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Daily-static-mcqs 27 Jun 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज : अर्थव्यवस्था "Economy" 27 Jun 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज : अर्थव्यवस्था "Economy"

Q1:

शून्य-आधारित बजट (जेबीबी) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. भारत में 1985-86 में शून्य आधारित बजट की अवधारणा को स्वीकार किया गया।

2. शून्य आधार बजट में पूर्व में आवंटित राशि वाली मदों या कार्यक्रमों को आवश्यक रूप से स्थान नहीं दिया जाता है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं  है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

भारत में 1985-86 में शून्य आधारित बजट की अवधारणा को स्वीकार किया गया। शून्य आधार बजट में पूर्व में आवंटित राशि वाली मदों या कार्यक्रमों को आवश्यक रूप से स्थान नहीं दिया जाता है। चालू वित्तीय वर्ष के बजट के लिए नया आर्थिक आधार तैयार किया जाता है जो पूर्व के वित्तीय वर्ष में संचालित कार्यक्रमों या योजनाओं के आलोचनात्मक मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किया जाता है।  अतः कथन 1 और 2 दोनों सही है।


                            

Q2:

पूंजीगत लाभ कर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह चल और अचल दोनों प्रकार की पूंजीगत संपत्ति पर लागू होता है।

2. यह उत्तराधिकार में मिली संपत्ति पर लागू नहीं होते हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं  है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

पूंजीगत लाभ कर, पूंजीगत परिसंपत्तियों के निपटान से प्राप्त लाभ पर लगाया गया कर है। यह लाभ या लाभवत आय की श्रेणी में आता है। तो, उस वर्ष के लिए पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना होगा जिसमें उस वर्ष में पूंजीगत परिसंपत्ति का हस्तांतरण होता है। यह अल्पकालिक (एक वर्ष या उससे कम समय के लिए) या दीर्घकालिक (एक वर्ष से अधिक के लिए) आयोजित किया जा सकता है।


यह चल और अचल पूँजी संपत्ति दोनों में कर योग्य है। पूंजीगत संपत्ति में भूमि, भवन, गृह संपत्ति, वाहन, पेटेंट, ट्रेडमार्क, पट्टे के अधिकार, मशीनरी और आभूषण शामिल हैं। इसमें प्रबंधन या नियंत्रण या किसी अन्य कानूनी अधिकार के अधिकार शामिल हैं।  अत: कथन 1 सही है।


पूंजीगत लाभ विरासत में मिली संपत्ति पर लागू नहीं होता है क्योंकि बिक्री नहीं होती है। कैपिटल गेन टैक्स इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत आता है। अगर किसी व्यक्ति के पास यह संपत्ति बेची जाती है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा। अत: कथन 2 सही है।


                            

Q3:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. स्टेगफ्लेशन के दौरान मुद्रास्फीति के साथ-साथ गतिहीनता भी पायी जाती है।

2. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण हेतु किये गये प्रयासों के परिणामस्वरूप मुद्रा अपस्फीति की स्थिति उत्पन्न होती है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन- सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

स्टेगफ्लेशन से तात्पर्य स्फीतियुक्त गतिहीनतासे है। स्टेगफ्लेशन एक ऐसी विरोधाभासी स्थिति है जिसमें अर्थव्यवस्था में मुद्रा स्फीति के साथ-साथ गतिहीनता पाई जाती है। इस स्थिति में अर्थव्यवस्था कुछ क्षेत्रों में एक ओर ऊंचे मूल्य तथा पूर्ण रोजगार की स्थिति दिखाई देती है। तो दूसरी तरफ के क्षेत्रों में गतिहीनता की स्थिति, अर्थात् औद्योगिक तथा कृषि उत्पादन में कमी, अत्यधिक मात्र में बेरोजगारी इत्यादि दृष्टिगोचर होती है। अतः कथन 1 सही है।


मुद्रास्फीति पर नियंत्रण लाने हेतु जो प्रयास किये जाते हैं, उनके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति की दर घटने लगती है। कीमतों में गिरावट आती है तथा रोजगार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, यह स्थिति मुद्रा अपस्फीति अर्थात विस्फीति की स्थिति कहलाती है। इस स्थिति में यद्यपि मूल्य स्तर गिरता है, तथापि यह सामान्य मूल्य स्तर से ऊपर ही रहता है। अतः कथन 2 सही है।


                            

Q4:

प्रभावी राजस्व घाटा परिभाषित किया जाता है:

A: राजस्व व्यय और राजस्व प्राप्तियों के बीच अंतर के द्वारा।

B: कुल व्यय और राजस्व प्राप्तियों के बीच अंतर और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों का निर्माण के द्वारा।

C: सकल राजकोषीय घाटे और शुद्ध ब्याज देनदारियों के बीच अंतर द्वारा।

D: राजस्व घाटा और पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के अनुदान के बीच अंतर द्वारा।

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

कर और गैर-कर तथा राजस्व व्यय दोनों पर राजस्व प्राप्तियों के बीच का अंतर राजस्व घाटा होता है। यह घाटा केवल वर्तमान आय और वर्तमान खर्चों को शामिल करता है। सरकार आयकर बढ़ाकर और संपत्तियों को बेचकर अपनी राजस्व प्राप्तियां बढ़ा सकती है।


गैर-ऋण के साथ कुल व्यय और राजस्व प्राप्तियों के बीच अंतर राजकोषीय घाटा होता है।


सकल राजकोषीय घाटे और शुद्ध ब्याज देनदारियों के बीच का अंतर प्राथमिक घाटा होता है। प्राथमिक घाटा वर्तमान वर्ष के राजकोषीय घाटे और पिछले उधारों पर ब्याज भुगतान के बीच अंतर को संदर्भित करता है। यह ब्याज को छोड़कर सरकार की उधार आवश्यकताओं को इंगित करता है। यह दिखाता है कि ब्याज भुगतान के अलावा सरकार के खर्चों का कितना हिस्सा उधारों के माध्यम से मिल सकता है।


राजस्व घाटे और पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के अनुदान के बीच अंतर प्रभावी राजस्व घाटा देता है। इसे पहली बार 2011-12 के बजट में पेश किया गया था।


अतः विकल्प (d) सही है।


                            

Q5:

भुगतान संतुलन के पूंजी खाते के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन आता है?

1. उपहार

2. प्रेषण

3. वाणिज्यिक उधार

4. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

बैलेन्स ऑफ पेमेंट (बीओपी) एक निश्चित समय अवधि के लिए आमतौर पर एक वर्ष की अवधि के लिए शेष दुनिया के साथ एक देश के निवासियों के बीच अंतिम माल, सेवाओं और परिसंपत्तियों के लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। BoP में दो मुख्य खाते हैं - चालू खाता और पूंजी खाता।


चालू खाताः चालू खाता माल के निर्यात और आयात, सेवाओं में व्यापार और हस्तांतरण भुगतान को रिकॉर्ड करता है। उसमे माल और सेवाओं, शिपिंग, बैंकिंग, उपहार, प्रेषण, अनुदान, आदि में व्यापार समाविष्ट हैं।


पूंजी खाताः पूंजी खाता सभी अंतर्राष्ट्रीय खरीद और परिसंपत्तियों की बिक्री जैसे कि धन, स्टॉक, बॉन्ड आदि को रिकॉर्ड करता है। इसमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और ऋण, वाणिज्यिक उधार और एनआरआई जमा, रिजर्व खाते में बदलाव आदि शामिल हैं। अतः विकल्प (b) सही है।