरा, मलवा और जंतुओं के सूखे मल आदि शामिल होते हैं। अपरदाहारों के उदाहरण हैं-मक्खियाँ, कॉकरोच, केंकड़े, केंचुए, दीमक और काष्ठ चींटी। अपघटक और अपरदाहारी दोनों मृत और सड़े-गले पदार्थों के वियोजन या अपघटन में सहायता करते हैं। दोनों अपशिष्ट पदार्थों से अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं। उनके योगदान के बिना पृथ्वी मृत पदार्थ और मृत शरोरों से भर जाएगी। जहाँ अपरदाहारी वास्तविक रूप से अपशिष्ट पदार्थ को खाते हैं वहीं अपघटक कचरे को पचाने के लिए एंजाइम स्रावित करते हैं और इसके बाद निर्मुक्त अणुओं को अवशोषित कर लेते हैं। अपरदाहारी की तुलना में अपघटक एक अन्य अतिरिक्त कार्य निष्पादित करते हैं। वे पारितंत्र में आवश्यक पोषक तत्वों को वापस लौटाते हैं। अतः विकल्प (c) सही है।
Q5:
निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: 1. संख्या का पिरामिड पोषी स्तर में व्यक्तियों की संख्या पर आधारित 2. बायोमास का पिरामिड पोषी स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा मात्रा पर आधारित 3. ऊर्जा का पिरामिड इकाई क्षेत्र में मौजूद जीवों के मात्रात्मक बायोमास पर आधारित उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
A: केवल एक युग्म
B: केवल दो युग्म
C: सभी तीन युग्म
D: कोई भी नहीं
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
पारिस्थितिक पिरामिड, एक ग्राफ़िकल चित्रण है। यह एक पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न पोषी स्तरों पर विभिन्न जीवित जीवों के बीच संबंधों को दर्शाता है। पिरामिड का आकार सीधा (ऊपर से आधार चौड़ा), उल्टा (आधार से ऊपर चौड़ा) या परिवर्तनशील हो सकता है। ये मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं, संख्या का पिरामिड, बायोमास का पिरामिड तथा ऊर्जा का पिरामिड। संख्या का पिरामिड, प्रत्येक पोषी स्तर में व्यक्तियों की संख्या पर आधारित है। बायोमास का पिरामिड, प्रत्येक पोषी स्तर के लिए इकाई क्षेत्र (खड़ी फसल) में मौजूद जीवों के मात्रात्मक बायोमास पर आधारित है। ऊर्जा का पिरामिड, प्रत्येक पोषी स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा मात्रा पर आधारित है। अतः कथन 1 सही सुमेलित है, जबकि कथन 2 एवं 3 सही सुमेलित नहीं है।