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Blog / 10 Apr 2025

दुबई के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा

सन्दर्भ:

हाल ही में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आयोजित भारत- यूएई संयुक्त आयोग बैठक  के माध्यम से अपने द्विपक्षीय संबंधों को और सशक्त किया है। इस उच्च स्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जाएद अल नाहयान ने की। बैठक के दौरान व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, विज्ञान और शिक्षा सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर सहमति बनी।

बैठक के प्रमुख परिणाम:

भारत और यूएई ने निम्नलिखित छह महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति व्यक्त की:

1.      आईआईएम अहमदाबाद का एक नया परिसर दुबई में स्थापित किया जाएगा, जहां पहला एमबीए कार्यक्रम सितंबर 2025 से आरंभ होगा।

2.      भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) का पहला अंतरराष्ट्रीय परिसर, एक्सपो सिटी दुबई स्थित भारत मंडपम में शुरू किया जाएगा।

3.      भारत मार्ट परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी गई है, जिसके डिज़ाइन का 3D प्रस्तुतीकरण भी जारी किया गया।

4.      दुबई में यूएई-भारत मैत्री अस्पताल की स्थापना के लिए भूमि आवंटित की गई है।

5.      कोच्चि और वडिनार में जहाज मरम्मत क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, जिससे समुद्री अवसंरचना को मजबूती मिलेगी।

6.      दुबई चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक कार्यालय भारत में खोला जाएगा, जो द्विपक्षीय व्यापारिक संपर्कों को और प्रोत्साहित करेगा।

भारत-यूएई संबंधों के बारे में:
1. रणनीतिक साझेदारी:

वर्ष 2017 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को विस्तृत रणनीतिक साझेदारीके स्तर तक पहुँचा दिया, जिससे सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और रक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को नई गति मिली।

  • दोनों देश ब्रिक्स, G20 और I2U2 जैसे प्रमुख वैश्विक मंचों पर मिलकर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
  • साझेदारी का प्रमुख उद्देश्य वैश्विक सतत विकास, क्षेत्रीय शांति और साझा विकास लक्ष्यों को साकार करना है।
  • इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) एक अहम संपर्क परियोजना है, जो क्षेत्रीय समृद्धि और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देगी।

2. व्यापार:
भारत और यूएई के बीच समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के तहत व्यापार अब 85 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है। जल्द ही इसके 100 अरब डॉलर के गैर-तेल व्यापार का लक्ष्य प्राप्त होने की उम्मीद है।

  • वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर (VTC) और मैत्री इंटरफ़ेस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से व्यापार को आसान और तेज़ बनाया जा रहा है।
  • भारत से निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्य सामग्री, मशीनरी, वस्त्र, रत्न और आभूषण।
  • यूएई से निर्यात: कच्चा तेल, पेट्रोकेमिकल्स, कीमती धातुएं।

3. ऊर्जा सहयोग

  • यूएई से प्राप्त तेल को भारत अपने रणनीतिक तेल भंडारण केंद्रों में संरक्षित करता है।
  • दोनों देश सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और कचरे से ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं।
  • यह सहयोग IRENA (International Renewable Energy Agency) और ISA (International Solar Alliance) जैसी संस्थाओं के तहत हो रहा है।

4. अंतरिक्ष, AI और फिनटेक सहयोग

  • भारत के इसरो और यूएई के स्पेस एजेंसी के बीच उपग्रह प्रक्षेपण और डेटा साझा करने पर समझौते हुए हैं।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल भुगतान और फिनटेक नियमन जैसे क्षेत्रों में दोनों देश मिलकर नवाचार कर रहे हैं।

5. शैक्षणिक सहयोग

  • यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय पाठ्यक्रम वाले स्कूल (CBSE, ICSE) संचालित हो रहे हैं।
  • दोनों देशों के बीच छात्र आदान-प्रदान और विश्वविद्यालयों के बीच समझौता ज्ञापन (MoUs) में निरंतर वृद्धि हो रही है।

6. रक्षा और सुरक्षा सहयोग

  • वर्ष 2024 में हुआ डेज़र्ट साइक्लोन (Desert Cyclone) सैन्य अभ्यास भारत-यूएई के रक्षा संबंधों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि रहा।
  • एक नया डिफेंस पार्टनरशिप फोरम शुरू किया गया है, जो रणनीतिक और संचालनात्मक सहयोग को बढ़ाएगा।
  • दोनों देशों ने पश्चिम एशिया (West Asia) में स्थिरता और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

निष्कर्ष:

संयुक्त आयोग की बैठक के परिणाम यह दिखाते हैं कि भारत और यूएई के संबंध अब एक बहु-आयामी रणनीतिक साझेदारी का रूप ले चुके हैं। व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में जो प्रगति हुई है, वह आने वाले समय में दोनों देशों को और भी नजदीक लाएगी।