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Blog / 25 Apr 2025

सोने की कीमत ₹1 लाख के पार पहुंची

सन्दर्भ:

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी तेजी के चलते भारत में सोने की कीमत पहली बार1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार चली गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व में बड़े बदलावों की घोषणा के बाद सोने की मांग और बढ़ गई है। दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता के बीच सोना सबसे भरोसेमंद सुरक्षित निवेश विकल्प बनकर उभरा है।

सोने की कीमतों में उछाल के कारण:

भारत में सोने की कीमतों में तेज़ी, अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रवृत्तियों को दर्शाती है। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत $3,400 प्रति औंस से ऊपर पहुँच गई है, जो मार्च 2024 के मुकाबले लगभग 59% की वृद्धि है।

·        यह बढ़ोतरी अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, फेडरल रिजर्व में प्रस्तावित बदलावों और टैरिफ को लेकर फेड की चेतावनी की वजह से हुई है।

·        राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेड की आलोचना और चेयरमैन जेरोम पॉवेल को हटाने की धमकी ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, जिससे फेड की स्वतंत्रता पर सवाल उठने लगे हैं।

·        इसके साथ ही, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के कारण डॉलर तीन साल के निचले स्तर पर पहुँच गया है, जिससे सोने की मांग और दाम दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँच गए हैं।

·        इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी और बढ़ती महंगाई की आशंकाओं ने भी सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में और मज़बूत किया है।

भारतीय सोना बाजार के बारे में:

भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का बाजार है। वर्ष 2024 में भारत में सोने की कुल मांग 802.8 टन रही, जो 2023 की 761 टन की मांग की तुलना में अधिक है। वहीं, चीन में इस दौरान सोने की मांग 985 टन तक पहुँच गई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारत में सोने की कुल मांग का मूल्य 31% बढ़कर5.15 लाख करोड़ हो गया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:

नकारात्मक प्रभाव:

1.   चालू खाता घाटा (सीएडी) में वृद्धि:  भारत ज्यादातर सोना आयात करता है। कीमतें बढ़ने से आयात बिल भी बढ़ता है, जिससे सीएडी पर दबाव आता है और रुपया कमजोर हो सकता है।

2.   रुपये पर दबाव: सोने का आयात महंगा होने से डॉलर की मांग बढ़ती है, जिससे भारतीय रुपये की कीमत पर असर पड़ता है।

3.   महंगाई बढ़ने का खतरा: जब सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो आभूषणों की लागत भी बढ़ती है, जो उपभोक्ता खर्च का एक बड़ा हिस्सा है, इससे महंगाई बढ़ सकती है।

सकारात्मक प्रभाव:

1.   सोने की संपत्ति का मूल्य बढ़ा: भारतीयों में सोने को संग्रहण करने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है। इसकी कीमत बढ़ने से लोगों की संपत्ति का मूल्य भी बढ़ता है और आर्थिक सुरक्षा की भावना मजबूत होती है।

2.   गोल्ड लोन मार्केट को बढ़ावा: ज्यादा कीमतों पर लोग अपने सोने के बदले ज्यादा ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में क्रेडिट की पहुंच बढ़ती है।

3.   फिनटेक और NBFCs को फायदा: जो कंपनियां सोने पर ऋण देती हैं, उनके कारोबार में बढ़ोतरी होती है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।

निष्कर्ष:

सोने की कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी भारत के लिए दोहरी तस्वीर पेश करती है, एक ओर यह आर्थिक लाभ का अवसर है, तो दूसरी ओर इससे कुछ चुनौतियाँ भी उत्पन्न होती हैं। भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपरा में सोने का विशेष महत्व है और यह निवेश का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। ऐसे में बढ़ती कीमतों के प्रभाव को संतुलित ढंग से संभालना आवश्यक है, ताकि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिले और साथ ही देश की आर्थिक स्थिरता भी बनी रहे। आने वाले समय में, सोना सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा और संपत्ति का प्रतीक बना रहेगा, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था का भी एक संवेदनशील संकेतक बना रहेगा।