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Blog / 22 Mar 2025

विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025

संदर्भ:

हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर ने गैलप, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क और एक स्वतंत्र संपादकीय बोर्ड के सहयोग से विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 जारी की। इस रिपोर्ट में भारत को 147 देशों में से 118वें स्थान पर रखा गया है, जो खुशी और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों को दर्शाता है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

  • लगातार सातवें साल फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है। इसके बाद डेनमार्क और आइसलैंड का स्थान है। अफ़गानिस्तान सबसे निचले स्थान पर रहा, विशेषकर वहाँ के लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को हो रही कठिनाइयों के कारण। सिएरा लियोन और लेबनान भी सबसे कम खुशहाल देशों में शामिल हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका (24वां स्थान) पर गया है, जोकि उसकी अब तक की सबसे निचली रैंकिंग है। इसका मुख्य कारण बढ़ता हुआ अकेलापन और जीवन संतुष्टि में गिरावट है। यूनाइटेड किंगडम (23वां स्थान) पर रहा, जो 2017 के बाद से उसका सबसे निचला स्थान है।
  • भारत के पड़ोसी देशों में चीन (68), नेपाल (92) और पाकिस्तान (109) की रैंकिंग भारत (118) से बेहतर है, जबकि श्रीलंका (133) और बांग्लादेश (134) भारत से नीचे हैं। इस वर्ष कोस्टा रिका (6) और मैक्सिको (10) ने शीर्ष 10 में प्रवेश किया, जो यह इंगित करता है कि खुशी केवल आर्थिक समृद्धि पर निर्भर नहीं करती, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक कल्याण भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

2025 की रिपोर्ट में भारत का प्रदर्शन:

भारत की खुशी की रैंकिंग पिछले कुछ वर्षों में बदली है। यह 2022 (94वें स्थान) में अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर थी और 2012 (144वें स्थान) में अपने सबसे निचले स्तर पर थी। 2025 में, भारत (118वें स्थान) ने छह प्रमुख कारकों में अलग-अलग प्रदर्शन किया:

·        भारत सामाजिक समर्थन में उच्च स्थान पर रहा, क्योंकि पारिवारिक बंधन और सामुदायिक संस्कृति मजबूत बनी हुई है।

·        आर्थिक विकास (प्रति व्यक्ति जीडीपी) ने सकारात्मक योगदान दिया, लेकिन भारत अभी भी धनी देशों से पीछे है।

·        स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में सुधार हुआ है, हालांकि स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।

·        भारत ने कथित स्वतंत्रता में सबसे कम स्कोर किया, जिसका अर्थ है कि कई लोगों को लगता है कि उनके पास सीमित विकल्प हैं या उनके जीवन पर नियंत्रण है।

·         उदारता और दयालुता के कार्य भारत के लिए एक मजबूत बिंदु थे।

·         भ्रष्टाचार एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है, जिससे शासन और संस्थानों में जनता का भरोसा कम हो रहा है।

विश्व खुशहाली रिपोर्ट के बारे में:

विश्व खुशहाली रिपोर्ट एक वैश्विक सर्वेक्षण पर आधारित है, जहाँ लोग कैंट्रिल लैडर नामक एक विधि का उपयोग करके 0-10 के पैमाने पर अपने जीवन का मूल्यांकन करते हैं। 10 का स्कोर सबसे अच्छे संभावित जीवन को दर्शाता है, जबकि 0 सबसे खराब संभावित जीवन को दर्शाता है। 2025 की रैंकिंग 2022 से 2024 तक एकत्र किए गए डेटा पर आधारित है, जिसमें स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तीन साल के औसत का उपयोग किया गया है। रिपोर्ट में किसी एक संख्या के आधार पर देशों को रैंक नहीं किया गया है, बल्कि खुशी को प्रभावित करने वाले छह प्रमुख कारकों पर विचार किया गया है:

1. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद

2. स्वस्थ जीवन प्रत्याशा

3. सामाजिक समर्थन

4. जीवन के विकल्प चुनने की कथित स्वतंत्रता

5. उदारता

6. भ्रष्टाचार की धारणा

निष्कर्ष:

विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 "देखभाल और साझा करने" (Care and Sharing) की अवधारणा पर केंद्रित है, जिसका निष्कर्ष है कि जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं और सामुदायिक समर्थन प्राप्त करते हैं, वे अधिक संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करते हैं। हालाँकि, भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, फिर भी रिपोर्ट की कार्यप्रणाली को लेकर कुछ चिंताएँ बनी हुई हैं।

यह रिपोर्ट आर्थिक शक्ति, स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और शासन की प्रभावशीलता का संपूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि नागरिकों की आत्म-धारणा पर आधारित है। साथ ही अध्ययन यह दर्शाता है कि खुशी केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक विश्वास, सामुदायिक संबंधों और सुरक्षा की भावना जैसे कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।