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Daily-static-mcqs 11 Oct 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 11 Oct 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

Q1:

 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. चंद्रयान- 3 के लैंडर 'विक्रम' नेजिस स्थान पर सॉफ्ट लैंडिंग की, उसका नाम 'शिव शक्ति प्वाइंट' रखा गया है।
2. वह स्थान जहां चंद्रयान-2 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर लैंड करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसका नाम 'तिरंगा प्वाइंट' रखा गया है।
3. चंद्रयान- 3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को उतरा था। इस दिन को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: केवल 1 और 3

D: 1, 2 और 3

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

चंद्रयान- 3 के लैंडर 'विक्रम' नेजिस स्थान पर सॉफ्ट लैंडिंग की, उसका नाम 'शिव शक्ति प्वाइंट’ रखा गया है। वह स्थान जहां 2019 में चंद्रयान-2 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर लैंड करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसका नाम 'तिरंगा प्वाइंट' रखा गया है। चंद्रयान- 3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को उतरा था। इस दिन को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। अतः उपर्युक्त तीनों कथन सही है।


                            

Q2:

स्वास्थ्य क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. नैनो टेक्नोलॉजी के द्वारा लक्ष्ययुक्त औषधि प्रदान करना (टार्गेटेड ड्रग डिलिवरी) सम्भव हो गया है।
2. नैनो टेक्नोलॉजी जीन थेरेपी में एक बड़ा योगदान दे सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

नैनो मेडिसिन औषधि वितरण की प्रभावकारिता बढ़ाने और साइड इफेक्ट्स न्यूनतम करने में सहायक है। नैनों पदार्थ जीन थेरेपी में जीनों को कोशिकाओं तक ले जाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। अतः दोनों कथन सही हैं।


                            

Q3:

"क्यूबिट (qubit)" शब्द का उल्लेख निम्नलिखित में कौन-से एक प्रसंग में होता है?

A: क्लाउड सेवाएँ

B: क्वांटम संगणन

C: दृश्य प्रकाश संचार प्रौद्योगिकियाँ

D: बेतार संचार प्रौद्योगिकियाँ

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

क्वांटम कंप्यूटिंग में, एक क्यूबिट या क्वांटम बिट क्वांटम सूचना की एक बुनियादी इकाई है। क्लासिक बाइनरी बिट का क्वांटम संस्करण भौतिक रूप से दो डिवाइस के साथ महसूस किया जाता है एक क्वबिट एक या दो स्तरीयक्वांटम मैकेनिकल सिस्टम का वह सिस्टम है, जो क्वांटम यांत्रिकी की खासियत को प्रदर्शित करने वाली सबसे सरल क्वांटम प्रणालियों में से एक है।


                            

Q4:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. बैलिस्टिक मिसाइल अपनी पूरी उड़ान में अवध्वनिक चाल पर प्रधार नोदित होती हैं, जबकि क्रूज़ मिसाइल केवल उड़ान के आरंभिक चरण में रॉकेट संचालित होती हैं।
2. अग्नि-V मध्यम दूरी की पराध्वनिक क्रूज़ मिसाइल है, जबकि ब्रह्मोस ठोस ईंधन चालित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

क्रूज मिसाइलें अपनी पूरी उड़ान के दौरान जेट प्रवणतासबसोनिक गति से चालित होती हैं, जबकि बैलिस्टिक मिसाइलें रॉकेट प्रवणता से केवल उड़ान के प्रारंभिक (बूस्ट) चरण में चालित होती हैं, जिसके बाद वे एकआर्किंग प्रक्षेपवक्र टारगेट का अनुसरण करते हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।


अग्नि-V एक भारतीय अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसकी रेंज 5,000 किमी से भी अधिक है। ब्रह्मोस एक यूनिवर्सल लंबी दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस को भारत के डीआरडीओ और रूस एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। अतः कथन 2 सही नहीं है।


                            

Q5:

'बोलबैचिया पद्धति' का कभी-कभी निम्नलिखित में से किस एक के संदर्भ में उल्लेख होता है?

A: मच्छरों से होने वाले विषाणु रोगों के प्रसार को नियंत्रित करना

B: शेष शस्य (क्रॉप रेजिड्यु) से संवेष्टन सामग्री (पैकिंग मटीरियल) बनाना

C: जैव निम्नीकरणीय प्लास्टिकों का उत्पादन करना

D: जैव मात्रा के ऊष्मरासायनिक रूपांतरण से बायोचार का उत्पादन करना

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

'बोलबैचिया पद्धति' द्वारा मच्छरों से होने वाले विषाणु रोगों के प्रसार को नियंत्रित करना किया जाता है। जब एडीज एजिप्टी मच्छर वोल्बाचिया को ले जाते हैं, तो बैक्टीरिया डेंगू, जीका, चिकनगुनिया और पीले बुखार जैसे वायरस से मुकाबला करते हैं। इससे वायरस के लिए मच्छरों के अंदर प्रजनन करना कठिन हो जाता है और मच्छरों के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस फैलने की संभावना बहुत कम होती है। इसका तात्पर्य यह है कि जबएडीज एजिप्टी मच्छर प्राकृतिक वोल्बाचिया बैक्टीरिया ले जाते हैं, तो डेंगू, जीका, चिकनगुनिया और पीले बुखार जैसे वायरस का संचरण कम हो जाता है।