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Daily-static-mcqs 26 Feb 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: इतिहास एवं कला–संस्कृति 26 Feb 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: इतिहास एवं कला–संस्कृति

Q1:

भित्ति चित्रकला के लिए प्रसिद्ध गोपिकाओं के साथ बाँसुरी बजाते हुए श्रीकृष्ण को कहाँ दिखाया गया है? 

A: बृहदेश्वर मंदिर

B: पुंडरीकपुरम् मंदिर

C: श्रीशैलम मंदिर

D: कोई भी नहीं

उत्तर: (b)

स्पष्टीकरण:

कृष्ण मंदिर पुंडरीकपुरम् में गोपिकाओं के साथ बाँसुरी बजाते हुए श्रीकृष्ण को दिखाया गया है। यह भित्ति चित्रकला का एक सुंदर उदाहरण है, जोकि केरल के कोट्टायम में अवस्थित है।


                            

Q2:

भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. बराबर की शैलकृत गुफाएं सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा मूलतः आजीविकों के लिए बनवाई गई थीं।

2. बादामी की गुफाएं भारत की प्राचीनतम अवशिष्ट शैलकृत गुफाएं हैं।

 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

स्पष्टीकरण:

बराबर की शैलकृत गुफाएं भारत के बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में स्थित हैं। ये गुफाएं मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के दौरान बनाई गई थीं।बराबर की शैलकृत गुफाएं सम्राट अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 12वें वर्ष आजीविकों को प्रदान की थीं। बराबर की गुफाएं दो पहाड़ियों, बराबर और नागार्जुनी, पर स्थित हैं। बराबर की पहाड़ी पर चार गुफाएं हैं और नागार्जुनी की पहाड़ी पर तीन गुफाएं हैं।


बादामी की गुफाएं कर्नाटक के बागलकोट जिले में स्थित हैं। इन गुफाओं का निर्माण चालुक्य राजवंश द्वारा 6वीं शताब्दी में किया गया था।इस प्रकार, बराबर की गुफाएं बादामी की गुफाओं से लगभग 500 वर्ष पुरानी हैं। इसलिए, बादामी की गुफाएं भारत की प्राचीनतम अवशिष्ट शैलकृत गुफाएं नहीं हैं। अतः उपर्युक्त दोनों कथन सही नहीं है। 


                            

Q3:

साँची स्तूप के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह स्तूप मौर्यकाल की एक कलात्मक उपलब्धि है।

2. वर्तमान समय में यह स्तूप नष्ट हो चुका है।

3. साँची स्तूप को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

साँची का स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में अवस्थित है। यह मौर्यकाल की कलात्मक उपलब्धि है। इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने अपनी पत्नी (महादेवी) के कहने पर तीसरी शताब्दी ई. पू. में करवाया था। इसके तोरण द्वार पर बुद्ध के जीवन की घटनाओं को प्रस्तुत (उत्कीर्ण) किया गया है।प्रत्येक स्तूप में एक छोटा-सा कक्ष होता है, जिसमें बुद्ध या बौद्ध संतों और भिक्षुओं का पार्थिव अवशेष एक कलश में रखा होता है। स्तूप के ऊपरी भाग में पत्थर की एक छतरी होती है तथा स्तूप के चारों ओर परिक्रमा का एक रास्ता होता है, जो रेलिंग से घिरा होता है। मध्य प्रदेश में अवस्थित साँची का स्तूप ही वर्तमान में सुरक्षित बचा है। यह पूरी तरह से नष्ट नहीं हुआ है।साँची स्तूप एक विशालकाय गोलाकार संरचना है। यह स्तूप लगभग 45 मीटर ऊँचा और 35 मीटर व्यास का है। स्तूप का आधार एक चट्टान पर बनाया गया है। स्तूप का ऊपरी भाग एक छत्र से ढका हुआ है।साँची स्तूप को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।


                            

Q4:

अमरावती स्तूप के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह आंध्र प्रदेश के वेंगी क्षेत्र में स्थित है।

2. इस पर बुद्ध के जीवन की घटनाएँ और जातक कथाओं के प्रसंग चित्रित हैं

 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)

स्पष्टीकरण:

अमरावती स्तूप आंध्र प्रदेश के बेंगी क्षेत्र में अवस्थित है, साँची स्तूप की भाँति अमरावती स्तूप में भी प्रदक्षिणा पथ है, जो वेदिका से ढका हुआ है। यह स्तूप 2 शताब्दी ईसा पूर्व से 3 शताब्दी ईस्वी तक सातवाहन राजवंश द्वारा बनवाया गया था।यह स्तूप एक विशालकाय गोलाकार संरचना है।अमरावती स्तूप पर बुद्ध के जीवन की घटनाएँ और जातक कथाओं के प्रसंग चित्रित हैं। अतः उपर्युक्त दोनों कथन सही है। 


                            

Q5:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. लिंगराज मंदिर ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित है।

2. इस मंदिर की शैली बेसर है।

 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)

स्पष्टीकरण:

लिंगराज मंदिर ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित है। इस मंदिर की शैली नागर है। यह नागर शैली का सर्वोत्तम मंदिर है। लिंगराज मंदिर का सबसे आकर्षक भाग इसका शिखर है, जिसकी ऊंचाई 180 फीट है।यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।लिंगराज मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में ययाति केशरी ने करवाया था। यह मंदिर कलिंग वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक विशालकाय शिवलिंग को समर्पित है। इस मंदिर की दीवारों और छतों पर विभिन्न देवी-देवताओं और पौराणिक दृश्यों की मूर्तियाँ और चित्र हैं।