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Daily-static-mcqs 04 May 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. लैटेराइटीभवन के परिणामस्वरूप लैटोसोल मृदा बनती है। 2. लैटोसोल कृषि हेतु उपयोगी मानी जाती है? उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
लैटेराइटीभवन, जो मृदा निर्माण हेतु एक निष्क्रिय कारक है, में बहुत भिन्नता पायी जाती है क्योंकि यह जलवायु और मूल पदार्थ कारकों से अत्यधिक प्रभावित होता है। उष्णकटिबन्धीय परिस्थितियों के अन्तर्गत मृदा निर्माण बहुत अधिक समय लेती है। लैटेराइटीभवन के परिणामस्वरूप लैटोसोल मृदा बनती है। उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में उच्च तापमान और अधिक वर्षा के अन्तर्गत सिलिकेट लवण बहुत अस्थायी होते हैं और सिलिका की हानि होती है। मूल खनिजों के ऐलुमिनियम और लोह सेस्कवी ऑक्साइड, अपघटन के लिये प्रतिरोधक होते हैं और स्व स्थाने (in situ) के रूप में आयनिक ऐलुमिनियम और लोह से, ऐलुमिनो-सिलिकेट के टूटने के दौरान मुक्त होते हैं। यह प्रक्रिया लैटेराइटीभवन कहलाती है और यह प्राथमिक लैटेराइट को अपशिष्ट के रूप में छोड़ती है जिसमें कुछ लोह और ऐलुमिनियम सेस्कवीऑक्साइड और थोड़े से प्रतिरोधक मूल खनिज होते हैं। अतः कथन 1 सही है।
निक्षालित परत हल्की अम्लीय, अल्प पोषक और क्षारविहीन होती है। इस प्रक्रिया द्वारा विकसित उष्णकटिबन्धीय लाल वन मृदा लैटोसोल कहलाती है। यह मृदा पॉडसोल (podsol) के विपरीत है और कृषि हेतु उपयोगी नहीं है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
Q2:
आर्द्रभूमियों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं निम्नलिखित में से कौन-सी हैं? 1. जल शोधन 2. जलभृत पुनर्भरण 3. माइक्रॉक्लाइमेट विनियमन 4. तटरेखा कटाव नियंत्रण उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
आर्द्रभूमि (जल विज्ञान चक्र के महत्वपूर्ण भाग) अत्यधिक उत्पादक पारिस्थितिक तंत्र हैं जो समृद्ध जैव विविधता का समर्थन करते हैं और जल भंडारण, जल शोधन, बाढ़ शमन, कटाव नियंत्रण, जलभृत पुनर्भरण, माइक्रॉक्लाइमेट विनियमन, परिदृश्य के सौंदर्य वृद्धि जैसी पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मनोरंजक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का समर्थन करते हैं । अतः विकल्प (d) सही है ।
Q3:
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत स्थापित एक सांविधिक बहु-अनुशासनात्मक निकाय है। 2. इसका कार्य एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना है। 3. इसका कार्य संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करना और उसका मिलान करना है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 (Z) के तहत, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी), संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए इस डेटा को प्रदान करने के लिए अधिदेशित है। अतः कथन 1 सही नहीं है जबकि, कथन 3 सही है।
इसके साथ ही इसका कार्य एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना है । अतः कथन 2 सही है ।
Q4:
निम्नलिखित पर विचार कीजिए: 1. जनसंख्या विस्फोट 2. पशु चारण 3. झूम खेती 4. खनिजीकरण 5. औद्योगीकरण उपर्युक्त में से कितने वनोन्मूलन के कारण हैं?
A: केवल एक
B: केवल तीन
C: केवल चार
D: सभी पाँच
उत्तर: D
स्पष्टीकरण:
वनोन्मूलन के कारणों से हम सुपरिचित हैं। प्रमुख कारण जनसंख्या विस्फोट है जिसके कारण काष्ठ और ईंधन की लकड़ी की आवश्यकता में वृद्धि होती है तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि से चारण (grazing) में वृद्धि होती है। पशुओं और घुमन्तु चरने वाले जानवरों में वृद्धि से जंगल नष्ट होते है। सुगम पहुँच वाले वन क्षेत्रों में चराई अधिक होती है। उत्तर-पूर्वी भारत और उड़ीसा में झूम खेती (jhum cultivation or shifting cultivation) ने भी वनों के बहुत बड़े क्षेत्र को बंजर बना दिया है। संक्षेप में, यह कम ऊर्जा बजट और कम निवेश की जीविका कृषि प्रणाली है, जिसमें खनिजीकरण (mineralization) और खनिजों के पुनर्चक्रण का उपयोग होता है। झूम चक्र (jhum cycle) का समय घटकर 6 वर्ष (कुछ जिलों में 2-3 वर्ष केवल) हो गया है जिसमें नष्ट किये गये पारिस्थितिक तन्त्र की प्राकृतिक मरम्मत के लिये पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। लम्बे समय से जंगलों को राजस्व उत्पन्न करने वाले क्षेत्र के रूप में देखा गया है और सरकारी एवं प्राइवेट मालिकों द्वारा इसका अधिकतम दोहन किया गया है। कृषिकरण, शहरीकरण और औद्योगीकरण के काल में वनों के संरक्षण को बहुत कम प्राथमिकता दी गयी है। अतः विकल्प (d) सही है।
Q5:
परजीवीवाद के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. परजीवी हमेशा होस्ट को मार देता है। 2. सूअर की आंत में पाया जाने वाला फीताकृमि परजीवीवाद का एक उदाहरण है। 3. परजीवीवाद तब होता है, जब दो जीव आपस में अंतर्क्रिया करते हैं, लेकिन जहाँ एक लाभान्वित होता है, तो दुसरे को नुकसान होता है। उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: सभी तीन
D: कोई भी नहीं
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
परजीवीवाद दो प्रजातियों के बीच का संबंध है। इस संबंध में, एक जीव (परजीवी) दूसरे जीव (मेज़बान) के शरीर पर या उसके अंदर रहता है। होस्ट आमतौर पर परजीवी द्वारा कमजोर हो जाता है क्योंकि यह होस्ट के संसाधनों को नष्ट कर देता है जिन पर होस्ट स्वयं पोषण करने के लिए उपयोग करता है। हालांकि, परजीवी द्वारा होस्ट को मारने की संभावना नहीं होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है ।
फीताकृमि एक परजीवी है, जो मनुष्यों में बीमारी का कारण बनता है जब वह सूअर, मछली आदि के दूषित, अधपके मांस का सेवन करता है। अतः कथन 2 सही है ।
परजीवी एक ऐसा जीव है, जो अन्य किसी जीवित पर या में निवास करता है। इसमें परजीवी को लाभ होता है, लेकिन होस्ट जो इस जीव को भोजन प्रदान करता है उसे नुकसान होता है। परजीवी का प्रजनन चक्र अक्सर बहुत जटिल होते हैं, कभी-कभी एक से अधिक होस्ट प्रजातियों की आवश्यकता होती है। अतः कथन 3 सही है ।