होम > Blog

Blog / 04 Feb 2025

नई एलेटारिया प्रजातियाँ

सन्दर्भ:

हाल ही में एक अंतर्राष्ट्रीय शोध टीम ने इलायची से निकटता से संबंधित छह नई प्रजातियों की पहचान की है। इनमें से चार प्रजातियाँ पहले आल्पिनिया (Alpinia) जाति के अंतर्गत रखी गई थीं, जबकि दो अन्य प्रजातियाँ केरल के पश्चिमी घाटों में हाल ही में खोजी गई हैं।

नई खोजी गई प्रजातियाँ:

केरल के पश्चिमी घाटों में दो नई एलेटारिया (Elettaria) प्रजातियाँ पाई गईं, जो एलेटारिया कार्डामोमम (Elettaria cardamomum) से रूपात्मक लक्षणों में भिन्न हैं।

o   एलेटारिया फैसिफेरा : यह प्रजाति इडुकी जिले के पेरियार टाइगर रिजर्व में पाई गई हैं और इसमें निचली पत्तियों और सीधी फूलों की कलियों की विशेषताएँ हैं, जो सामान्य इलायची के पौधों से भिन्न हैं।

o   एलेटारिया ट्यूलिपिफेरा : यह प्रजाति अगस्त्यमलै पर्वतों और इडुकी के मुन्नार क्षेत्र में पाई गई और इसकी विशेषता इसमें पाए जाने वाली ट्यूलिप के आकार जैसी पुष्पमाला है, जिसमें बड़े, चमकीले से लेकर गहरे लाल रंग के घेरा लगे ब्रैक्ट्स (whorled bracts) होते हैं, जोकि इसकी सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं।

इलायची प्रजातियाँ के बारे में:

  • इलायची, जिसे "मसालों की रानी" कहा जाता है, एलेटारिया कार्डामोमम पौधे के बीजों से प्राप्त होती है।
  • यह दक्षिण भारत का मूल निवासी पौधा है और अदरक परिवार से संबंधित है, जोकि हल्दी और अदरक जैसी अन्य खुशबूदार मसालों से जुड़ा है।

इलायची उगाने के लिए मिट्टी और जलवायु की आवश्यकताएँ:

  • मिट्टी: इलायची के लिए कार्बनिक पदार्थों से भरपूर और हल्की अम्लीय मिट्टी होनी चाहिए, जिसकी आदर्श पीएच रेंज 5.0 से 6.5 हो। यह समृद्ध और जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है, जिसमें फास्फोरस का स्तर कम और पोटैशियम का स्तर मध्यम से उच्च होता है।
  • ऊंचाई: इलायची सामान्यतः 600 से 1500 मीटर की ऊँचाई पर उगाई जाती है, जहाँ ठंडी तापमान और आर्द्र परिस्थितियाँ इसके विकास के लिए उपयुक्त होती हैं।
  • तापमान: इलायची के लिए आदर्श तापमान सीमा 10°C से 35°C के बीच होती है। यह अत्यधिक गर्मी या ठंड को सहन नहीं करती है।
  • वर्षा: इलायची को पर्याप्त वर्षा की आवश्यकता होती है, जोकि सालाना 1500 से 4000 मिमी के बीच हो। पूरे वर्ष निरंतर वर्षा इस पौधे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक नमी बनाए रखती है।

इलायची की उच्च-उपज उगाने के लिए आदर्श परिस्थितियाँ : 

  • ह्यूमस से भरपूर और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पौधों की जड़ प्रणाली को स्वस्थ रखने और उनके बेहतर विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
  • ऊँचे पेड़ों के नीचे छायादार क्षेत्रों में रोपाई करने से नमी बनी रहती है और पौधे सीधी धूप से सुरक्षित रहते हैं।
  • आदर्श मिट्टी, ऊँचाई, तापमान और वर्षा की आवश्यकताओं को पूरा करके किसान उच्च गुणवत्ता वाली सुगंधित इलायची सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • इसकी अच्छी खेती मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होती है, विशेष रूप से दक्षिण भारत, जो इलायची का प्रमुख उत्पादक है।