संदर्भ:
चिकित्सा जांच के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में, गुवाहाटी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST) की शोधकर्ताओं की टीम ने कोलेस्ट्रॉल की पहचान के लिए एक अत्यंत संवेदनशील, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती ऑप्टिकल सेंसिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है। IASST भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है।
कोलेस्ट्रॉल की प्रारंभिक स्तर की आवश्यकता:
कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण लिपिड है जो यकृत (लिवर) द्वारा निर्मित होता है और यह विटामिन D, पित्त अम्लों और स्टेरॉयड हार्मोनों जैसे कई आवश्यक जैविक यौगिकों को बनाने ने मदद करता है। यह पशु ऊतकों, रक्त और तंत्रिका कोशिकाओं के सही कार्य के लिए जरूरी है। रक्त प्रवाह में, कोलेस्ट्रॉल दो मुख्य रूपों में परिवर्तित होकर यात्रा करता है:
• लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (LDL): जिसे 'खराब' कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, यह धमनियों की दीवारों में जमा होकर एथेरोस्क्लेरोटिक प्लाक्स बना सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है।
• हाई-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (HDL): जिसे 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, यह रक्त से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इसकी अधिकता या कमी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कई जानलेवा बीमारियों में योगदान कर सकता है, वहीं इसकी अत्यधिक कमी भी किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकती है। इसलिए, व्यक्तिगत स्वास्थ्य निगरानी और समय पर हस्तक्षेप के लिए प्रभावी प्वाइंट-ऑफ-केयर (POC) सिस्टम की जरूरत होती है।
ऑप्टिकल सेंसिंग प्लेटफॉर्म:
इस नवीन ऑप्टिकल सेंसिंग प्लेटफॉर्म को सिल्क फाइबर पर फॉस्फोरीन क्वांटम डॉट्स के साथ फंक्शनलाइज करके तैयार किया गया है। यह प्लेटफॉर्म प्वाइंट-ऑफ-केयर समाधान प्रदान करता है और यह बहुत ही सूक्ष्म स्तर (यहां तक कि मानक सीमा से भी नीचे) पर कोलेस्ट्रॉल की पहचान कर सकता है, जिससे यह नियमित निगरानी के लिए एक भरोसेमंद उपकरण बन जाता है।
• यह नवाचार कई गंभीर बीमारियों जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, वेनस थ्रोम्बोसिस, हृदय रोग, दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप और कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
प्रयोगशाला में, सिल्क फाइबर को सेलुलोज नाइट्रेट झिल्ली में एकीकृत कर एक विद्युत सेंसिंग प्लेटफॉर्म भी तैयार किया गया। यह प्लेटफॉर्म न केवल ऑप्टिकल प्लेटफॉर्म के समान कार्य करता है, बल्कि इसके अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करता है, जैसे कि:
• उच्च संवेदनशीलता और चयनात्मकता: सेंसरों ने कोलेस्ट्रॉल की पहचान में अत्यधिक सटीकता दिखाई, जिससे भरोसेमंद परिणाम मिलते हैं।
• पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन: पारंपरिक सेंसरों के विपरीत, यह प्लेटफॉर्म कोई ई-वेस्ट नहीं उत्पन्न करता, जो चिकित्सा जांच में एक सतत और हरित दृष्टिकोण है।
• विविध नमूनों में उपयोग की क्षमता: सेंसरों को मानव रक्त सीरम, प्रायोगिक चूहे के रक्त सीरम और दूध जैसे वास्तविक जैविक नमूनों पर परखा गया, जिससे इसकी व्यावहारिक उपयोगिता सिद्ध होती है।
निष्कर्ष:
कोलेस्ट्रॉल की पहचान के लिए यह नवीन ऑप्टिकल और विद्युत सेंसिंग तकनीक निदान विज्ञान में एक क्रांतिकारी कदम है। इसकी प्वाइंट-ऑफ-केयर कार्यक्षमता, पर्यावरणीय स्थिरता और उच्च संवेदनशीलता इसे व्यापक चिकित्सकीय और व्यक्तिगत उपयोग के लिए एक आशाजनक उपकरण बनाती है।
यह नवाचार गंभीर बीमारियों से संबंधित बायोमार्कर की समय पर पहचान को संभव बनाता है, जिससे सक्रिय स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा मिलता है और साथ ही यह बायोमार्कर आधारित रोग पहचान और निगरानी में भविष्य के अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त करता है।