संदर्भ:
हाल ही में कर्नाटक के कोप्पल जिले के बंकापुर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय ग्रे वुल्फ ने आठ शावकों को जन्म दिया है। शावकों के सुरक्षित विकास को सुनिश्चित करने के लिए, कर्नाटक वन विभाग ने विशेष सुरक्षा उपाय किए हैं, क्योंकि आमतौर पर वन्य में भेड़िये के शावकों का केवल आधा हिस्सा ही जीवित रह पाता है।
भारतीय ग्रे वुल्फ के बारे में :
- भारतीय ग्रे वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लीप्स) ग्रे वुल्फ की एक उप-प्रजाति है जोकि भारतीय उपमहाद्वीप की मूल निवासी है।
- मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों सहित भारत के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है।
- यह घास के मैदानों, झाड़ियों और रेगिस्तानों जैसे विविध पारिस्थितिक तंत्रों में निवास करता है और विभिन्न वातावरणों के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित होता है।
- भेड़िया आमतौर पर आकार में छोटा होता है, जिसमें भूरे रंग का फर कोट होता है, जिसमें हल्के और गहरे रंग के शेड होते हैं।
- अपने सामाजिक स्वभाव के लिए जाने जाने वाले, भारतीय ग्रे वुल्फ अक्सर परिवार-उन्मुख पैक्स (समूह) में रहते हैं।
- एक विशिष्ट पैक में एक प्रजनन जोड़ी और उनकी संतान शामिल होती है।
- ये भेड़िये कुशल शिकारी होते हैं, जो छोटे से मध्यम आकार के शाकाहारी जानवरों का शिकार करते हैं और कभी-कभी मरे हुए जानवरों का मांस भी खाते हैं।
- भारतीय ग्रे वुल्फ को IUCN रेड लिस्ट में "लुप्तप्राय" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- आवास का नुकसान, मानव- वन्य संघर्ष और शिकार जैसी गतिविधियों के कारण उनकी आबादी लगातार कम हो रही है।
- इस प्रजाति और इसके आवास की रक्षा के लिए संरक्षण प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
बंकापुर वुल्फ अभयारण्य के बारे में:
- बंकापुर वुल्फ अभयारण्य कर्नाटक के कोप्पल जिले में स्थित है और 332 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
- अभयारण्य में स्क्रब जंगल, पहाड़ियाँ और प्राकृतिक गुफाएँ हैं, जो एक विविध आवास प्रदान करते हैं।
- यह विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों का घर है, जिसमें भेड़िये, तेंदुए, मोर, काले हिरण, लोमड़ी, खरगोश और साही शामिल हैं।
- अभयारण्य 15वें वन्यजीव बोर्ड की बैठक में घोषित कर्नाटक का पहला वुल्फ वाइल्डलाइफ अभयारण्य है।
- अभयारण्य में अब लगभग 35-40 भेड़िये रहते हैं, जिनमें नए शावक भी शामिल हैं।
- इसे इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
- गंगावती शहर से 15 किलोमीटर दूर स्थित इस अभयारण्य को एक पर्यटन स्थल के रूप में योजनाबद्ध किया जा रहा है।
- अधिकारी अभयारण्य के भीतर सफारी स्थापित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं।