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Blog / 21 Apr 2025

भारत-अमेरिका एनआईएसएआर (NISAR) मिशन

भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो और नासा के बीच अपनी तरह का पहला सहयोग, नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) मिशन जून 2025 में लॉन्च होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यह मिशन पृथ्वी की सतह पर हो रहे परिवर्तनों का बहुत ही सटीकता से अध्ययन करेगा और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण निगरानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेगा।

निसार (NISAR) मिशन:

निसार मिशन में दोहरी-फ्रीक्वेंसी वाले सिंथेटिक एपर्चर रडार लगे हैंनासा का L-बैंड और इसरो का S-बैंड। ये उपकरण पृथ्वी की सतह पर एक सेंटीमीटर तक के छोटे परिवर्तन भी पहचानने में सक्षम होंगे, जिससे निम्नलिखित चीजों की निगरानी संभव होगी:

• हिमनद (ग्लेशियर) और बर्फ की चादरों का पिघलना
वनस्पति और वन क्षेत्र में बदलाव
भूकंप, भूस्खलन और ज्वालामुखीय गतिविधियाँ

पहले इसे 2024 की शुरुआत में लॉन्च किया जाना था, लेकिन 12 मीटर की एक विशेष एंटीना में समस्या आने के कारण इसमें देरी हुई। इस एंटीना को अंतिम परीक्षण के दौरान फिर से डिजाइन करना पड़ा। हालांकि सैटेलाइट का अधिकांश हिस्सा अमेरिका में बना था, इसके कुछ अहम पुर्जे भारत में तैयार किए गए और बाद में उन्हें इसरो के बेंगलुरु केंद्र में जोड़ा गया।

एंटीना की समस्या के चलते सैटेलाइट को 2023 में अमेरिका वापस भेजा गया था, जहां उसमें सुधार किया गया। सफल परीक्षणों के बाद अब इसरो ने इसे जीएसएलवी रॉकेट के जरिए लॉन्च करने का फैसला किया है, हालांकि लॉन्च की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है।

India-US NISAR Mission

निसार का महत्त्व:

निसार (NISAR) मिशन पृथ्वी के अवलोकन (Earth Observation) की क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा। यह मिशन निरंतर, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली जानकारी प्रदान करेगा, जो पर्यावरणीय योजना, संसाधन प्रबंधन और जलवायु लचीलापन (climate resilience) में सहायक होगी।

यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच वैज्ञानिक और रणनीतिक सहयोग को भी मजबूत बनाता है।

अन्य आगामी मिशन:

  • EOS-09 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-09): यह सैटेलाइट दिन और रात में, किसी भी मौसम में, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसका उपयोग कृषि, वानिकी, शहरी योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में होगा।
  • गगनयान कार्यक्रम का टीवी-डी2 मिशन (परीक्षण वाहन-डी2): यह भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की तैयारी का हिस्सा है। इस मिशन में आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रणाली (Crew Escape System) का परीक्षण किया जाएगा, ताकि किसी भी संकट में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • एक्सिओम-4 (AXIOM) मिशन के बारे में: एक और ऐतिहासिक मिशन में, शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनने जा रहे हैं। वे अमेरिका की निजी कंपनी Axiom Space द्वारा संचालित Axiom-4 मिशन का हिस्सा होंगे, जिसे मई 2025 में लॉन्च किया जाना है।

यह मिशन वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाएगा और भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर से जोड़ेगा।

निष्कर्ष:

निसार मिशन आधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है। जैसे-जैसे भारत और अमेरिका इसकी लॉन्चिंग की तैयारी कर रहे हैं, यह मिशन पृथ्वी की समझ, सुरक्षा और योजना को एक नई दिशा देगा। EOS-09, TV-D2 और Axiom-4 जैसे अन्य मिशनों के साथ 2025 भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए विज्ञान, रणनीति और वैश्विक मंच पर एक ऐतिहासिक वर्ष बनने जा रहा है।