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Daily-static-mcqs 02 Mar 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी 02 Mar 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी

Q1:

वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत स्थापित एक सांविधिक बहु-अनुशासनात्मक निकाय है।

2. इसका कार्य एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना है।

3. इसका कार्य संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करना और उसका मिलान करना है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 (Z) के तहत, यह संगठित वन्यजीव अपराध गतिविधियों से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए इस डेटा को प्रदान करने के लिए अधिदेशित है। अतः कथन 1 गलत तथा 3 सही है


इसके साथ ही इसका कार्य एक केंद्रीकृत वन्यजीव अपराध डेटा बैंक स्थापित करना है । अतः कथन 2 सही है ।


Q2:

निम्नलिखित पर विचार कीजिए:

1. जनसंख्या विस्फोट

2. पशु चारण

3. झूम खेती

4. खनिजीकरण

5. औद्योगीकरण

उपर्युक्त में से कितने वनोन्मूलन के कारण हैं?

A: केवल एक

B: केवल तीन

C: केवल चार

D: सभी पाँच

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

वनोन्मूलन के कारणों से हम सुपरिचित हैं। प्रमुख कारण जनसंख्या विस्फोट है जिसके कारण काष्ठ और ईंधन की लकड़ी की आवश्यकता में वृद्धि होती है तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि से चारण (grazing) में वृद्धि होती है। पशुओं और घुमन्तु चरने वाले जानवरों में वृद्धि से जंगल नष्ट होते है। सुगम पहुँच वाले वन क्षेत्रों में चराई अधिक होती है। उत्तर-पूर्वी भारत और उड़ीसा में झूम खेती (jhum cultivation or shifting cultivation) ने भी वनों के बहुत बड़े क्षेत्र को बंजर बना दिया है। संक्षेप में, यह कम ऊर्जा बजट और कम निवेश की जीविका कृषि प्रणाली है, जिसमें खनिजीकरण (mineralization) और खनिजों के पुनर्चक्रण का उपयोग होता है। झूम चक्र (jhum cycle) का समय घटकर 6 वर्ष (कुछ जिलों में 2-3 वर्ष केवल) हो गया है जिसमें नष्ट किये गये पारिस्थितिक तन्त्र की प्राकृतिक मरम्मत के लिये पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। लम्बे समय से जंगलों को राजस्व उत्पन्न करने वाले क्षेत्र के रूप में देखा गया है और सरकारी एवं प्राइवेट मालिकों द्वारा इसका अधिकतम दोहन किया गया है। कृषिकरण, शहरीकरण और औद्योगीकरण के काल में वनों के संरक्षण को बहुत कम प्राथमिकता दी गयी है। अतः विकल्प (d) सही है।


Q3:

परजीवीवाद के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. परजीवी हमेशा होस्ट को मार देता है।

2. सूअर की आंत में पाया जाने वाला फीताकृमि परजीवीवाद का एक उदाहरण है।

3. परजीवीवाद तब होता है, जब दो जीव आपस में अंतर्क्रिया करते हैं, लेकिन जहाँ एक लाभान्वित होता है, तो दुसरे को नुकसान होता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

परजीवीवाद दो प्रजातियों के बीच का संबंध है। इस संबंध में, एक जीव (परजीवी) दूसरे जीव (मेज़बान) के शरीर पर या उसके अंदर रहता है। होस्ट आमतौर पर परजीवी द्वारा कमजोर हो जाता है क्योंकि यह होस्ट के संसाधनों को नष्ट कर देता है जिन पर होस्ट स्वयं पोषण करने के लिए उपयोग करता है। हालांकि, परजीवी द्वारा होस्ट को मारने की संभावना नहीं होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।


फीताकृमि एक परजीवी है, जो मनुष्यों में बीमारी का कारण बनता है जब वह सूअर, मछली आदि के दूषित, अधपके मांस का सेवन करता है। अतः कथन 2 सही है।


परजीवी एक ऐसा जीव है, जो अन्य किसी जीवित पर या में निवास करता है। इसमें परजीवी को लाभ होता है, लेकिन होस्ट जो इस जीव को भोजन प्रदान करता है उसे नुकसान होता है। परजीवी का प्रजनन चक्र अक्सर बहुत जटिल होते हैं, कभी-कभी एक से अधिक होस्ट प्रजातियों की आवश्यकता होती है। अतः कथन 3 सही है।


Q4:

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) कब लागू किया गया था?

A: 1963

B: 1975

C: 1981

D: 2016

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) 1 जुलाई, 1975 को लागू हुआ। यह संधि वर्ष 1973 में अपनाई गई थी।  CITES का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि CITES के तहत शामिल जानवरों और पौधों के नमूनों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार (आयात/निर्यात) जंगल में प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में नहीं डालता।


Q5:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. पारिस्थितिक निकेत (Ecological Niche) एक पारिस्थितिकी तंत्र में प्रजातियों की अनूठी कार्यात्मक भूमिका या स्थान होता है।

2. प्रजातियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के बारे में ज्ञान महत्वपूर्ण होता है यदि हमें प्रजातियों को उनके मूल आवास में संरक्षित करना है।

3. कोई भी दो प्रजातियां एक जैसी नहीं होती हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

निकेत (niche) एक पारिस्थितिकी तंत्र में प्रजातियों की अनूठी कार्यात्मक भूमिका या स्थान होता है। यह उन सभी जैविक, भौतिक और रासायनिक कारकों का वर्णन है जो एक प्रजाति को जीवित रहने, स्वस्थ रहने और पुन: उत्पन्न करने की आवश्यकता है। अतः कथन 1 सही है।


यदि हमें अपने मूल निवास में प्रजातियों का संरक्षण करना है तो हमें प्रजातियों की निकेत आवश्यकताओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसके निचे की सभी आवश्यकताएं पूरी हों। अतः कथन 2 सही है।


निकेत एक प्रजाति के लिए अद्वितीय होता है, जिसका अर्थ है कि कोई भी दो प्रजातियों का समान निकेत नहीं होता हैं। जीवों के संरक्षण में निचे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः कथन 3 सही है।


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