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Blog / 19 Apr 2025

भारत का विदेशी व्यापार परिदृश्य

सन्दर्भ:

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024–25 में भारत के विदेशी व्यापार में कई ऐतिहासिक परिवर्तन हुए, जिसमे अमेरिका को निर्यात और चीन से आयात अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच गए। ये परिवर्तन वैश्विक व्यापार में हो रहे पुनर्संयोजन, शुल्क संबंधी चिंताओं और आपूर्ति श्रृंखलाओं की बदलती निर्भरताओं के संदर्भ में सामने आए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • अमेरिका को निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि: वित्त वर्ष 2024–25 में अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़कर $86.51 बिलियन हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। विशेष रूप से मार्च महीने में अमेरिका को निर्यात में 35.06% की गति से बढ़ा, जो $7.51 बिलियन से बढ़कर $10.14 बिलियन पर पहुँच गया। यह तेजी संभवतः 2 अप्रैल से लागू होने वाले पारस्परिक टैरिफ से पहले भेजे गए अग्रिम माल के कारण हुई।
  • कुल निर्यात में नई ऊँचाई: भारत का कुल वस्तु और सेवा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया, जो FY25 में $820.93 बिलियन रहा। यह पिछले वर्ष के $778.13 बिलियन की तुलना में 5.5% अधिक है।
  • चीन से आयात में तेज़ बढ़त: चीन से आयात में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई, जो 25% बढ़कर $113.45 बिलियन तक पहुँच गया। केवल मार्च महीने में ही चीन से आयात में तीव्र वृद्धि देखी गई, जिससे भारत का कुल आयात 7% बढ़कर $915.19 बिलियन पर पहुँच गया।
  •  व्यापार घाटा बढ़ा: इस बढ़ते आयात के चलते भारत का कुल व्यापार घाटा $94.26 बिलियन हो गया। इसमें चीन के साथ व्यापार घाटा अकेले $99.2 बिलियन है, जो औद्योगिक क्षेत्र में भारत की गहरी संरचनात्मक निर्भरता को दर्शाता है।
  • वस्तुओं का निर्यात लगभग स्थिर: कुछ क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद, कुल वस्तु निर्यात में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई। FY25 में यह $437.42 बिलियन रहा, जो पिछले वर्ष के $437.07 बिलियन से मामूली अधिक है।
  • सेवाओं के क्षेत्र में मज़बूती: सेवा निर्यात ने व्यापार संतुलन को मजबूत बनाए रखा। इसमें 12.45% की वृद्धि दर्ज की गई और यह $383.51 बिलियन तक पहुँच गया, जबकि सेवा आयात $195.95 बिलियन रहा। इससे भारत ने सेवा क्षेत्र में एक मज़बूत व्यापार अधिशेष बनाए रखा।

क्षेत्रवार प्रमुख प्रदर्शन:

  •  इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तेज़ उछाल: भारत से आईफोन की बढ़ती शिपमेंट के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निर्यात 32% बढ़कर $38 बिलियन तक पहुँच गया।
  • कॉफी निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि: ब्राज़ील में सूखे के कारण वैश्विक स्तर पर कॉफी की आपूर्ति में कमी आई, जिसका लाभ भारत को मिला। इसके चलते कॉफी का निर्यात 40% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड $1.8 बिलियन तक पहुँच गया।
  •  कृषि उत्पादों में स्थिर वृद्धि: फार्मास्यूटिकल्स, फल एवं सब्जियाँ, अनाज आधारित उत्पाद और अन्य वस्तुओं के निर्यात में 5% से 10% के बीच वृद्धि दर्ज की गई।
  •  इंजीनियरिंग सामान में मिश्रित रुझान: इंजीनियरिंग वस्तुओं के वार्षिक निर्यात में 6.74% की बढ़त दर्ज हुई, लेकिन मार्च माह में मासिक निर्यात 4% घटकर $10.82 बिलियन पर आ गया।

निष्कर्ष:

वित्त वर्ष 2024–25 भारत के व्यापार इतिहास में एक ऐसे वर्ष के रूप में दर्ज होगा जिसमें कुछ क्षेत्रों और बाजारों में शानदार निर्यात वृद्धि देखने को मिली, वहीं दूसरी ओर चीन पर बढ़ती आयात निर्भरता और व्यापार घाटा जैसी संरचनात्मक चुनौतियाँ भी सामने आईं। बदलते वैश्विक आपूर्ति तंत्र और व्यापार नीतियों के बीच भारत को अब निर्यात वृद्धि के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धात्मकता का संतुलन साधने की आवश्यकता है।