संदर्भ:
भारत में पहली बार किए गए विस्तृत डॉल्फ़िन जनसंख्या सर्वेक्षण ने देश की प्रमुख नदी घाटियों में कुल 6,327 नदी डॉल्फ़िन का अनुमान प्रस्तुत किया है। 2021 से 2023 के बीच संपन्न इस सर्वेक्षण में गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में 6,324 गंगा डॉल्फ़िन और पंजाब की ब्यास नदी में 3 सिंधु नदी डॉल्फ़िन दर्ज की गईं।
· यह अध्ययन भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, झारखंड और राजस्थान के राज्य वन विभागों के साथ मिलकर, आरण्यक, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF), टर्टल सर्वाइवल एलायंस और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के सहयोग से किया।
मुख्य निष्कर्ष:
· अध्ययन के अनुसार उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक डॉल्फ़िन की संख्या दर्ज की गई, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान है। विशेष रूप से, गंगा की मुख्य धारा में औसतन 3,275 डॉल्फ़िन, गंगा की सहायक नदियों में 2,414, ब्रह्मपुत्र की मुख्यधारा में 584, ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों में 412 और ब्यास नदी में 101 डॉल्फ़िन थीं।
गणना की पद्धति:
· नदी में डॉल्फ़िन की गणना करना चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि वे पानी के नीचे निवास करती हैं। इस अध्ययन में हाइड्रोफोन (पानी के नीचे के माइक्रोफोन) का उपयोग करके डॉल्फ़िन की इकोलोकेशन के माध्यम से उनकी उपस्थिति दर्ज की गई।
· इसके अतिरिक्त, नाव पर तैनात दो स्वतंत्र पर्यवेक्षक दलों ने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक डॉल्फ़िन की गिनती सिर्फ एक बार हो। त्रिकोणीय निर्धारण विधि (Triangulation Method) और नाव की निरंतर गति (Constant Speed) ने गणना की सटीकता बढ़ाई।
गंगा नदी डॉल्फ़िन के बारे में:
· वैज्ञानिक नाम: प्लेटिनिस्टा गैंगेटिका
· इसे ‘सुसु’ या गंगा का बाघ भी कहा जाता है।
· इसकी लंबी पतली थूथन (Snout) और बड़े पंख (Flippers) इसे विशिष्ट बनाते हैं और इसके तैरने की विशेष शैली में सहायक होते हैं।
· इसके सिर के शीर्ष पर स्थित ब्लोहोल (Blowhole) इसकी श्वसन क्रिया में सहायता करता है।
· शिकार और नेविगेशन के लिए यह अल्ट्रासोनिक तरंगों का प्रयोग करती है।
· सतह पर सांस लेने के दौरान यह विशेष “सुसु” ध्वनि निकालती है।
· मादा गंगा डॉल्फ़िन, नर से आकार में बड़ी होती हैं और आमतौर पर हर 2-3 साल में एक बच्चा जन्म देती हैं।
संरक्षण स्थिति:
· IUCN: संकटग्रस्त
· वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम: अनुसूची-I
· CITES: परिशिष्ट I
मुख्य खतरे:
• अनजाने में शिकार
• डॉल्फ़िन के तेल का अवैध व्यापार
• नदी आवास का विनाश और प्रदूषण
• बांधों और बैराज के कारण जनसंख्या विखंडन
संरक्षण प्रयास:
निष्कर्ष:
यह पहला आधिकारिक अनुमान गंगा डॉल्फ़िन की जनसंख्या स्थिति पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है और इसके दीर्घकालिक संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
इस सर्वेक्षण की सफलता नदी पारिस्थितिकी तंत्र को समझने और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा हेतु भारत के वैज्ञानिक और प्रशासनिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।