संदर्भ :
हाल ही में शोधकर्ताओं ने पश्चिमी घाट के केरल स्थित कोल्लम जिले के शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य में जंपिंग स्पाइडर की दो नई प्रजातियाँ खोजी हैं। इनका नाम एपिडेलैक्सिया फाल्सीफॉर्मिस एसपी. नोव. और एपिडेलैक्सिया पैलस्ट्रिस एसपी. नोव. रखा गया है। यह खोज भारत की जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
एपिडेलैक्सिया फाल्सीफॉर्मिस और एपिडेलैक्सिया पैलस्ट्रिस के बारे में:
· ये दोनों प्रजातियाँ एपिडेलैक्सिया जीनस से जुड़ी हैं। यह खोज इस जीनस की भौगोलिक सीमा को श्रीलंका से भारत तक विस्तारित करती है।
· यह खोज शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य में फील्ड सर्वे (क्षेत्रीय अभियान) के दौरान की गई, जोकि अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
शारीरिक विशेषताएँ:
प्रजातियाँ कुछ विशेष और अनोखी शारीरिक विशेषताएँ साझा करती हैं, जिससे उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है:
o एपिडेलैक्सिया फाल्सीफॉर्मिस (नर): इनका शरीर भूरा है, जिस पर पीले-भूरे रंग की पट्टी होती है।
o एपिडेलैक्सिया पैलस्ट्रिस (नर): इनके शरीर के किनारों पर हल्की भूरे रंग की पट्टी पाई गई है।
पश्चिमी घाट के बारे में:
· भौगोलिक महत्व:
o पश्चिमी घाट भारत के पश्चिमी तट के समानांतर फैली एक महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला है, जो महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु तक विस्तृत है।
o यह अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाओं को रोकती है, जिससे पश्चिमी ढलान पर भारी वर्षा और पूर्वी ढलान पर वर्षा छाया (Rain Shadow) क्षेत्र बनता है।
1. जैव विविधता हॉटस्पॉट:
o यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, पश्चिमी घाट जैव विविधता हॉटस्पॉट है, जिसमें कई स्थानिक प्रजातियाँ हैं, जिनमें पौधे, जानवर और कीड़े शामिल हैं जो केवल इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
2. स्थानिक प्रजातियाँ:
यहाँ कई स्थानिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे –
o नीलगिरि तहर
o शेर-पूंछ वाला मकाक
o मालाबार बड़े-धब्बेदार मेंढक
o ऑर्किड की कई दुर्लभ प्रजातियाँ
3. पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा:
o वनों की कटाई, खनन और कृषि जैसी मानवीय गतिविधियाँ क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचा रही हैं, जिससे आवास का नुकसान हो रहा है और जैव विविधता में गिरावट आ रही है।
4. संरक्षण के प्रयास:
o पेरियार, बांदीपुर और वायनाड जैसे राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की जैव विविधता की रक्षा करते हैं। पश्चिमी घाट को वैश्विक स्तर पर जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में मान्यता प्राप्त है।
5. महत्वपूर्ण दर्रे:
o पलक्कड़ गैप एक प्रमुख पर्वतीय दर्रा है जो पश्चिमी तट को भारत के पूर्वी मैदानों से जोड़ता है।
6. सबसे ऊँची चोटी:
o अनामुडी, पश्चिमी घाट की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई 2,695 मीटर है और यह एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
निष्कर्ष:
जंपिंग स्पाइडर की दो नई प्रजातियों की खोज, भारत और पश्चिमी घाट की जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है। यह खोज पश्चिमी घाट को जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण केंद्र साबित करती है, जहां अभी भी कई अज्ञात प्रजातियाँ विद्यमान हो सकती हैं।
इस खोज से यह भी स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र का संरक्षण न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि पारिस्थितिकीय संतुलन और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। यह खोज हमें पश्चिमी घाट की जैव विविधता के संरक्षण के प्रति और अधिक प्रतिबद्ध होने के लिए प्रेरित करती है।