संदर्भ:
हाल ही में पंचायती राज मंत्रालय ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को स्थानीय स्तर पर लागू करने और ग्रामीण शासन व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, "पंचायत उन्नति सूचकांक (Panchayat Advancement Index - PAI)" लॉन्च किया है। भारत की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रगति और समावेशी विकास को मापने के लिए यह एक परिवर्तनकारी उपकरण है।
पंचायत उन्नति सूचकांक क्या है?
- पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) एक समग्र (Composite) सूचकांक है, जिसे स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (LSDGs) के तहत तैयार किया गया है।
- इसमें कुल 435 स्थानीय संकेतक (जिनमें 331 अनिवार्य और 104 वैकल्पिक हैं) और 566 अलग-अलग आंकड़े शामिल हैं। ये सभी संकेतक 9 प्रमुख विषयों पर आधारित हैं, जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (NIF) के अनुरूप तैयार किए गए हैं।
- यह सूचकांक भारत की SDG 2030 एजेंडा को नीचे से ऊपर (bottom-up) के दृष्टिकोण से, स्थानीय भागीदारी और जमीनी स्तर के विकास के माध्यम से हासिल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पंचायत उन्नति सूचकांक का उद्देश्य:
यह एक बहु-क्षेत्रीय और बहु-आयामी सूचकांक है, जो पंचायतों की समग्र, संतुलित और टिकाऊ प्रगति को मापने में सहायक होगा।
पंचायतों की श्रेणियाँ (PAI स्कोर के आधार पर):
पंचायतों द्वारा प्राप्त पीएआई स्कोर स्कोर और विषयगत प्रदर्शन के आधार पर इन ग्राम पंचायतों को पाँच श्रेणियों में बाँटा गया है:
1. अचीवर (उत्कृष्ट) – स्कोर 90 और उससे अधिक
2. फ्रंट रनर (आगुवा) – स्कोर 75 से 89.99
3. परफॉर्मर (प्रदर्शनकारी) – स्कोर 60 से 74.99
4. आकांक्षी (आकांक्षी) – स्कोर 40 से 59.99
5. शुरुआती (प्रारंभिक) – स्कोर 40 से कम
स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों के प्रमुख विषय:
1. गरीबी मुक्त और आजीविका युक्त पंचायत
2. स्वस्थ पंचायत
3. बाल हितैषी पंचायत
4. जल संपन्न पंचायत
5. स्वच्छ और हरित पंचायत
6. आत्मनिर्भर बुनियादी ढाँचा युक्त पंचायत
7. सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा युक्त पंचायत
8. सुशासन युक्त पंचायत
9. महिला हितैषी पंचायत
प्रभाव:
पंचायत उन्नति सूचकांक के माध्यम से पंचायतों की वर्ष दर वर्ष प्रगति को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे यह पता चल सकेगा कि कौन सी पंचायतें स्थानीय लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रही हैं और किस पंचायत को और अधिक ध्यान व संसाधनों की आवश्यकता है।
वित्त वर्ष 2022-23 का पहला आधारभूत पंचायत उन्नति सूचकांक (Baseline PAI) पंचायतों को स्थानीय लक्ष्य तय करने, ज़रूरी कार्यों की पहचान करने और प्रमाण आधारित पंचायत विकास योजनाएँ (PDPs) तैयार करने में मदद करेगा, जिससे वे तय किए गए लक्ष्यों को बेहतर ढंग से प्राप्त कर सकें।
राज्यवार पंचायतों की मुख्य विशेषताएं:
• अग्रणी ग्राम पंचायतें :
o गुजरात : 346 (सर्वाधिक)
o तेलंगाना : 270
• उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतें:
o गुजरात : 13,781
o महाराष्ट्र : 12,242
o तेलंगाना : 10,099
o मध्य प्रदेश : 7,912
o उत्तर प्रदेश : 6,593
• आकांक्षी ग्राम पंचायतें (जिन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है):
o बिहार
o छत्तीसगढ
o आंध्र प्रदेश
भारत की समग्र पीएआई 2022-23 आंकड़ा :
• कुल ग्राम पंचायतें : 2,55,699
• प्रस्तुत सत्यापित डेटा : 2,16,285 पंचायतें
• वर्गीकरण:
o अग्रणी : 699 (0.3%)
o उत्कृष्ट प्रदर्शन : 77,298 (35.8%)
o उम्मीदवार : 1,32,392 (61.2%)
o प्रारंभिक : 5,896 (2.7%)
o अचीवर : 0 (कोई भी योग्य नहीं)
निष्कर्ष:
पंचायत उन्नति सूचकांक ग्रामीण भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया एक समग्र और व्यावहारिक उपकरण है, जो नीतियों को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने में मदद करता है। यह न केवल पंचायतों के प्रदर्शन का आकलन करता है, बल्कि उनके बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे स्थानीय शासन अधिक प्रभावी बन सके।