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Blog / 21 Mar 2025

स्क्वाड समूह में भारत को शामिल करने की योजना

संदर्भ:

हाल ही में फिलीपींस, भारत और दक्षिण कोरिया को शामिल करके अपने अनौपचारिक सुरक्षा समूह स्क्वाड का विस्तार करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करना है।

स्क्वाड समूह के विषय में:

·        स्क्वाड एक अनौपचारिक सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल हैं। यह समूह दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर संयुक्त समुद्री अभ्यास और संचालन कर रहा है।

·        इन गतिविधियों का उद्देश्य चीन की आक्रामक नीतियों के कारण क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।

·        समूह के विस्तार से इसकी रक्षा क्षमता और मजबूती बढ़ेगी, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का बेहतर तरीके से सामना किया जा सकेगा। भारत और दक्षिण कोरिया को शामिल करने से आपसी रक्षा सहयोग मजबूत होगा और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

भारत और दक्षिण कोरिया क्यों?

·        भारत और दक्षिण कोरिया दोनों ने विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर चिंता व्यक्त की है। भारत की चीन के साथ सीमा विवादों के चलते लंबे समय से तनाव बना हुआ है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा समुद्री हितों के कारण वह स्क्वाड (Squad) का एक रणनीतिक साझेदार बन सकता है।

·        इसके अतिरिक्त, भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ते रक्षा और सैन्य संबंध इस समूह के भीतर गहरे सहयोग की संभावनाओं को मजबूत करते हैं। इसी तरह, दक्षिण कोरिया भी चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को लेकर चिंतित है। स्क्वाड में शामिल होने से उसे अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देने का एक प्रभावी मंच मिलेगा।

चीन की प्रतिक्रिया:

चीन ने विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की कार्रवाइयों पर आपत्ति जताई है। वह लगातार इस क्षेत्र के लगभग पूरे हिस्से पर दावा करता रहा है, जबकि फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और इंडोनेशिया सहित कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की संप्रभुता के दावों को अनदेखा करता है।

·        फिलीपींस ने इन दावों का विरोध किया है, विशेष रूप से 2016 में आए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के बाद, जिसने चीन के क्षेत्रीय दावों को अमान्य करार दिया था।

·        इसके बावजूद, चीन इस क्षेत्र पर अपने नियंत्रण का दावा जारी रखे हुए है, जिससे विवादित जलक्षेत्र में चीनी और फिलीपीन जहाजों के बीच टकराव की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए निहितार्थ :

  • भारत और दक्षिण कोरिया को शामिल करने से स्क्वाड का विस्तार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। यह गठबंधन चीन के बढ़ते प्रभाव का एक मज़बूत प्रतिसंतुलन प्रदान करेगा, विशेष रूप से उन समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए जो वैश्विक व्यापार के लिए अहम हैं।
  • रक्षा सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने से स्क्वाड और अधिक प्रभावशाली बन सकता है, जिससे दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा।

निष्कर्ष:

फिलीपींस द्वारा स्क्वाड समूह के विस्तार की पहल चीन की क्षेत्रीय मुखरता को लेकर उसकी बढ़ती चिंताओं को दर्शाती है। भारत और दक्षिण कोरिया के शामिल होने से यह समूह चीन के प्रभाव को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर सकता है।