होम > Blog

Blog / 26 Feb 2025

भारत में इंटरनेट शटडाउन

संदर्भ:

हाल ही में डिजिटल अधिकार संगठन "एक्सेस नाउ" की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 में 84 बार इंटरनेट शटडाउन लगाया गया, जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में सर्वाधिक है। हालाँकि, यह संख्या 2023 में हुए 116 इंटरनेट शटडाउन की तुलना में कम है।  हालांकि, सैन्य शासन वाले म्यांमार ने 85 शटडाउन के साथ भारत को पीछे छोड़ दिया।

शटडाउन के पीछे कारण:

·        एक्सेस नाउ" की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में हुए 84 इंटरनेट शटडाउन में से 41 विरोध प्रदर्शनों से संबंधित थे, जबकि 23 शटडाउन सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े थे। इसके अतिरिक्त, सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं के दौरान 5 बार इंटरनेट सेवाएँ निलंबित की गईं।

·        देश के 16 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंटरनेट शटडाउन लागू किए गए, जिनमें मणिपुर, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहे।

भारत के वैश्विक नेतृत्व पर प्रभाव:

·        रिपोर्ट में भारत की वैश्विक नेतृत्व महत्वाकांक्षाओं पर इंटरनेट शटडाउन के प्रतिकूल प्रभाव को रेखांकित किया गया है, विशेषकर डिजिटल गवर्नेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उभरते क्षेत्रों में।

·        एक्सेस नाउ ने मौजूदा दूरसंचार कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि ये कानून बिना पर्याप्त निगरानी के इंटरनेट शटडाउन की अनुमति देते हैं। रिपोर्ट में संशोधित दूरसंचार अधिनियम, 2023 और दूरसंचार निलंबन नियम, 2024 में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि ये कानून औपनिवेशिक युग के टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के प्रावधानों को बरकरार रखते हैं, किंतु शटडाउन आदेशों की स्वतंत्र समीक्षा के लिए कोई प्रभावी तंत्र उपलब्ध नहीं है।

 

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इंटरनेट शटडाउन:

2024 में वैश्विक स्तर पर 54 देशों में 296 से अधिक इंटरनेट शटडाउन दर्ज किए गए, जिनमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहाँ कुल 202 व्यवधान हुए।

म्यांमार, भारत और पाकिस्तान मिलकर वैश्विक शटडाउन का 64% से अधिक योगदान देते हैं। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि अक्सर ये इंटरनेट ब्लैकआउट विरोध, संघर्ष, चुनाव या मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित घटनाओं के दौरान लागू किए जाते हैं, जिससे क्षेत्र में डिजिटल अधिनायकवाद (Digital Authoritarianism) की प्रवृत्ति बढ़ने की चिंता उत्पन्न होती है।

वैश्विक स्तर पर इंटरनेट शटडाउन वाले शीर्ष देश और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रतिबंध :

    2024 में, इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं में म्यांमार, भारत, पाकिस्तान और रूस प्रमुख देशों के रूप में उभरे। म्यांमार ने 85 बार, जबकि भारत ने 84 बार इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया, जिससे भारत लोकतांत्रिक देशों में इंटरनेट शटडाउन लागू करने वाला शीर्ष देश बना रहा। इसके अलावा, पाकिस्तान में 21 और रूस में 13 बार इंटरनेट शटडाउन दर्ज किए गए।

 

    इंटरनेट शटडाउन के साथ-साथ, सरकारों द्वारा विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। 2024 में, 35 देशों में कुल 71 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रतिबंधित किए गए, जो 2023 में 25 देशों में 53 प्लेटफॉर्म ब्लॉक किए जाने की तुलना में अधिक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) को 14 देशों में 24 बार प्रतिबंधित किया गया, जबकि TikTok और Signal को 10-10 बार ब्लॉक किया गया।

आगे की राह :

रिपोर्ट में भारत से डिजिटल अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की गई है और 2025 को इंटरनेट शटडाउन से मुक्त वर्ष बनाने का आग्रह किया गया है। एक्सेस नाउ का तर्क है कि इंटरनेट शटडाउन जैसे कठोर उपायों का बार-बार उपयोग समाज को अस्थिर करता है, डिजिटल प्रगति में बाधा डालता है और प्रशासन को जवाबदेही से बचने का अवसर देता है।