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Blog / 14 Feb 2025

आइंस्टीन रिंग्स

संदर्भ: हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप ने NGC 6505 आकाशगंगा के चारों ओर एक दुर्लभ आइंस्टीन रिंग को कैप्चर किया, जोकि लगभग 590 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। 19वीं शताब्दी में खोजी गई यह आकाशगंगा अब महत्वपूर्ण ब्रह्मांडीय घटना को उजागर कर रही है।

·        इससे पहले सितंबर 2023 में ली गई तस्वीरों और हाल ही में जारी की गई तस्वीरों में एक प्रकाशित केंद्रीय बिंदु (bright central spot) के चारों ओर एक चमकदार, बादल जैसा छल्ला दिखाई देता है। यह खोज वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करती है कि गुरुत्वाकर्षण प्रकाश को कैसे मोड़ता है (bends light) और ब्रह्मांड के छिपे पदार्थों को कैसे प्रकट करता है।

आइंस्टीन रिंग क्या है?

आइंस्टीन रिंग तब बनती है जब कोई विशाल वस्तु, जैसे आकाशगंगा, बहुत दूर स्थित किसी दूसरी आकाशगंगा से आने वाले प्रकाश को अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से मोड़ देती है। इस उदाहरण में, NGC 6505, जो 4.42 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है, वह दूसरी आकाशगंगा के प्रकाश को मोड़ता है।

·        इस प्रक्रिया के कारण, निकटवर्ती आकाशगंगा के चारों ओर एक चमकदार और गोलाकार रिंग बन जाती है। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि गुरुत्वाकर्षण कैसे प्रकाश के रास्ते को मोड़ सकता है। सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस प्रभाव की भविष्यवाणी की थी

प्रकाश का झुकाव कैसे काम करता है:

जब दूर की आकाशगंगा से आने वाला प्रकाश किसी विशाल वस्तु, जैसे आकाशगंगा, से होकर गुजरता है, तो उस वस्तु का मजबूत गुरुत्वाकर्षण (gravity) प्रकाश की दिशा बदल देता है। इस झुकाव के कारण पीछे की आकाशगंगा ज्यादा चमकदार दिखाई देती है और कभी-कभी सामने की आकाशगंगा के चारों ओर एक वलय (ring) बन जाता है। हालांकि यह घटना दुर्लभ है (1% से भी कम आकाशगंगाओं में इसे देखा जाता है), आइंस्टीन वलय (Einstein ring) वैज्ञानिकों को आकाशगंगाओं के द्रव्यमान (mass) और संरचना (structure) का अध्ययन करने में मदद करता है।

यह खोज क्यों मायने रखती है:

·        डार्क मैटर का अध्ययन: हालांकि डार्क मैटर प्रकाश उत्सर्जित नहीं करता है, लेकिन गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से इसकी उपस्थिति का पता चलता है। प्रकाश का झुकाव वैज्ञानिकों को आकाशगंगाओं के चारों ओर डार्क मैटर की मात्रा और स्थान निर्धारित करने में मदद करता है।

·        दूर की आकाशगंगाओं का अवलोकन: गुरुत्वाकर्षण उन आकाशगंगाओं का अध्ययन करने में मदद करता है जो सामान्य रूप से बहुत धुंधली होती हैं, और इससे प्रारंभिक ब्रह्मांड के बारे में जानकारी मिलती है।

·        ब्रह्मांड का मानचित्रण: यूक्लिड अंतरिक्ष दूरबीन का उद्देश्य एक विस्तृत ब्रह्मांडीय मानचित्र बनाना है, जिससे ब्रह्मांड की संरचना को समझने के लिए आइंस्टीन वलय जैसी खोज आवश्यक हो जाती है।

यूक्लिड का मिशन और भविष्य की संभावनाएँ:

यूक्लिड मिशन ,ईएसए के कॉस्मिक विज़न कार्यक्रम का हिस्सा है, जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति, घटकों और मौलिक नियमों की खोज के लिए समर्पित है। ग्रीक गणितज्ञ यूक्लिड ऑफ अलेक्जेंड्रिया के नाम पर रखा गया यह मिशन मुख्य रूप से ब्रह्मांड केडार्क मैटर और डार्क एनर्जीपर केंद्रित है।

टेलीस्कोप 10 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर अरबों आकाशगंगाओं का अवलोकन करके ब्रह्मांड का एक त्रि-आयामी मानचित्र (समय को तीसरे आयाम के रूप में) बनाएगा। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी:

·        ब्रह्मांड में दृश्यमान (visible) और छिपी हुई दोनों तरह की सामग्री का वितरण।

·        ब्रह्मांड के विस्तार के लिए जिम्मेदार बल।

·        ब्रह्मांड की समग्र संरचना और इतिहास।

निष्कर्ष:

NGC 6505 के चारों ओर आइंस्टीन रिंग का यूक्लिड द्वारा कैप्चर किया जाना ब्रह्मांड के अध्ययन में एक बड़ी प्रगति है। यह छिपी हुई ब्रह्मांडीय सामग्री को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। जैसे-जैसे यूक्लिड अपना मिशन आगे बढ़ाता है, यह नई खोजों का अवसर प्रदान करता है, जो हमें अंतरिक्ष और उसे प्रभावित करने वाली शक्तियों के बारे में और गहरी जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगी।