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Blog / 21 Feb 2025

पीटलैंड पर बढ़ता संकट

संदर्भ :

हाल ही में जर्नल कंज़र्वेशन लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पीटलैंड, जो दुनिया के सभी जंगलों की तुलना में अधिक कार्बन संग्रहीत करते हैं, अपर्याप्त रूप से संरक्षित हैं। अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ कि विश्व के कम से कम 27% पीटलैंड स्वदेशी समुदायों की भूमि पर स्थित हैं, जहां पारंपरिक ज्ञान और टिकाऊ प्रथाओं के माध्यम से इनका संरक्षण किया गया है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:

सीमित संरक्षण: केवल 17% पीटलैंड संरक्षित क्षेत्रों में हैं, जिनमें से आधे से ज़्यादा कठोर नियमों के कारण संरक्षित हैं।

क्षेत्र के अनुसार संरक्षण:

·        शीतोष्ण पीटलैंड का 16% हिस्सा संरक्षित है।

·        समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय पीटलैंड का 27% भाग संरक्षित है।

·         उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में केवल 8% पीटलैंड को सख्ती से संरक्षित किया गया है।

क्षेत्रीय असमानताएँ: भारत और चीन जैसे देश अपने पीटलैंड की सुरक्षा के लिए अपेक्षाकृत उच्च स्तर के संरक्षण उपाय अपनाते हैं।

अन्य पारिस्थितिकी तंत्रों से तुलना: पीटलैंड अन्य पारिस्थितिकी तंत्रों, जैसे मैंग्रोव (42% संरक्षित), नमक दलदल (50% संरक्षित) और उष्णकटिबंधीय वन (38% संरक्षित) की तुलना में कम संरक्षित हैं।

Peat deposits store more carbon than trees in forested peatlands of the  boreal biome | Scientific Reports

पीटलैंड के बारे में:

·        पीटलैंड एक प्रकार की आर्द्रभूमि (Wetland) है, जहाँ सड़े हुए पौधों के अवशेष धीरे-धीरे जमा होकर पीट की मोटी परतें बनाते हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र मुख्य रूप से पौधों के अवशेषों के अधूरे अपघटन के कारण विकसित होते हैं, जो जलभराव (Waterlogging) और उसके परिणामस्वरूप ऑक्सीजन की कमी (Anoxia) के कारण होता है।

पीटलैंड विशिष्ट भू-आकृतियाँ हैं, जो भौतिक प्रक्रियाओं की तुलना में जैविक प्रक्रियाओं से अधिक प्रभावित होती हैं, जो समय के साथ विकसित होने के साथ विशिष्ट आकार और सतह पैटर्न प्रदर्शित करती हैं।

पीटलैंड का महत्व:

·        कार्बन भंडारण: पीटलैंड, पृथ्वी की भूमि का केवल 3% हिस्से को कवर करते हुए भी, भूमि पर सबसे अधिक कार्बन संग्रहित करते हैं।

·        प्राकृतिक शोधक (फ़िल्टर) : ये ये प्राकृतिक रूप से जल को शुद्ध करने का कार्य करते हैं और पर्यावरणीय आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।

·        जैव विविधता और आजीविका: पीटलैंड, मीठे पानी की मछलियों और लुप्तप्राय प्रजातियों सहित विभिन्न जीवों का संरक्षण करते हैं, साथ ही स्थानीय समुदायों को भोजन और ईंधन उपलब्ध कराते हैं।

पीटलैंड के लिए खतरे:

·        पीटलैंड क्षरण और कार्बन उत्सर्जन : पीटलैंड के क्षरण से भारी मात्रा में CO₂ उत्सर्जित होता है, जो वैश्विक मानवजनित CO₂ उत्सर्जन का लगभग 5% योगदान देता है।

·        अत्यधिक चराई: पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित पीटलैंड अत्यधिक चराई के कारण अधिक क्षरण के जोखिम में रहते हैं।

·         पीट निष्कर्षण: ईंधन और बागवानी में उपयोग के लिए पीट निकाला जाता है, जिससे प्राकृतिक आवासों का विनाश होता है।

 पीटलैंड की सुरक्षा के लिए पहल:

·        वैश्विक पीटलैंड पहल: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के नेतृत्व में, इस पहल का उद्देश्य संरक्षण प्रयासों में तेजी लाना है।

·        रामसर कन्वेंशन (1971): यह  पीटलैंड सहित आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संधि हैं।

·        आर्द्रभूमि कायाकल्प कार्यक्रम: यह कार्यक्रम भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया हैं। यह पूरे भारत में 500 से अधिक आर्द्रभूमियों के पुनरुद्धार पर केंद्रित है।

·        अमृत धरोहर योजना : यह योजना भारत में आर्द्रभूमि के उपयोग को अनुकूलित करने, पीटलैंड संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने पर केंद्रित है।

निष्कर्ष:

पीटलैंड महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र हैं, लेकिन उनका संरक्षण पर्याप्त नहीं है। इनके पर्यावरणीय लाभ, जैव विविधता और कार्बन भंडारण क्षमता की रक्षा के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक प्रभावी संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता है।