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Blog / 17 Apr 2025

मैन्टिस श्रिम्प का प्राकृतिक ऊर्जा कवच

संदर्भ:

हाल ही में अमेरिका और फ्रांस के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया है कि मैन्टिस श्रिम्प के डैक्टिल क्लब (जो एक कठोर कवच के जैसा होता है) में एक खास सूक्ष्म संरचना होती है। यह संरचना फोनोनिक शील्डिंग (Phononic Shielding) नाम की प्रक्रिया को संभव बनाता है। इस तकनीक की मदद से यह जीव तेज ध्वनि तरंगों को रोकता है और प्रतिक्षेप को कम करता है, जिससे मैन्टिस श्रिम्प अपने ही ज़ोरदार हमलों से स्वयं को नुकसान नहीं पहुँचने देता।

मेंटिस श्रिम्प के बारे में:

मेंटिस श्रिम्प एक समुद्री जीव है, जिसकी लंबाई लगभग 10 सेंटीमीटर होती है और यह उष्णकटिबंधीय व उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में पाया जाता है। यह अपने विशेष अंगों की मदद से बहुत तेज और शक्तिशाली हमला करता है, जिससे पानी में तेज़ झटके जैसी तरंगें बनती हैं। लेकिन इसके बाद यह स्वयं को कोई नुकसान नहीं पहुँचाता, क्योंकि इसके अंगों की बनावट ऐसी होती है जो ऊर्जा को अपने अंदर समा लेती है और चोट से बचाव करती है।

हमला करने की प्रक्रिया:

मेंटिस श्रिम्प अपने डैक्टिल क्लब (जो एक कठोर कवच के जैसा होता है) से हमला करता है, जो लगभग 23 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलता है। इतनी तेज़ गति से पानी की परतें भाप बन जाती हैं और ज़ोरदार तरंगें बनती हैं, जो सीप और घोंघे जैसे कठोर खोल वाले जीवों को भी तोड़ सकती हैं, परन्तु इतने ताकतवर हमले के बाद भी मेंटिस श्रिम्प के स्वयं को कोई चोट नहीं लगती।

संरचनात्मक विशेषताएँ:
मेंटिस श्रिम्प का डैक्टिल क्लब तीन परतों वाली एक खास बनावट से बना होता है, जिसमें खनिज और जैविक सामग्री शामिल होती है:

  • प्रभाव सतह: यह सबसे ऊपर की परत होती है, जो हाइड्रॉक्सीएपेटाइट नाम के एक बहुत कठोर पदार्थ से बनी होती है। यह परत किसी भी प्रभाव को चारों तरफ फैला देती है, जिससे किसी एक जगह ज़्यादा दबाव नहीं पड़ता।
  • प्रभाव परत और आवर्ती क्षेत्र:  सतह के नीचे, बायोपॉलिमर फाइबर एक कुंडलाकार पैटर्न (Helicoidal Pattern) में व्यवस्थित होते हैं, जिससे संरचना को बिना किसी महत्वपूर्ण क्षति के लगातार होने वाले उच्च-तीव्रता के प्रभावों को सहन करने में मदद मिलती है।

फोनोनिक शील्डिंग तकनीक:

डैक्टिल क्लब की अंदरूनी संरचना एक फोनोनिक बैंडगैप की तरह काम करती है, जो कुछ खास प्रकार की ऊर्जा तरंगों को रोकती या कमजोर करती है। यह सुरक्षा प्रणाली पदार्थों के सटीक ढंग से व्यवस्थित होने के कारण संभव हो पाती है, जिससे मेंटिस श्रिम्प अपने ही बनाए शक्तिशाली प्रभाव से खुद को बचा लेता है।

सामग्री विज्ञान में संभावनाएँ:

  • मेंटिस श्रिम्प की इस प्राकृतिक ढाल की खोज से मटेरियल साइंस (सामग्री विज्ञान) में कई नई संभावनाएँ खुल रही हैं। वैज्ञानिक अब इसकी संरचना की तरह ऐसे कृत्रिम पदार्थ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो ध्वनि और प्रतिक्षेप प्रभाव को कम कर सकें। ऐसी सामग्रियों का उपयोग सैन्य कर्मियों के लिए इयरमफ (कानों की सुरक्षा) सहित सुरक्षात्मक उपकरणों में व सैन्य और खेल दोनों ही स्थितियों में संबंधित चोटों को कम करने के उद्देश्य से किया जा सकता है।
  • इस अध्ययन के निष्कर्ष से इस धारणा को भी चुनौती मिलती है कि ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले पदार्थ केवल लैब में ही बनाए जा सकते हैं। मेंटिस श्रिम्प की संरचना दिखाती है कि प्रकृति भी कई स्तरों पर सामग्री संरचनाओं को अनुकूलित कर सकती है, जो भविष्य की नई तकनीकों और विकास के लिए प्रेरणा बन सकती है।

निष्कर्ष:

मेंटिस श्रिम्प की प्राकृतिक ऊर्जा ढाल प्रकृति की अद्भुत सोच और विकास का एक शानदार उदाहरण है। इस छोटे से जीव का अध्ययन करके वैज्ञानिक ऐसी नई तकनीकें और चीज़ें बना सकते हैं, जो कई तरीकों से समाज के काम आ सकती हैं और लोगों को फायदा पहुँचा सकती हैं।