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Blog / 21 Mar 2025

कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहन योजना

संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करना और सरकार की  कम नकदी वाली (Less Cash) अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

प्रोत्साहन दर: केंद्र ने छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 तक के लेनदेन पर 0.15% की प्रोत्साहन दर निर्धारित की है।

पात्रता: केवल छोटे व्यापारी ही प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं, जबकि बड़े व्यापारियों को 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा।

शून्य एमडीआर: सभी श्रेणियों के लेनदेन के लिए शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) होगा, जिससे लागत-मुक्त डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित होगा।

भुगतान प्रक्रिया: अधिग्रहण करने वाले बैंक 80% दावों का तुरंत भुगतान करेंगे, जबकि शेष 20% भुगतान तकनीकी समस्याओं और सिस्टम की उपलब्धता जैसी शर्तों के पूरे होने पर किया जाएगा।

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योजना के उद्देश्य:

भीम-यूपीआई को बढ़ावा देना: इस योजना का उद्देश्य भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना और वित्त वर्ष 25 में 20,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त करना है।

भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन: यह योजना डिजिटल भुगतान से जुड़े लोगों को एक सुरक्षित और मजबूत भुगतान प्रणाली बनाने में मदद करती है।

डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करना: यह योजना छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

भीम यूपीआई के बारे में:

भीम को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से सरल, त्वरित और सुरक्षित लेनदेन की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी यूपीआई आईडी का उपयोग करके या अपने क्यूआर कोड को स्कैन करके सीधे दूसरों को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

भीम यूपीआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर, 2016 को वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाने के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया था।

मुख्य विशेषताएं:

  • प्रत्यक्ष बैंक भुगतान: यूपीआई आईडी (UPI ID) के माध्यम से सीधे पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • QR कोड भुगतान: व्यापारियों के लिए QR कोड स्कैन करके त्वरित और आसान भुगतान की सुविधा।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI):

     NPCI एक प्रमुख संगठन है जो भारत में विभिन्न भुगतान और निपटान प्रणालियों का संचालन करता है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा देश भर में भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह के लेन-देन के लिए एक मजबूत और कुशल भुगतान बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया था।

     NPCI को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 (पूर्व में कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25) के तहत("लाभ के लिए नहीं") कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।

मुख्य उद्देश्य:

     भारत की संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करना, जिससे खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिक सुगम, अधिक सुरक्षित और कुशल हो सके।

     नवाचार: NPCI खुदरा भुगतान क्षेत्र में नवीन समाधान लाने पर ध्यान केंद्रित करता है, भुगतान को अधिक सुलभ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है।

निष्कर्ष:

यह पहल डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों के लिए, जो पहले लेनदेन शुल्क या डिजिटल प्रणाली की जटिलता के कारण इसे अपनाने में संकोच कर रहे थे। मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को समाप्त करके और प्रोत्साहन प्रदान करके, सरकार छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल भुगतान को अधिक सुलभ और व्यावहारिक बना रही है, जिससे देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।