प्रसंग:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP-II) के दूसरे चरण को एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में मंजूरी दे दी है, जिसे 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित रणनीतिक गांवों का समग्र विकास करना है। यह पहल सरकार के विकसित भारत@2047 विज़न के अनुसार है, जो सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत भूमि सीमाओं को सुनिश्चित करता है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम -II (VVP-II) क्या है?
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-II (VVP-II) एक 100% केंद्र प्रायोजित योजना है जो अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं (ILBs) के साथ स्थित रणनीतिक गांवों के विकास पर केंद्रित है। VVP-I केवल उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों पर केंद्रित था, जबकि VVP-II का दायरा अब 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम -II का उद्देश्य-
1. बुनियादी ढांचा को विकसित करना – रणनीतिक सीमावर्ती गांवों में सड़कें, संचार नेटवर्क और आवश्यक सेवाएं बेहतर बनाना।
2. आजीविका में सुधार – सीमावर्ती जनसंख्या के लिए बेहतर जीवन स्थितियाँ और आर्थिक अवसर प्रदान करना।
3. सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करना – सीमावर्ती समुदायों को राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में एकीकृत करना।
4. अपराध रोकथाम – सामुदायिक भागीदारी और बेहतर पुलिसिंग के माध्यम से सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाना।
5. राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना – सीमावर्ती जनसंख्या को सीमा सुरक्षा बलों की “आंख और कान” के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करना, जिससे राष्ट्रीय एकता को बल मिले।
वित्तीय आवंटन और कार्यान्वयन-
₹6,839 करोड़ के कुल बजट के साथ, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम -II को 2028-29 तक लागू किया जाएगा और यह उन रणनीतिक गांवों को कवर करेगा जो VVP-I में शामिल नहीं थे।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो शामिल हैं
• पूर्वोत्तर राज्य: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा
• उत्तर और हिमालयी राज्य: जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड
• पश्चिमी और सीमावर्ती राज्य: गुजरात, पंजाब, राजस्थान
• पूर्वी और मध्य राज्य: बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल
पृष्ठभूमि: वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP-I और II)-
VVP-I (पहला चरण)
• शुरूआत: फरवरी 2023
• मंत्रालय: गृह मंत्रालय (MHA)
• फोकस: उत्तरी सीमाओं पर स्थित गांवों का विकास (जैसे चीन से सटे राज्य – अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश)।
VVP-II (दूसरा चरण)
• स्वीकृति : अप्रैल 2025
• फोकस: ILBs पर स्थित रणनीतिक गांवों का समग्र विकास, जो VVP-I में शामिल नहीं थे।
• विजन : विकसित भारत@2047 और ‘सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत सीमाएं’ के लक्ष्य के साथ।
सरकार का दृष्टिकोण और रणनीतिक महत्व-
गृह मंत्री अमित शाह ने VVP-II को एक परिवर्तनकारी पहल बताया है जो सीमावर्ती गांवों को विकास और प्रगति के केंद्रों में बदल देगी। यह कार्यक्रम भारत की सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा और दूरस्थ क्षेत्रों में समुदायों के लिए समावेशी आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगा।
VVP-II के अंतर्गत आधुनिक बुनियादी ढांचे, आर्थिक सशक्तिकरण और सुरक्षा में निवेश का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन को रोकना है, जिससे ये गांव आबाद और सक्रिय बने रहें। यह भारत की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।