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Daily-static-mcqs 24 Feb 2024
Q1:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: कथन-I: मैंग्रोव लवणीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले पादप समुदाय हैं। कथन-II: भारत में पाये जाने वाले कुल मैंग्रोव क्षेत्र में से 10% क्षेत्र केवल पश्चिम बंगाल के सुन्दरबन में स्थित है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
A: कथन-I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है
B: कथन-I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
C: कथन I सही है किन्तु कथन-II गलत है
D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है
उत्तर: (c)
स्पष्टीकरण:
भारत में मैंग्रोव क्षेत्र मैंग्रोव लवणीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले पादप समुदाय हैं। ये विश्व के उष्णकटिबन्धीय और उपोष्ण कटिबन्धीय अन्तरज्वारीय क्षेत्रों में पाये जाते हैं, जिनमें वर्षा 1000-3000 मिमी और तापमान 26-35°C होता है। उच्च लवणता में उगने के लिये इनमें अनुकूलन पाया जाता है। इन अनुकूलनों में जरायुजता (vivipary) और श्वसनमूल (pneumatophores) की उपस्थिति प्रमुख है। अतः कथन I सही है।
भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR)-2013 के अनुसार, भारत में मैंग्रोव क्षेत्र 4,628 वर्ग किमी है जो विश्व की कुल मैंग्रोव वनस्पति का लगभग 3% है। भारत में पाये जाने वाले कुल मैंग्रोव क्षेत्र में से लगभग आधा क्षेत्र केवल पश्चिम बंगाल के सुन्दरबन में स्थित है। अतः कथन II सही नहीं है।
Q2:
जैवभार ऊर्जा क्या है?
A: यह सौर ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत है जो पौधों और अन्य जैविक पदार्थों से प्राप्त होता है।
B: यह एक गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होता है।
C: यह एक ऊर्जा स्रोत है जो परमाणु विखंडन से प्राप्त होता है।
D: यह एक ऊर्जा स्रोत है जो सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली से प्राप्त होता है।
उत्तर: (a)
स्पष्टीकरण:
जैवभार (biomass), सम्पूर्ण विश्व में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध, ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत (renewable sources) है। यह संसाधनों के चक्रीकरण का अच्छा उदाहरण है। जैवभार (biomass) के अन्तर्गत सभी पादप पदार्थ (कच्चा या परिरक्षित) तथा वनस्पतियाँ (वन्य या फसली) शामिल हैं। यह, वास्तव में, संगृहीत सौर ऊर्जा (stored solar energy) है जिसको विद्युत, ईंधन और ऊष्मा में परिवर्तित किया जा सकता है। अतः विकल्प (a) सही है।
Q3:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. ठंडे जल के कोरल में, सामान्य रूप से, गर्म जल के कोरल की तुलना में अधिक मात्रा में जूजैंथिली होते हैं और रीफ़ जैसी संरचनाओं का निर्माण नहीं करते हैं। 2. ठंडे जल के कोरल गर्म जल के कोरल से भिन्न होते हैं क्योंकि ठंडे जल के कोरल में प्रकाश संश्लेषण के लिए सहजीवी शैवाल नहीं होते हैं और इनका विकास धीरे-धीरे होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (a)
स्पष्टीकरण:
कोरल, जो महाद्वीपीय मग्नतटों और अपतटीय कैनियन के ठंडे गहरे जल में निवास करते हैं। सामान्यतः 50 से 1000 मीटर से अधिक गहराई तक ज़ोक्सांथेले की कमी होती है और वे चट्टान जैसी संरचनाओं का निर्माण कर सकते हैं या ठोस रूप में विकसित हो सकते हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
ठंडे जल के कोरल, गर्म-जल के कोरल से अलग होते हैं क्योंकि उनके पास प्रकाश संश्लेषण के लिए सहजीवी शैवाल नहीं होते हैं और इनका विकास धीरे-धीरे होता है। ठंडे जल के कोरल कार्बनिक पदार्थ और जूप्लांकटन से अपनी सारी ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिसे वे अतीत में प्रवाहित धाराओं से प्राप्त करते हैं। अतः कथन 2 सही है।
Q4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. लैटेराइटी भवन के परिणामस्वरूप लैटोसोल मृदा बनती है। 2. लैटोसोल कृषि हेतु उपयोगी मानी जाती है?
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 2
C: 1 और 2 दोनों
D: न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
लैटेराइटीभवन, जो मृदा निर्माण हेतु एक निष्क्रिय कारक (passive factor) है, में बहुत भिन्नता पायी जाती है क्योंकि यह जलवायु और मूल पदार्थ कारकों से अत्यधिक प्रभावित होता है। उष्णकटिबन्धीय परिस्थितियों के अन्तर्गत मृदा निर्माण बहुत अधिक समय लेती है। लैटेराइटीभवन के परिणामस्वरूप लैटोसोल मृदा बनती है। उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में उच्च तापमान और अधिक वर्षा के अन्तर्गत सिलिकेट लवण बहुत अस्थायी होते हैं और सिलिका की हानि होती है। मूल खनिजों के ऐलुमिनियम और लोह सेस्कवी ऑक्साइड, अपघटन के लिये प्रतिरोधक होते हैं और स्व स्थाने (in situ) के रूप में आयनिक ऐलुमिनियम और लोह से, ऐलुमिनो-सिलिकेट के टूटने के दौरान मुक्त होते हैं। यह प्रक्रिया लैटेराइटीभवन (laterization) कहलाती है और यह प्राथमिक लैटेराइट को अपशिष्ट के रूप में छोड़ती है जिसमें कुछ लोह और ऐलुमिनियम सेस्कवीऑक्साइड और थोड़े से प्रतिरोधक मूल खनिज होते हैं। अतः कथन 1 सही है।
निक्षालित परत (leached layer) हल्की अम्लीय, अल्प पोषक और क्षारविहीन होती है। इस प्रक्रिया द्वारा विकसित उष्णकटिबन्धीय लाल वन मृदा लैटोसोल (latosol) कहलाती है। यह मृदा पॉडसोल (podsol) के विपरीत है और कृषि हेतु उपयोगी नहीं है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
Q5:
आर्द्रभूमियों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं निम्नलिखित में से कौन-सी हैं? 1. जल शोधन 2. जलभृत पुनर्भरण 3. माइक्रॉक्लाइमेट विनियमन 4. तटरेखा कटाव नियंत्रण
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
A: केवल एक
B: केवल दो
C: केवल तीन
D: सभी चार
उत्तर: (d)
स्पष्टीकरण:
आर्द्रभूमि (जल विज्ञान चक्र के महत्वपूर्ण भाग) अत्यधिक उत्पादक पारिस्थितिक तंत्र हैं जो समृद्ध जैव विविधता का समर्थन करते हैं और जल भंडारण, जल शोधन, बाढ़ शमन, कटाव नियंत्रण, जलभृत पुनर्भरण, माइक्रॉक्लाइमेट विनियमन, परिदृश्य के सौंदर्य वृद्धि जैसी पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मनोरंजक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का समर्थन करते हैं।