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Daily-static-mcqs 28 Sep 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment & Ecology) 28 Sep 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment & Ecology)

Q1:

निम्नलिखित पर विचार कीजिए:

1. लक्षद्वीप

2. मन्नार की खाड़ी

3. कच्छ की खाड़ी

4. सुंदरवन

उपर्युक्त में से किनमें प्रवाल भित्तियाँ नहीं पाई जाती हैं ?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

भारतीय सामुद्रिक विज्ञान संस्थान के अनुसार, भारत में प्रवाल-भित्ति वाले चार प्रमुख क्षेत्र - अण्डमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, मन्नार की खाड़ी एवं कच्छ की खाड़ी हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।


                            

Q2:

गंभीर पारिस्थितिकी तंत्र सहभागिता कोष के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इसकी स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी।

2. इसका उद्देश्य संकटापन्न प्रजातियों का बचाव करना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

गंभीर पारिस्थितिकी तंत्र सहभागिता कोष (Critical Ecosystem Partnership Fund) की स्थापना वर्ष 2000 में विश्व के जैवविविधता हॉटस्पाटों को संरक्षित करने के लिए विकासशील देशों की सिविल सोसायटियों एवं संक्रमणकारी अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। अतः कथन 1 सही है।


सीईपीएफ, फ्राँस की विकास एजेंसी, कंजरवेशन इंटरनेशनल, यूरोपीय समुदाय, वैश्विक पर्यावरण सुविधा, जापान सरकार, मैकआर्थर फाउंडेशन एवं विश्व बैंक का एक संयुक्त कार्यक्रम है। सीईपीएफ को विश्व की 2000 से अधिक सिविल सोसाइटियों, संगठनों एवं व्यक्तिगत रूप से आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिससे संकटापन्न प्रजातियों का बचाव किया जा सके एवं जैवविविधता हॉटस्पाटों को संरक्षित किया जा सके। अतः कथन 2 सही है।


                            

Q3:

निम्नलिखित अभयारण्यों पर विचार कीजिए:

1. भीम बाँध अभ्यारण्य

2. विक्रमशिला गंगा अभ्यारण्य

3. संजय गाँधी अभ्यारण्य

4. परमान अभ्यारण्य

उपर्युक्त में से कितने अभ्यारण्य कोडॉल्फिन अभ्यारण्यकी मान्यता प्राप्त है?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

भीम बाँध अभ्यारण्य में तेदूंआ, भालू, सांभर, जंगली सूअर, भेड़िया, मोर, नीलगाय, जैसे जीव पाए जाते हैं। यह अभ्यारण्य मुंगेर जिले में स्थित है। विक्रमशिला गंगा अभ्यारण्य को वर्ष 1990 में बिहार सरकार की ओर से डॉल्फिन अभ्यारण्य के रूप में मान्यता प्रदान की है। यह अभ्यारण्य भागलपुर में स्थित है। संजय गाँधी अभ्यारण्य, गैंडा प्रजनन की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान रखता है। यह पटना में स्थित है। परमान अभ्यारण्य की स्थापना अररिया में की गई थी। यह भी डॉल्फिन के लिए जाना जाता है। अतः विकल्प (b) सही है।


                            

Q4:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

कथन-I: मैंग्रोव लवणीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले पादप समुदाय हैं।

कथन-II: भारत में पाये जाने वाले कुल मैंग्रोव क्षेत्र में से 10% क्षेत्र केवल पश्चिम बंगाल के सुन्दरबन में

स्थित है।

उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

A: कथन-I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है

B: कथन-I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है

C: कथन I सही है किन्तु कथन-II गलत है

D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

भारत में मैंग्रोव क्षेत्र मैंग्रोव लवणीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले पादप समुदाय हैं। ये विश्व के उष्णकटिबन्धीय और उपोष्ण कटिबन्धीय अन्तरज्वारीय क्षेत्रों में पाये जाते हैं, जिनमें वर्षा 1000-3000 मिमी और तापमान 26-35°C होता है। उच्च लवणता में उगने के लिये इनमें अनुकूलन पाया जाता है। इन अनुकूलनों में जरायुजता (vivipary) और श्वसनमूल (pneumatophores) की उपस्थिति प्रमुख है। अतः कथन I सही है।


भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR)-2013 के अनुसार, भारत में मैंग्रोव क्षेत्र 4,628 वर्ग किमी है जो विश्व की कुल मैंग्रोव वनस्पति का लगभग 3% है। भारत में पाये जाने वाले कुल मैंग्रोव क्षेत्र में से लगभग आधा क्षेत्र केवल पश्चिम बंगाल के सुन्दरबन में स्थित है। अतः कथन II सही नहीं है।


                            

Q5:

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) कब लागू किया गया था?

A: 1963

B: 1975

C: 1981

D: 2016

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) 1 जुलाई, 1975 को लागू हुआ। यह संधि वर्ष 1973 में अपनाई गई थी। CITES का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि CITES के तहत शामिल जानवरों और पौधों के नमूनों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार (आयात/निर्यात) जंगल में प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में नहीं डालता।