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Blog / 19 Feb 2025

भारत-कतर संबंध: सहयोग की नई दिशा

सन्दर्भ: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के मध्य नई दिल्ली में उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित हुई। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-कतर संबंधों को "रणनीतिक साझेदारी" (Strategic Partnership) के स्तर तक उन्नत करने पर सहमति व्यक्त की।

बैठक के प्रमुख विषय:

1.    सामरिक साझेदारी: दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करते हुए भारत-कतर संबंधों को सामरिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया।

2.      द्विपक्षीय सहयोग: वार्ता के दौरान निवेश को बढ़ाने, निवेश संरक्षण समझौते पर तीव्रता से कार्य करने और ऊर्जा एवं नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक लाभ सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

3.   दोहरे कराधान से बचाव समझौता: भारत और कतर ने दोहरे कराधान से बचाव और राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौते का आदान-प्रदान किया। यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में सहायक होगा। 

India-Qatar Relations - UPSC Notes (IR)

भारत के लिए कतर का महत्व:

भारत-कतर आर्थिक संबंध: भारत और कतर के बीच आर्थिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, जिनका कुल व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर तक है। कतर भारत का सबसे बड़ा एलएनजी और एलपीजी आपूर्तिकर्ता है, जबकि भारत अनाज, लोहा-इस्पात और वस्त्र सहित विभिन्न उत्पादों का निर्यात करता है। दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र से आगे अपने व्यापार को विविध और विस्तारित करने के इच्छुक हैं।

सुरक्षा और रक्षा सहयोग: भारत और कतर के बीच मजबूत रक्षा संबंध भी हैं। भारत कतर के रक्षा कर्मियों को अपने प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करता है और दोहा में आयोजित प्रमुख रक्षा प्रदर्शनी और सैन्य अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लेता है।

सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंध: बैठक में कतर में बसे भारतीय प्रवासी समुदाय, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, को भी मान्यता दी गई। कतर में 8 लाख से अधिक भारतीय रहते है और काम करते हैं, जिनमें से कई उच्च कौशल वाले पेशों से जुड़े हैं।

भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंधों के बारे में:

·         कतर और भारत ने 1973 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। तब से दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी कर रहे हैं।

·         रक्षा सहयोग के तहत, दोनों देशों ने 2008 में एक समुद्री रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। 2019 से ज़ाइर-अल-बहर जैसे संयुक्त रक्षा अभ्यास आयोजित किए जा रहे हैं, जो आतंकवाद-रोधी और समुद्री सुरक्षा पर केंद्रित हैं।

·         आर्थिक संबंधों में, कतर ने भारत में, विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया है। 2016 में गैस की कीमतें कम करने पर सहमति बनी थी।  द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हो रही है, जहां भारत अनाज और मशीनरी जैसे उत्पाद कतर को निर्यात करता है, जबकि कतर भारत को तेल और प्लास्टिक आपूर्ति करता है।

भविष्य की संभावनाएँ:

भारत और कतर के संबंध रक्षा और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार की ओर अग्रसर हैं। दोनों देश पारस्परिक लाभ के लिए अपनी क्षमताओं और संसाधनों का प्रभावी रूप से उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

निष्कर्ष:

दोनों देशों के प्रमुखों की वार्ता भारत-कतर साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और भू-राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना है। यह विकास महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है, जो द्विपक्षीय संबंधों के समृद्ध भविष्य की नींव रखता है।