सन्दर्भ:
अत्यंत गरीबी-
विश्व बैंक के अनुसार, अत्यंत गरीबी वह स्थिति है जब कोई व्यक्ति प्रतिदिन $2.15 या उससे कम (2017 की क्रय शक्ति समता के अनुसार) में जीवन यापन करता है।
- यह गरीबी का सबसे गंभीर रूप है, जिसमें व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सुरक्षित आवास, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा इत्यादि को भी पूरा करने में सक्षम नहीं होता है।
- इस स्थिति में रहने वाले लोगों को अक्सर भूख, शिशु मृत्यु दर में वृद्धि, शिक्षा और इलाज की सुविधा की कमी तथा अस्थायी या असुरक्षित आवास जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
केरल में अत्यंत गरीबी की स्थिति:
केरल सरकार ने राज्य को अत्यंत गरीबी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से लगभग तीन वर्ष पहले एक विशेष अभियान शुरू किया था।
- इस अभियान के तहत 64,002 परिवारों की पहचान की गई, जो अत्यधिक कठिन और दयनीय परिस्थितियों में जीवन जी रहे थे।
- इन परिवारों को चार प्रमुख मानकों के आधार पर चिन्हित किया गया:
1. भोजन की उपलब्धता
2. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच
3. पर्याप्त आय
4. उचित आवास की स्थिति
- इन जरूरतमंद परिवारों के उत्थान के लिए विभिन्न विभागों की सहायता से सूक्ष्म-स्तरीय कार्य योजनाएँ (Micro-level Action Plans) तैयार की गईं, ताकि उन्हें योजनाबद्ध और प्रभावी सहायता प्रदान की जा सके।
धर्मदाम क्षेत्र में स्थिति:
- धर्मदाम क्षेत्र में 196 परिवारों को अत्यंत गरीब की श्रेणी में पाया गया।
- इन सभी परिवारों को आवश्यक पहचान पत्र दिलवाए गए और उन्हें संबंधित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया।
राज्य में प्रगति:
- जिन 64,002 परिवारों की पहचान की गई थी, उनमें से 44,000 से अधिक परिवारों को अब तक अत्यंत गरीबी से बाहर निकाला जा चुका है। शेष परिवारों को भी आने वाले समय में इस स्थिति से बाहर लाने की योजना है।
- यह कार्य पूरे राज्य में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण करके किया गया। इस प्रक्रिया में केरल लोक प्रशासन संस्थान ने मूल्यांकन का ढांचा तैयार किया।
- नीति आयोग द्वारा 2021 में जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) के अनुसार, केरल ने पहले ही भारत में सबसे कम गरीबी दर (0.71%) दर्ज की थी।
निष्कर्ष:
हालांकि केरल ने विकास और गरीबी उन्मूलन के कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, लेकिन राज्य ने यह स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर अभी भी अत्यंत गरीबी के छोटे-छोटे क्षेत्र मौजूद हैं। इन्हें दूर करने के लिए परिवार स्तर की योजनाओं के माध्यम से सरकार ने विशेष प्रयास किए।
धर्मदाम विधानसभा की यह उपलब्धि केरल की समावेशी विकास और गरीबी हटाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और उसे मानव विकास सूचकों में अग्रणी राज्य के रूप में और मजबूत बनाती है।