सन्दर्भ- हाल ही में अफ़्रीकी देश, नाइजर ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए वह अफ्रीका का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने ऑन्कोसेरकेयसिस (रिवर ब्लाइंडनेस) को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इस तथ्य की पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने की है। नाइजर ने ऑन्कोसेरका वॉल्वुलस परजीवी के प्रसार को पूरी तरह से रोक दिया है, जो ऑन्कोसेरकेयसिस बीमारी का प्रमुख कारण है।
ऑन्कोसेरकेयसिस (रिवर ब्लाइंडनेस) क्या है?
· ऑन्कोसेरकेयसिस एक परजीवी रोग है, जो संक्रमित काली मक्खियों के काटने से फैलता है। ये मक्खियाँ आमतौर पर तेज़ बहाव वाली नदियों के पास पाई जाती हैं, जिससे इस बीमारी को "रिवर ब्लाइंडनेस" कहा जाता है।
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- यह बीमारी गंभीर खुजली, त्वचा पर दाने, रंग परिवर्तन, आंखों की रोशनी कम होने और स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है।
- यह दुनिया में अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा संक्रामक कारण है, पहले स्थान पर ट्रैकोमा है।
- इससे पहले केवल कोलंबिया, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और मैक्सिको ने इस बीमारी को खत्म किया था।
- अब नाइजर इस सूची में शामिल होने वाला पांचवां और अफ्रीका का पहला देश बन गया है।
- यह बीमारी गंभीर खुजली, त्वचा पर दाने, रंग परिवर्तन, आंखों की रोशनी कम होने और स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है।
नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (NTDs) और उनका प्रभाव-
ऑन्कोसेरकेयसिस को नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (NTD) की श्रेणी में रखा गया है। NTDs वे संक्रामक रोग होते हैं, जो मुख्य रूप से गरीब और पिछड़े समुदायों को प्रभावित करते हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।
- NTDs विभिन्न प्रकार के वायरस, बैक्टीरिया, परजीवियों और फंगस से फैलते हैं।
- अन्य प्रमुख NTDs में डेंगू, चिकनगुनिया, रेबीज, लीशमैनियासिस, कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) और लिम्फेटिक फिलैरियासिस शामिल हैं।
- ये बीमारियाँ गरीबी को बढ़ावा देती हैं और प्रभावित समुदायों को हाशिए पर धकेल देती हैं।
NTDs के खिलाफ वैश्विक प्रयास-
- भारत ने भी गिनी वर्म, ट्रैकोमा और यॉज़ जैसी कुछ NTDs को खत्म करने में सफलता हासिल की है।
- किगाली डिक्लेरेशन (2022) और लंदन डिक्लेरेशन (2012) जैसे वैश्विक समझौते इन बीमारियों के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- WHO ने "Skin NTDs App" नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जो स्वास्थ्यकर्मियों को स्किन संबंधी NTDs की पहचान करने और उपचार में सहायता करता है।
- हर साल 30 जनवरी को "विश्व NTD दिवस" (World NTD Day) मनाया जाता है, जिससे इन बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
निष्कर्ष-
· नाइजर की यह सफलता वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों और नीति निर्माताओं के लिए आशा की किरण है, जो भविष्य में अन्य नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगी।